रायपुर :छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Crime ) में अपराध के मामले पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं. सिर्फ हत्या ही नहीं बल्कि लूट , चाकूबाजी , दुष्कर्म जैसे मामलों में भी पिछले कुछ सालों में वृद्धि हुई है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में प्रदेश में 972 हत्या के मामले सामने आए (Child crime on the rise in Chhattisgarh) हैं. वही 720 हत्या के प्रयास के मामले भी सामने आए हैं. छत्तीसगढ़ में अभी स्थिति ऐसी हो गई है कि छोटी-छोटी लड़ाई और बहस में भी चाकूबाजी , मारपीट जैसे मामले देखने को मिलते हैं. युवाओं में चाकू लेकर घूमना एक तरीके से ट्रेंड सा हो गया है. पिछले कुछ सालों में घरों में मारपीट , छोटी-छोटी बातों पर बच्चों का अग्रेशन ज्यादा नजर आ रहा है. ऐसे छोटे-छोटे बहस और मामूली विवाद में बच्चे अपने माता-पिता तक का खून कर देते हैं. आखिर यह कौन सी वजह है जिससे बच्चे इतना एग्रेसिव हो रहे (Raipur Crime ) हैं.
अपराध का प्रकरण | संख्या |
हत्या | 972 |
हत्या का प्रयास | 720 |
महिलाओं पर हमला | 1187 |
सेक्सुअल हैरेसमेंट | 171 |
अपहरण | 2008 |
चोरी | 6040 |
डकैती | 85 |
धोखाधड़ी | 420 |
दहेज प्रताड़ना | 641 |
क्या कहती है केस स्टडी ?
• राजधानी रायपुर के टाटीबंध में पिछले साल सितंबर महीने में हत्या का मामला सामने आया था. पिता और बेटे के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था और यह विवाद इतना बढ़ गया कि बेटे ने अपने पिता की हत्या कर दी. दरअसल बेटा कुछ करता नहीं था जिस वजह से उसके पिता उसको डाटा करते थे. इस कारण बेटा हरप्रीत सिंह 4 महीने घर से अलग रह रहा था. 4 महीने बाद जब हरप्रीत वापस लौटा तो हरप्रीत की बहस उसके पिता से होगी इसके बाद हरप्रीत ने अपने पिता की हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया.
• छत्तीसगढ़ के कवर्धा क्षेत्र में पिछले साल सितंबर महीने में हत्या का एक मामला सामने आया था. इस मामले में बेटे कैलाश ने अपने पिता प्रभुलाल की हत्या कर दी थी और उसका शव घर से करीब 100 मीटर दूर ले जाकर दफन कर दिया था. पिता प्रभुलाल और बेटे कैलाश के बीच अक्सर बाइक चलाने को लेकर विवाद होता रहता था. प्रभुलाल अपने बेटे को बाइक चलाने नहीं देता था और टीवी देखने से रोकता था. जिसके बाद बेटे ने रस्सी से अपने पिता की गला घोंटकर हत्या कर दी और उसका शव घर से कुछ दूर दफन कर दिया. 2 दिन बाद आरोपी बेटा सरपंच के पास जाकर अपने पिता के गुम हो जाने की बात कहता है.जब गांव वाले प्रभुलाल को ढूंढने निकले तो घर से कुछ दूर एक जगह पर संदेह होने पर जमीन को खोदा तो वहां प्रभुलाल कश्यप की शव मिला. पुलिस ने जब आरोपी बेटे से कड़ी पूछताछ की तो आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया.
• राजधानी रायपुर के विधानसभा थाना क्षेत्र इलाके के नरदहा गांव में गुरुवार को हत्या का एक मामला सामने आया। दरअसल पिता अशोक वर्मा के रोकने टोकने से परेशान बेटा देवेंद्र वर्मा ने अपने ही पिता की टंकियां मारकर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया. जैसे ही इस मामले की जानकारी पुलिस को हुई. पुलिस ने आरोपी बेटी की तलाश करनी शुरू कर दी और तुरंत पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया.
• छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के कोटपारा गांव में हरेली के दिन एक हत्या का मामला सामने आया. 21 साल का नरेश सामरथ अपने दोस्त के साथ रात को 9:00 बजे बाहर घूमने जाने लगा। जब उसके पिता धनसिंग ने उसे टोका और बाहर जाने से मना किया. इसी बात से तैश में आकर नरेश ने लकड़ी उठाई और अपने पिता को लकड़ी से मार मार कर जान से मार डाला. मृतक की पत्नी के शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की और नरेश को गिरफ्तार कर लिया.
किस वजह से बच्चे करते हैं अग्रेसिव बिहेवियर? : साइकैट्रिस्ट डॉक्टर सुरभि दुबे (Psychiatrist Dr Surbhi Dubey) ने बताया " बच्चों में आजकल बहुत ज्यादा एक्स्पोज़र टू विजुअल कंटेंट हो गया है. वह कंटेंट बहुत ज्यादा वॉइलैंस से भरा है. वीडियो गेम ऐसे बहुत सारे हैं जिसमें मारपीट और हिंसा भरी रहती है.इसके अलावा ऐसे फिल्म भी आजकल बहुत ज्यादा देख रहे हैं , जिसमें मारपीट होती है. जो हम देखते हैं उसको धीरे-धीरे हम नॉर्मल समझने लगते हैं. इस वजह से जो मारपीट या हिंसा भरी चीजें उसमें होती है वह बच्चो को गलत नहीं लगता. यह देखी हुई चीज है और इसे हम कर सकते हैं. यह काफी कॉमन हो गया है कि जो टीनएजर्स ग्रुप है उसमें इस तरह की घटनाएं काफी ज्यादा होती है. इसमें नशा एक बहुत बड़ी समस्या है. किसी भी तरह का नशा बच्चों में इंपल्सिव बिहेवियर बढ़ा देता है. मतलब बच्चे बिना कुछ सोचे समझे इस तरह की घटना को अंजाम देते हैं. "
कैसे रखे बच्चों का ध्यान
• बच्चों को सुपरवाइजर करना बहुत जरूरी. खासकर टीनएजर वाले एज में बच्चों का खास ख्याल रखना चाहिए.
• बच्चा मोबाइल और टीवी में क्या देख रहा है. इस पर ध्यान रखना चाहिए.
• क्राइम पेट्रोल , एक्शन फिल्म या सेंसटिव कंटेंट देखने से बच्चों को रोकना चाहिए.
• बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा इंटरेक्शन करें. दिनभर उन्होंने बच्चों ने क्या किया , बच्चे क्या कर रहे हैं यह सारी बातें बच्चों से करनी चाहिए.
• बच्चों के दोस्त कैसे हैं, बच्चे किससे कांटेक्ट में है इसका खास ध्यान रखना चाहिए।.
• बच्चे को मोबाइल से दूर कर फिजिकल एक्टिविटी करानी चाहिए.