रायपुर: मंगलवार को दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए अनोखा प्रदर्शन किया. विधवाओं ने धरना स्थल पर फांसी का फंदा बनाकर सांकेतिक रूप से प्रदर्शन किया. एक तरह से इन विधवाओं ने सरकार को संकेत दिया है कि अगर इनकी अनुकंपा नियुक्ति की मांग पूरी नहीं होती है, तो आने वाले समय में सभी लोग आत्मदाह करेंगे.
प्रदर्शन कर रहे हैं इन लोगों का कहना है कि सरकार बनने के ढाई सालों बाद भी इनको अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है. जिसको लेकर इन लोगों में नाराजगी और गुस्सा देखने को मिला. दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ 27 और 29 जुलाई को विधानसभा का घेराव करने भी निकले थे. जिन्हें रास्ते में पुलिस के द्वारा रोक दिया था. दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ, अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर सोमवार को झाड़ू लगाकर विरोध प्रदर्शन कर चुका है.
दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ अपनी अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर सरकार को जगाने के लिए पिछले 13 दिनों से राजधानी के बूढ़ातालाब धरना स्थल पर बैठे हैं. सरकार की तरफ से इनको किसी तरह का कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है. जिसके कारण हालात और परिस्थिति से मजबूर होकर इन लोगों ने सरकार को जगाने के लिए अलग- अलग तरीके से प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. बावजूद इसके सरकार ने अब तक इनकी सुध नहीं ली है.
अनुकंपा नियुक्ति को लेकर प्रदर्शन, कब पूरी होगी मांग, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
सरकार द्वारा दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड, डीएड और टीईटी की परीक्षा देनी होगी. जिसके आधार पर ही उनको अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रित परिवारों के पास दो वक्त की रोजी रोटी के लिए भी पैसे नहीं है. ऐसे में डीएड, बीएड और टीईटी की परीक्षा कहां से देंगे.
राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2018 को शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है. लेकिन साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों की मौतें हुई हैं. उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. जिसके कारण इन आश्रित परिवारों को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है. पूरे प्रदेश में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रित हैं, जो अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं