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क्या है निपाह वायरस, जानिए

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Published : Sep 6, 2021, 2:00 PM IST

Updated : Sep 6, 2021, 4:09 PM IST

केरल में कोरोना के साथ निपाह वायरस भी बड़ी मुसीबत बन रहा है. निपाह वायरस के सामने आए मामलों ने सभी लोगों की चिंता बढ़ा दी है. साल 2001 से 2008 के बीच पश्चिम बंगाल में निपाह वायरस का कहर देखने को मिल चुका है. वहीं केरल के बाद अब तमिलनाडु के कोयम्बटूर में भी निपाह वायरस पाया गया है.

nipah virus
निपाह वायरस

रायपुर: जानकारों के मुताबिक निपाह वायरस (nipah virus) चमगादड़ या सुअर (bat or pig) या दूषित खाद्य पदार्थों से मनुष्यों में फैल सकता है. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी इसके संक्रमण का खतरा (risk of infection) हो सकता है.

क्या है निपाह वायरस

WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक निपाह वायरस के संक्रमण के लक्षण लोगों में एसिम्टोमैटिक से लेकर गंभीर श्वसन संक्रमण तक की समस्या पैदा कर सकते हैं. कुछ मरीजों में एन्सेफलाइटिस की समस्या भी हो सकती है. चमगादड़ों से इस संक्रमण के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा हो सकता है. लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है. बता दें कि यह वायरस केरल के बाद अब तमिलनाडु के कोयम्बटूर में भी पाया गया है.

हो सकता है तेज बुखार-सिरदर्द

जानकारों के मुताबिक निपाह वायरस से दिमाग को नुकसान होता है. इसकी चपेट में आने से तेज बुखार और सिरदर्द हो सकता है. 2018 में निपाह वायरस के प्रकोप से केरल प्रभावित हुआ था. यह चमगादड़ों से जानवरों और इंसान में फैल गया. आमतौर पर यह जानवरों जैसे सूअर, कुत्ते, घोड़े को प्रभावित करता है. अगर मनुष्यों में फैल गया तो निपाह एक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और अगर सही उपचार ना हो तो इंसान की जान भी जा सकती है.

केरल में 12 साल के लड़के की हो चुकी है मौत

इससे पहले केरल के कोझीडोड में भी 12 वर्षीय लड़के की निपाह के संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है. इसके बाद केंद्रीय टीम ने उसके घर का दौरा कर सैंपल लिया था. बताया जा रहा है कि लड़के के संपर्क में 188 लोग आए थे, इनमें दो में वायरस के लक्षण मिले हैं.

निपाह का संक्रामक समय बहुत लंबा

निपाह वायरस के खतरनाक होने के और भी कई कारण हैं. इसका संक्रामक समय (incubation period)बहुत लंबा होता है. कभी-कभी तो 45 दिन तक मरीज इससे संक्रमित रहता है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो उसे इसका पता ही नहीं चलता और ऐसे में वह इस वायरस को और भी लोगों में फैला चुका होता है.

कैसे फैलता है यह वायरस

  • व‍िश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO)के अनुसार, निपाह एक जूनॉटिक वायरस (जानवरों से इंसानों में फैलने वाला) है. केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय (MoHFW)के मुताबिक यह वायरस मेगा बैट्स (फ्रूट बैट्स) के सलाइवा से फैलता है.
  • साल 2018 में कोझ‍िकोड़ में पहले निपाह केस का पता लगाने वाले डॉ अनूप कुमार कहते हैं कि ये वायरस तीन तरीकों से फैल सकता है. पहला, चमगादड़ों से इंसानों में, दूसरा, इंसानों से इंसानों में और तीसरा चमगादड़ों से जानवरों में और फिर इंसानों में.
  • इसका संक्रमण मुख्‍यत: संक्रमित खाना खाने से होता है. डॉ कुमार के अनुसार, 'यह एक ड्रॉपलेट इन्‍फेक्‍शन है. इसलिए सुअरों, बिल्लियों और कुत्‍तों के जरिये भी यह फैल सकता है. चमगादड़ों की ज्‍यादा आबादी के बीच ऐसे जानवरों के संपर्क में रहने वालों को इसका ज्यादा खतरा है.

रायपुर: जानकारों के मुताबिक निपाह वायरस (nipah virus) चमगादड़ या सुअर (bat or pig) या दूषित खाद्य पदार्थों से मनुष्यों में फैल सकता है. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी इसके संक्रमण का खतरा (risk of infection) हो सकता है.

क्या है निपाह वायरस

WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक निपाह वायरस के संक्रमण के लक्षण लोगों में एसिम्टोमैटिक से लेकर गंभीर श्वसन संक्रमण तक की समस्या पैदा कर सकते हैं. कुछ मरीजों में एन्सेफलाइटिस की समस्या भी हो सकती है. चमगादड़ों से इस संक्रमण के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा हो सकता है. लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है. बता दें कि यह वायरस केरल के बाद अब तमिलनाडु के कोयम्बटूर में भी पाया गया है.

हो सकता है तेज बुखार-सिरदर्द

जानकारों के मुताबिक निपाह वायरस से दिमाग को नुकसान होता है. इसकी चपेट में आने से तेज बुखार और सिरदर्द हो सकता है. 2018 में निपाह वायरस के प्रकोप से केरल प्रभावित हुआ था. यह चमगादड़ों से जानवरों और इंसान में फैल गया. आमतौर पर यह जानवरों जैसे सूअर, कुत्ते, घोड़े को प्रभावित करता है. अगर मनुष्यों में फैल गया तो निपाह एक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और अगर सही उपचार ना हो तो इंसान की जान भी जा सकती है.

केरल में 12 साल के लड़के की हो चुकी है मौत

इससे पहले केरल के कोझीडोड में भी 12 वर्षीय लड़के की निपाह के संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है. इसके बाद केंद्रीय टीम ने उसके घर का दौरा कर सैंपल लिया था. बताया जा रहा है कि लड़के के संपर्क में 188 लोग आए थे, इनमें दो में वायरस के लक्षण मिले हैं.

निपाह का संक्रामक समय बहुत लंबा

निपाह वायरस के खतरनाक होने के और भी कई कारण हैं. इसका संक्रामक समय (incubation period)बहुत लंबा होता है. कभी-कभी तो 45 दिन तक मरीज इससे संक्रमित रहता है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो उसे इसका पता ही नहीं चलता और ऐसे में वह इस वायरस को और भी लोगों में फैला चुका होता है.

कैसे फैलता है यह वायरस

  • व‍िश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO)के अनुसार, निपाह एक जूनॉटिक वायरस (जानवरों से इंसानों में फैलने वाला) है. केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय (MoHFW)के मुताबिक यह वायरस मेगा बैट्स (फ्रूट बैट्स) के सलाइवा से फैलता है.
  • साल 2018 में कोझ‍िकोड़ में पहले निपाह केस का पता लगाने वाले डॉ अनूप कुमार कहते हैं कि ये वायरस तीन तरीकों से फैल सकता है. पहला, चमगादड़ों से इंसानों में, दूसरा, इंसानों से इंसानों में और तीसरा चमगादड़ों से जानवरों में और फिर इंसानों में.
  • इसका संक्रमण मुख्‍यत: संक्रमित खाना खाने से होता है. डॉ कुमार के अनुसार, 'यह एक ड्रॉपलेट इन्‍फेक्‍शन है. इसलिए सुअरों, बिल्लियों और कुत्‍तों के जरिये भी यह फैल सकता है. चमगादड़ों की ज्‍यादा आबादी के बीच ऐसे जानवरों के संपर्क में रहने वालों को इसका ज्यादा खतरा है.
Last Updated : Sep 6, 2021, 4:09 PM IST
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