कोरबा: ऐसे कई परिवार हैं, जिन्होंने कोरोना (corona) की पहली और दूसरी लहर (first and second wave of corona) में अपने परिजनों को खो दिया था. ऐसे लोग अपने परिजनों की यादें एक हरे भरे पेड़ के रूप में संजोकर रख सकेंगे. वन विभाग यह मौका लोगों को देने जा रहा है. वन विभाग द्वारा कोरोना काल मे परिजनों को खोने वाले लोगों के लिए शहर के पास ही मौजूद नगर वन को स्मृति वन के तौर पर डेवलप करने जा रहा है. जहां 500 गड्ढे खोदे गए हैं.
मुफ्त में मिलेंगे पौधे
कोरबा वन विभाग (Forest Department Korba) के पास जिला जेल के समीप रिस्दी और खरमोर में एक नगर वन मौजूद है. अब इस नगर वन को स्मृति वन के तौर पर विकसित किया जाएगा. जहां पर 500 गड्ढे खोदकर इतने ही पौधे रोपे जाएंगे. यह पौधे विशेष तौर पर उन परिवार के लोगों के लिए आरक्षित हैं, जिन्होंने अपने किसी ना किसी परिजन को कोराना काल में खो दिया था.
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ऐसे लोगों को वन विभाग की तरफ से गड्ढे खोदने से लेकर पौधे और खाद नि:शुल्क प्रदान किए जाएंगे. इसके लिए वन विभाग ने ना सिर्फ फलदार वृक्ष बल्कि बरगद, पीपल, नीम जैसे पौधों के साथ फूल के वृक्षों को भी योजना के लिए शामिल किया है. वन विभाग ने इच्छुक लोगों से अपील भी की है कि वह आगे आकर इस प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं और अपने परिजनों की याद हमेशा के लिए संजोकर रख सकते हैं.
जब उन्हें खाली समय मिले तो वह खुद ही इन पौधों की निंदाई, गुड़ाई कर खाद,पानी प्रदान करें. जिससे कि एक पेड़ के तौर पर उनके परिजनों की याद हमेशा उनके साथ रहे.
वन विभाग को होगा दोहरा फायदा
वन विभाग की इस कवायद से दोहरा फायदा होगा. एक तरफ कोरोना काल में अपने परिजनों को खोने वाले लोग उनकी याद संजोकर रख सकेंगे, तो दूसरी ओर शहर के समीप एक हरा-भरा स्मृति वन तैयार हो जाएगा. जिससे प्रदूषण कम होगा और कोरबा के पर्यावरण को भी ऑक्सीजन मिलेगा. वन विभाग इस योजना को लेकर काफी उत्साहित है. इसके लिए लोगों के आगे आकर प्रक्रिया में हिस्सा लेने का इंतजार किया जा रहा है. जल्द ही प्रक्रिया शुरू कर स्मृति वन में पौधों का रोपण भी शुरू किया जाएगा.