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Monsoon Entry In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में मानसून की कैसी रहेगी रफ्तार, जानिए क्या कहते हैं जानकार ? - मानसून में देरी बिपरजॉय तूफान के कारण

Monsoon Entry In Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में मानसून में देरी हो रही है. इससे खेती प्रभावित हो रहा है. खासकर धान की खेती मानसून में हो रही लेटलतीफी से प्रभावित होती है. छत्तीसगढ़ में मानसून का रुख इस बार कैसा रहेगा. जानकार क्या कहते हैं. किसान मानसून को लेकर क्या सोचते हैं. इसे जानने के लिए पढ़ें ये खबर monsoon in Chhattisgarh this time

Monsoon in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में मानसून
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Published : Jun 21, 2023, 10:14 PM IST

Updated : Jun 22, 2023, 6:19 AM IST

छत्तीसगढ़ में मानसून की कैसी रहेगी रफ्तार

रायपुर: छत्तीसगढ़ में 2 जून को नौतपा खत्म होने के बाद से गर्मी और भी बढ़ गई है. मौसम विभाग की ओर लू को लेकर चेतावनी दी जा रही है. जहां एक ओर भीषण गर्मी से आम लोग परेशान हैं. वहीं, दूसरी ओर मानसून में हो रही देरी से खेती किसानी भी प्रभावित हो रही है.छत्तीसगढ़ के ज्यादातर किसान धान की खेती करते हैं. मानसून में हो रही देरी से छत्तीसगढ़ के किसान काफी परेशान हैं. दूसरी ओर मौसम विभाग का कहना है कि जल्द ही प्रदेश के लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी. छत्तीसगढ़ में मानसून 23 जून को एंट्री कर सकता है. (When monsoon starts in Chhattisgarh) बस्तर से मानसून की शुरूआत होगी.

क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक घनश्याम साहू का कहना है कि "मौसम के अनुसार अब तक छत्तीसगढ़ में बारिश की शुरुआत हो जानी चाहिए थी. हालांकि अभी भी प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है. मानसून 2 से 4 दिन अगर लेट होता है तो भूजल स्तर कम होने लगता है. इसका सीधा प्रभाव कृषि पर पड़ता है. किसान मजबूरन धान का थरहा ट्यूबवेल के माध्यम से लगाते हैं. बारिश की लेटलतीफी धान की खेती को नुकसान पहुंचाता है. धान के फसल की कई किस्मों की अवधि 125 से 135 दिनों की होती है. ऐसी किस्मों को लगाने के लिए किसानों को सोचना पड़ेगा. मानसून के देर होने पर एक स्थिति ऐसी पैदा होती है कि जुलाई के माह में अगर लगातार बारिश होती है तो वर्षा या खरीफ ऋतु का ड्यूरेशन कम हो जाएगा. ड्यूरेशन कम होने से कुछ फसलों को जलापूर्ति कम होने लगती है."

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क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक: छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री पर मौसम वैज्ञानिक संजय बैरागी का कहना है कि, "पिछले 4 से 6 दिनों की देरी एल नीनो की वजह से हुई. उसके बाद मानसून में देरी बिपरजॉय तूफान के कारण हुई. मानसून राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश के बाद 23 जून को छत्तीसगढ़ में दस्तक दे सकता है. मानसून की शुरुआत बस्तर से होगी."

पिछले 6 सालों में मानसून का छत्तीसगढ़ में कैसा रहा ट्रेंड: छत्तीसगढ़ में पिछले 6 सालों में मानसून के प्रवेश करने की बात की जाए तो साल 2017 में छत्तीसगढ़ में 14 जून को मानसून ने दस्तक दी थी. साल 2018 में छत्तीसगढ़ में 8 जून को मानसून की एंट्री हुई थी. साल 2019 में छत्तीसगढ़ में 15 जून को मानसून प्रवेश किया था. साल 2020 में छत्तीसगढ़ में मानसून ने 11 जून को दस्तक दिया था. साल 2021 में छत्तीसगढ़ में मानसून 10 जून को प्रवेश किया था. इसी तरह साल 2022 में छत्तीसगढ़ में मानसून ने 13 जून को दस्तक दी थी. लेकिन इस साल 21 जून हो जाने के बाद भी अब तक मानसून प्रदेश में नहीं पहुंचा है.

छत्तीसगढ़ में मानसून की कैसी रहेगी रफ्तार

रायपुर: छत्तीसगढ़ में 2 जून को नौतपा खत्म होने के बाद से गर्मी और भी बढ़ गई है. मौसम विभाग की ओर लू को लेकर चेतावनी दी जा रही है. जहां एक ओर भीषण गर्मी से आम लोग परेशान हैं. वहीं, दूसरी ओर मानसून में हो रही देरी से खेती किसानी भी प्रभावित हो रही है.छत्तीसगढ़ के ज्यादातर किसान धान की खेती करते हैं. मानसून में हो रही देरी से छत्तीसगढ़ के किसान काफी परेशान हैं. दूसरी ओर मौसम विभाग का कहना है कि जल्द ही प्रदेश के लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी. छत्तीसगढ़ में मानसून 23 जून को एंट्री कर सकता है. (When monsoon starts in Chhattisgarh) बस्तर से मानसून की शुरूआत होगी.

क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक घनश्याम साहू का कहना है कि "मौसम के अनुसार अब तक छत्तीसगढ़ में बारिश की शुरुआत हो जानी चाहिए थी. हालांकि अभी भी प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है. मानसून 2 से 4 दिन अगर लेट होता है तो भूजल स्तर कम होने लगता है. इसका सीधा प्रभाव कृषि पर पड़ता है. किसान मजबूरन धान का थरहा ट्यूबवेल के माध्यम से लगाते हैं. बारिश की लेटलतीफी धान की खेती को नुकसान पहुंचाता है. धान के फसल की कई किस्मों की अवधि 125 से 135 दिनों की होती है. ऐसी किस्मों को लगाने के लिए किसानों को सोचना पड़ेगा. मानसून के देर होने पर एक स्थिति ऐसी पैदा होती है कि जुलाई के माह में अगर लगातार बारिश होती है तो वर्षा या खरीफ ऋतु का ड्यूरेशन कम हो जाएगा. ड्यूरेशन कम होने से कुछ फसलों को जलापूर्ति कम होने लगती है."

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क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक: छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री पर मौसम वैज्ञानिक संजय बैरागी का कहना है कि, "पिछले 4 से 6 दिनों की देरी एल नीनो की वजह से हुई. उसके बाद मानसून में देरी बिपरजॉय तूफान के कारण हुई. मानसून राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश के बाद 23 जून को छत्तीसगढ़ में दस्तक दे सकता है. मानसून की शुरुआत बस्तर से होगी."

पिछले 6 सालों में मानसून का छत्तीसगढ़ में कैसा रहा ट्रेंड: छत्तीसगढ़ में पिछले 6 सालों में मानसून के प्रवेश करने की बात की जाए तो साल 2017 में छत्तीसगढ़ में 14 जून को मानसून ने दस्तक दी थी. साल 2018 में छत्तीसगढ़ में 8 जून को मानसून की एंट्री हुई थी. साल 2019 में छत्तीसगढ़ में 15 जून को मानसून प्रवेश किया था. साल 2020 में छत्तीसगढ़ में मानसून ने 11 जून को दस्तक दिया था. साल 2021 में छत्तीसगढ़ में मानसून 10 जून को प्रवेश किया था. इसी तरह साल 2022 में छत्तीसगढ़ में मानसून ने 13 जून को दस्तक दी थी. लेकिन इस साल 21 जून हो जाने के बाद भी अब तक मानसून प्रदेश में नहीं पहुंचा है.

Last Updated : Jun 22, 2023, 6:19 AM IST
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