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World Environment Day: विश्व पर्यावरण दिवस इसलिए है बेहद खास - Why is World Environment Day special

विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day 2022 ) हर साल 5 जून को मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का लक्ष्य पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ-साथ पर्यावरण का संरक्षण करना है.

World Environment Day
विश्व पर्यावरण दिवस
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Published : May 31, 2022, 9:28 AM IST

Updated : Jun 5, 2022, 6:30 AM IST

रायपुर: विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day 2022) हर साल 5 जून को मनाया जाता है. इस दिन को वैश्विक स्तर पर लोगों को प्रकृति के महत्व के बारे में जागरुक करने को मनाया जाता है. साथ ही प्रकृति के विनाशकारी पहलू और उसके मूल्यों से भी रू-ब-रू कराया जाता है. बीते एक साल से भी ज्यादा समय से कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लगे लंबे लॉकडाउन में लोग घरों में कैद रहे, जो पर्यावरण के लिए बेहतर साबित हुआ है.

यह भी पढ़ें: world environment day: पर्यावरण और जल संरक्षण को सहेजे हुए रामानुजगंज का बोहला बांध और वन वाटिका

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास: 'विश्व पर्यावरण दिवस' प्रकृति और हरियाली के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा आयोजित सबसे बड़े वार्षिक कार्यक्रमों में से एक है. संयुक्त राष्ट्र सभा ने 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत की थी, जो मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन का पहला दिन था.1974 में थीम 'ओनली वन अर्थ' के तहत इसे मनाया गया था. तब से कई देश इस दिन का आयोजन कर रहे हैं. बता दें, विश्व पर्यावरण दिवस पहली बार 1974 में अमेरिका में मनाया गया था.

विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत: साल 1972 ने अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय राजनीति के विकास में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया, जब संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में बुलाई गई पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर 5-16 जून के बीच स्टॉकहोम (स्वीडन) में पहला बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया. यह मानव पर्यावरण पर सम्मेलन या स्टॉकहोम सम्मेलन के रूप में जाना जाता है. इसका लक्ष्य मानव पर्यावरण को संरक्षित करने और बढ़ाने की चुनौती को संबोधित करने के तरीके पर एक बुनियादी सामान्य दृष्टिकोण बनाना था. बाद में इस वर्ष 15 दिसंबर को महासभा ने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में नामित करने वाला संकल्प लिया. इसके बाद 1974 में 'केवल एक पृथ्वी' के नारे के साथ पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया.

विश्व पर्यावरण दिवस मनाना इसलिए है जरूरी: मौजूदा स्थिति को देखते हुए विश्व पर्यावरण दिवस मनाना बहुत ही जरूरी हो गया (need to celebrate world environment day) है.आज पर्यावरण अंसुतलन बढ़ता ही जा रहा है. लगातार बढ़ती आबादी और अद्यौगिकीकरण, प्राकृति संसाधनों का अंधाधुंध दोहन की वजह से आज वैश्विक तापमान लगातार बढ़ रहा है. जिसके कारण ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं जिससे समुद्र का तटीय इलाके के डूबने का खतरा बनता जा रहा है. पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी को अपने स्तर पर हर संभव कोशिश करनी चाहिए. इसके साथ ही लोगों के बीच पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, 'ब्लैक होल' इफेक्ट आदि ज्वलंत मुद्दों और इनसे होने वाली विभिन्न समस्याओं के प्रति सामान्‍य लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.

रायपुर: विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day 2022) हर साल 5 जून को मनाया जाता है. इस दिन को वैश्विक स्तर पर लोगों को प्रकृति के महत्व के बारे में जागरुक करने को मनाया जाता है. साथ ही प्रकृति के विनाशकारी पहलू और उसके मूल्यों से भी रू-ब-रू कराया जाता है. बीते एक साल से भी ज्यादा समय से कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लगे लंबे लॉकडाउन में लोग घरों में कैद रहे, जो पर्यावरण के लिए बेहतर साबित हुआ है.

यह भी पढ़ें: world environment day: पर्यावरण और जल संरक्षण को सहेजे हुए रामानुजगंज का बोहला बांध और वन वाटिका

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास: 'विश्व पर्यावरण दिवस' प्रकृति और हरियाली के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा आयोजित सबसे बड़े वार्षिक कार्यक्रमों में से एक है. संयुक्त राष्ट्र सभा ने 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत की थी, जो मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन का पहला दिन था.1974 में थीम 'ओनली वन अर्थ' के तहत इसे मनाया गया था. तब से कई देश इस दिन का आयोजन कर रहे हैं. बता दें, विश्व पर्यावरण दिवस पहली बार 1974 में अमेरिका में मनाया गया था.

विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत: साल 1972 ने अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय राजनीति के विकास में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया, जब संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में बुलाई गई पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर 5-16 जून के बीच स्टॉकहोम (स्वीडन) में पहला बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया. यह मानव पर्यावरण पर सम्मेलन या स्टॉकहोम सम्मेलन के रूप में जाना जाता है. इसका लक्ष्य मानव पर्यावरण को संरक्षित करने और बढ़ाने की चुनौती को संबोधित करने के तरीके पर एक बुनियादी सामान्य दृष्टिकोण बनाना था. बाद में इस वर्ष 15 दिसंबर को महासभा ने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में नामित करने वाला संकल्प लिया. इसके बाद 1974 में 'केवल एक पृथ्वी' के नारे के साथ पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया.

विश्व पर्यावरण दिवस मनाना इसलिए है जरूरी: मौजूदा स्थिति को देखते हुए विश्व पर्यावरण दिवस मनाना बहुत ही जरूरी हो गया (need to celebrate world environment day) है.आज पर्यावरण अंसुतलन बढ़ता ही जा रहा है. लगातार बढ़ती आबादी और अद्यौगिकीकरण, प्राकृति संसाधनों का अंधाधुंध दोहन की वजह से आज वैश्विक तापमान लगातार बढ़ रहा है. जिसके कारण ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं जिससे समुद्र का तटीय इलाके के डूबने का खतरा बनता जा रहा है. पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी को अपने स्तर पर हर संभव कोशिश करनी चाहिए. इसके साथ ही लोगों के बीच पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, 'ब्लैक होल' इफेक्ट आदि ज्वलंत मुद्दों और इनसे होने वाली विभिन्न समस्याओं के प्रति सामान्‍य लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.

Last Updated : Jun 5, 2022, 6:30 AM IST
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