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पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं को अनुकंपा नियुक्ति की आस, शिक्षा विभाग ने जिलों से मांगा ब्यौरा - शिक्षाकर्मियों की विधवाओं

छत्तीसगढ़ में पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं को नियुक्ति का रास्फा साफ होता नजर आ रहा (Widow of Panchayat education workers hoped for compassionate appointment) है. सरकार इस मामले में हरकत में आई है. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने जिलों से इस केस में उन शिक्षकों का ब्यौरा मांगा है जिनकी मृत्यु संविलियन के पहले हुई.

Widow of Panchayat education workers
पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं को अनुकंपा नियुक्ति
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Published : Aug 3, 2022, 10:18 PM IST

रायपुर: अनुकंपा नियुक्ति के लिए लगातार आंदोलन करने वाली शिक्षाकर्मियों की विधवाओं को नौकरी की (Widow of Panchayat education workers) आस जगी है. पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं की मांग पर सरकार ने एक्शन लिया है और स्कूल शिक्षा विभाग को ऐसे शिक्षाकर्मियों का डेटा जुटाने को कहा है. जिनकी मौत संविलिनय के पहले हुई. अब इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग सामान्य प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन लेना चाहता है. जिसके बाद अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके. लोक शिक्षण संचनालय से बुधवार को सभी संभाग संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी को एक पत्र जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि आपके जिले में अनुकंपा नियुक्ति के ऐसे प्रकरण जिसमें कर्मचारी की मृत्यु शिक्षाकर्मी के रूप में स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन से पूर्व हो चुकी है. ऐसे लोगों की सूची संचनालय को उपलब्ध कराई जाए. ताकि अनुकंपा नियुक्ति के मामले में सामान्य प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन लिया जा सके.

Widow of Panchayat education workers
शिक्षा विभाग के आदेश की कॉपी

लोक शिक्षण संचालनालय से पत्र हुआ जारी: लोक लोक शिक्षण संचालनालय ने बुधवार को पत्र जारी कर जिला शिक्षा अधिकारियों से ताकीद की है कि वह जिले में ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा तैयार करें. जिनकी मौत संविलियन से पहले हुई है. उनका ब्यौरा संचालनालय को उपलब्ध कराएं ताकि अनुकंपा नियुक्ति के मामले में सामान्य प्रशासन विभाग से उचित गाइडेंस लिया जा सके.इस पत्र के साथ कई महीनों से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सैकड़ों परिवारों को राहत की उम्मीद बंधी है. मृत शिक्षाकर्मियों की पत्नियों-बच्चों ने महीनों तक रायपुर में धरना-प्रदर्शन किया. इसके अलावा वे विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी सड़क पर ( Education Department Asked Details Of Deceased education workers) उतरीं.

ये भी पढ़ें: दिवंगत पंचायत शिक्षक संघ में शामिल विधवाओं ने सड़क पर क्यों किए जूते पॉलिश ?

2018 से पहले दो तरह के शिक्षकों का वर्ग था कार्यरत: छत्तीसगढ़ में साल 2018 से पहले स्कूलों में दो तरह के शिक्षक कार्यरत थे. पहले ऐसे शिक्षक थे जो स्कूल शिक्षा विभाग में नियमित शिक्षक के तौर पर कार्यरत थे. दूसरे पंचायत और नगरीय निकायों में नियुक्त हुए शिक्षाकर्मी थे. ऐसे शिक्षा कर्मियों की नियुक्ति रेगुलर नहीं थी वह पैरा शिक्षक के वर्ग में आते थे. इन्हें राज्यकर्मी का भी दर्जा प्राप्त नहीं था. ऐसे शिक्षाकर्मी की मृत्यु के बाद सामान्य सरकारी कर्मचारी की तरह इन्हें अनुकंपा नियुक्ति का पात्र नहीं समझा जाता था. ना ही इसका कोई प्रावधान था. ऐसे में सरकार ऐसे केसों में मृतकों के परिजनों को नियुक्ति नहीं दे पा रही थी. इस फैसले पर छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक संघ ने खुशी जाहिर की है और सरकार से पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं की जल्द से जल्द अनुकंपा नियुक्ति की मांग की है

Widow of Panchayat education workers
पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं के विरोध प्रदर्शन की तस्वीर
प्रदेश में लगभग 935 पंचायत शिक्षकों की सेवा के दौरान हुई थी मौत: पूरे प्रदेश में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाएं और बच्चें हैं. जो अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनका मांग है कि डीएड बीएड और टीईटी की अनिवार्यता को शिथिल करते हुए सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी या फिर सहायक शिक्षकों के पद पर अथवा प्रयोगशाला शिक्षक के पदों पर नियुक्ति दी जाए.

रायपुर: अनुकंपा नियुक्ति के लिए लगातार आंदोलन करने वाली शिक्षाकर्मियों की विधवाओं को नौकरी की (Widow of Panchayat education workers) आस जगी है. पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं की मांग पर सरकार ने एक्शन लिया है और स्कूल शिक्षा विभाग को ऐसे शिक्षाकर्मियों का डेटा जुटाने को कहा है. जिनकी मौत संविलिनय के पहले हुई. अब इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग सामान्य प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन लेना चाहता है. जिसके बाद अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके. लोक शिक्षण संचनालय से बुधवार को सभी संभाग संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी को एक पत्र जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि आपके जिले में अनुकंपा नियुक्ति के ऐसे प्रकरण जिसमें कर्मचारी की मृत्यु शिक्षाकर्मी के रूप में स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन से पूर्व हो चुकी है. ऐसे लोगों की सूची संचनालय को उपलब्ध कराई जाए. ताकि अनुकंपा नियुक्ति के मामले में सामान्य प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन लिया जा सके.

Widow of Panchayat education workers
शिक्षा विभाग के आदेश की कॉपी

लोक शिक्षण संचालनालय से पत्र हुआ जारी: लोक लोक शिक्षण संचालनालय ने बुधवार को पत्र जारी कर जिला शिक्षा अधिकारियों से ताकीद की है कि वह जिले में ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा तैयार करें. जिनकी मौत संविलियन से पहले हुई है. उनका ब्यौरा संचालनालय को उपलब्ध कराएं ताकि अनुकंपा नियुक्ति के मामले में सामान्य प्रशासन विभाग से उचित गाइडेंस लिया जा सके.इस पत्र के साथ कई महीनों से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सैकड़ों परिवारों को राहत की उम्मीद बंधी है. मृत शिक्षाकर्मियों की पत्नियों-बच्चों ने महीनों तक रायपुर में धरना-प्रदर्शन किया. इसके अलावा वे विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी सड़क पर ( Education Department Asked Details Of Deceased education workers) उतरीं.

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2018 से पहले दो तरह के शिक्षकों का वर्ग था कार्यरत: छत्तीसगढ़ में साल 2018 से पहले स्कूलों में दो तरह के शिक्षक कार्यरत थे. पहले ऐसे शिक्षक थे जो स्कूल शिक्षा विभाग में नियमित शिक्षक के तौर पर कार्यरत थे. दूसरे पंचायत और नगरीय निकायों में नियुक्त हुए शिक्षाकर्मी थे. ऐसे शिक्षा कर्मियों की नियुक्ति रेगुलर नहीं थी वह पैरा शिक्षक के वर्ग में आते थे. इन्हें राज्यकर्मी का भी दर्जा प्राप्त नहीं था. ऐसे शिक्षाकर्मी की मृत्यु के बाद सामान्य सरकारी कर्मचारी की तरह इन्हें अनुकंपा नियुक्ति का पात्र नहीं समझा जाता था. ना ही इसका कोई प्रावधान था. ऐसे में सरकार ऐसे केसों में मृतकों के परिजनों को नियुक्ति नहीं दे पा रही थी. इस फैसले पर छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक संघ ने खुशी जाहिर की है और सरकार से पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं की जल्द से जल्द अनुकंपा नियुक्ति की मांग की है

Widow of Panchayat education workers
पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं के विरोध प्रदर्शन की तस्वीर
प्रदेश में लगभग 935 पंचायत शिक्षकों की सेवा के दौरान हुई थी मौत: पूरे प्रदेश में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाएं और बच्चें हैं. जो अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनका मांग है कि डीएड बीएड और टीईटी की अनिवार्यता को शिथिल करते हुए सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी या फिर सहायक शिक्षकों के पद पर अथवा प्रयोगशाला शिक्षक के पदों पर नियुक्ति दी जाए.

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