रायपुर: इस साल करवा चौथ पर्व को लेकर लोग असमंजस में है कि ये पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा या फिर 1 नवंबर को. अगर आप उदया तिथि और चतुर्थी के चंद्रोदय के आधार पर करवा चौथ का व्रत करेंगे तो 1 नवंबर को करवा चौथ मनाया जाएगा. इस दिन व्रत करने वालों को 13 घंटे 42 मिनट तक निर्जल रहना पड़ेगा. इस बार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 9:30 से शुरू हो रही है.1 नवंबर बुधवार को रात 9:19 पर चतुर्थी खत्म होगी. ऐसे में व्रत करने वाली महिलाएं 1 नवंबर की सुबह 6:35 से रात 8:15 तक निर्जला रह सकती हैं.
क्या कहते हैं पंडित: इस बारे में पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि, "जो महिलाएं 1 नवंबर बुधवार को करवा चौथ का व्रत रखेंगी. उनके लिए शाम के समय एक घंटा 18 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा. करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:36 से 6:54 तक रहेगा. ये व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करती हैं. शाम को चांद देखने के बाद ही महिलाएं पारण करती हैं."
करवा चौथ पर क्या करें, क्या न करें: करवा चौथ के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए. महिलाओं को घर में किसी बड़े का अपमान नहीं करना चाहिए. पति के साथ भी प्रेम से रहना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ व्रत के दिन पति-पत्नी को आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए. कहते हैं कि झगड़ा करने से व्रत का फल नहीं मिलता. ऐसी भी मान्यता है कि करवा चौथ पर सफेद चीजों का दान भूलकर भी नहीं करना चाहिए. सफेद कपड़े, सफेद मिठाई, दूध, चावल, दही आदि को भी किसी को भी दान नहीं करना चाहिए. करवा चौथ व्रत नियम के मुताबिक व्रत की शुरुआत सूर्योदय के साथ ही होती है. करवा चौथ के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए. करवा चौथ पर पूजा के दौरान काले और भूरे रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए, इसे अशुभ माना गया है. ऐसे में व्रत के दौरान लाल रंग के कपड़े ही महिलाओं को पहनने चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि लाल रंग प्रेम का प्रतीक है.
करवा चौथ पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान: करवा चौथ के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को दिन में नहीं सोना चाहिए. साथ ही इस दिन सोए हुए व्यक्ति को जगाना भी नहीं चाहिए. ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ के दिन किसी भी सोते हुए व्यक्ति को नींद से जगाना अशुभ होता है. करवा चौथ पर सास की ओर से दी गई सरगी शुभ मानी जाती है. व्रत शुरू होने से पहले सास अपनी बहू को कुछ मिठाइयां कपड़े और श्रृंगार का सामान देती है. इस दिन सूर्योदय से पहले ही सरगी कर लेना चाहिए. सरगी खाने के बाद ही व्रत करना चाहिए. इसके बाद पूरे दिन निर्जल व्रत रहकर पति की लंबी आयु के लिए कामना करनी चाहिए.