रायपुर: देश के महान रंगकर्मी हबीब तनवीर की याद में हर साल राजधानी में नाट्य समारोह का आयोजन किया जाता है. इस साल भी 1 सितंबर और 2 सितंबर के हबीब तनवीर याद में दो दिवसीय नाटक का मंचन किया जाएगा. इस बार के नाट्य मंचन की टैग लाइन "संस्कृति विभाग तुम्हारे बाप का नहीं" रखा गया है. इस थीम को रखने की वजह यह है कि हबीब तनवीर की याद में नाट्य समारोह आयोजन को लेकर सहयोग मांगने पहुंचे रंगमंच के कलाकार, निर्देशक योग मिश्र, संस्कृति विभाग के डायरेक्टर के पास पहुंचे थे.
इस दौरान संस्कृति विभाग के डायरेक्टर ने सहयोग करने के बजाय उन्हें दुत्कारते हुए यह कह दिया गया कि संस्कृति विभाग तुम्हारे बाप का नहीं है. इस घटना के बाद से ही प्रदेश के कलाकारों ने इस घटना की कड़ी निंदा की. वहीं संस्कृति विभाग के मंत्री से मुलाकात कर अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की.
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संस्कृति विभाग के अधिकारी द्वारा रंगकर्मी को दुत्कारने और अपमान करने की पीड़ा और अपमान को रंगमंच के जरिए 1 सितंबर को रंगमदिर में प्रस्तुत किया जाएगा. इस कार्यक्रम के कलाकारों के समर्थन में रंगमंच के कलाकार और अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा भी कार्यक्रम में पहुंचकर कलाकारों का समर्थन करेंगे.
सोशल मीडिया में भी नाटक का पोस्टर वायरल
हबीब तनवीर याद में आयोजित दो दिवसीय समारोह की टैग लाइन 'संस्कृति विभाग तुम्हारे बाप का नहीं' रखी गई है ऐसे में सोशल मीडिया में भी इस कार्यक्रम का पोस्टर जमकर वायरल हो रहा है.
गुरु के अपमान बदला इस तरह लेंगे शिष्य
संस्कृति विभाग के डायरेक्टर द्वारा निर्देशक योग मिश्र के अपमान से उनके शिष्य भी नाराज हैं. इसके साथ ही संचालक के खिलाफ कलाकारों में भी आवेश है. नाट्य समारोह में नाटक प्रस्तुत करने वाले कलाकारों ने बताया कि अधिकारी के इस रवैया के खिलाफ में एक गीत भी प्रस्तुत करेंगे.
कलाकार मंगेश यादव ने कहा कि जिस तरह से उनके गुरु का अपमान हुआ है. यह संस्कृति का भी अपमान है,.अगर छत्तीसगढ़ में हमें संस्कृति कला सीखनी है तो हम किन के पास जाएंगे जो यहां की संस्कृति जानता है, उनके पास जाएंगे ना कि संस्कृति विभाग के अधिकारियों के पास.
मंगेश ने बताया कि उनके गुरु योग मिश्र, उन्हें अच्छी तरह से सिखाते हैं. अगर गलतियां भी होती हैं तो आज तक कभी भी उन्होंने कभी दुर्व्यवहार नहीं किया. संस्कृति विभाग रंगकर्मी ने अपशब्दों का प्रयोग किया था.
कलाकार समीर शर्मा ने कहा कि उम्रदराज व्यक्ति के साथ इस तरह संस्कृति विभाग के अधिकारी का व्यवहार बेहद निंदनीय हैं. कई ऐसे अधिकारी हैं तो छत्तीसगढ़ के बाहर के हैं और यहां की संस्कृति के बारे में नहीं जानते और अगर कोई संस्कृति के जानकार है, उनकी बेइज्जती की जाए तो यह कहां तक सही है. मुझे जानकारी मिली कि इस तरह से मेरे गुरु के साथ अपमानजनक बातें कही गई है, तो मुझे बहुत बुरा लगा. इस समारोह में हम लोगों ने एक गीत प्रस्तुत किया है. जिसमें संस्कृति विभाग के अधिकारियों को हम अपने गीत के माध्यम से जवाब देंगे. अधिकारी के इस दुर्व्यवहार कभी विरोध करेंगे.
वह इस पूरे मामले पर निर्देशक और रंगकर्मी योग मिश्र ने बताया कि हर साल हबीब तनवीर की याद में नाट्य समारोह का आयोजन किया जाता है. जिसके सहयोग में संस्कृति विभाग गए थे. लेकिन वहां के संचालक ने 'संस्कृति विभाग तुम्हारे बाप का नहीं कह के' सहायता देने से मना कर दिया. योग मिश्र ने बताया कि विभाग का यह रवैया संस्कृति कर्मियों के लिए नया नहीं है. इसके पहले भी संस्कृति कर्मियों के साथ अभद्रता हुई है. अभी जो संचालक आए हैं सारे संस्कृतिकर्मियों का अनुभव उनके साथ अच्छा नहीं है.
जगह-जगह करेंगे नुक्कड़ नाटक
योग मिश्र ने बताया कि हम चाहते हैं कि संस्कृति कर्मियों से इस तरह की अभद्रता ना हो. जिस संचालक ने अभद्रता की है, उसके खिलाफ सरकार एक्शन ले. यदि सरकार कोई एक्शन नहीं लेगी तो आने वाले दिनों में 'संस्कृति विभाग तुम्हारे बाप का नहीं' के नाम से नुक्कड़ नाटक शहर- शहर जाकर करेंगे.
इस पूरे मामले को लेकर संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य का कहना है कि रंगकर्मी योग मिश्रा ने हबीब तनवीर की याद में 5 दिनों के लिए नाट्य समारोह का प्रपोजल लाया था. कोरोना वायरस के तहत दर्शकों के उपलब्ध नहीं होने की बात कही गई थी. इस पर मिश्र द्वारा विभाग के संचालक के लिए अपशब्द का प्रयोग किया.
पूरे मामले में संस्कृति विभाग के मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि कोई भी अधिकारी हो या जनप्रतिनिधि सभी को अपना व्यवहार अच्छा करना चाहिए और उत्कृष्ट करना है. मंत्री ने कहा कि मेरे द्वारा निर्देश जारी किया गया है कि विभाग आने वाले सभी लोगों से अच्छा व्यवहार करेगा.
दो दिवसीय होगा नाट्य मंचन
हबीब तनवीर की याद में दो दिवसीय नाट्य मंचन 1 सितंबर और 2 सितंबर के आयोजित होगा. समारोह में सक्कु बाई और दयाशंकर की डायरी की प्रस्तुति होगी. इसके अलावा डेढ़ इंच ऊपर का मंचन भी किया जाएगा.
कौन थे हबीब तनवीर
लिजेंड रंगकर्मी हबीब तनवीर का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ था. हबीब तनवीर ने अपनी कला से पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया और रंगमंच को एक नई पहचान दी. 'आगरा बाजार' और 'चरणदास चोर' जैसी रचनाओं ने उन्हें अमर कर दिया.