रायपुर: सूर्य को एक क्रूर ग्रह माना जाता है. राहु को अति क्रूर ग्रह माना गया है. वहीं गुरु सौम्य ग्रह माना गया है, लेकिन गुरु और राहु का योग जातक की कुंडली को दूषित कर देता है. इससे उसके अच्छे फलों में कमी हो जाती है. गुरु राहु का चांडाल योग व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों में उलझाता है. इस योग के बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत की टीम ने ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर से बात की है.
जातकों पर टूटता है मुसीबतों का पहाड़: डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "गुरु राहु पर यदि किसी शुभ ग्रह की दृष्टि ना हो, तो जातक को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. व्यापारियों को व्यापार में अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है, उन्हें अर्थिक हानि होती है. शनि की दृष्टि पड़ने से यह और भी दूषित हो जाता है. वह भ्रमित हो जाता है. उसे अनेक प्रकार के कष्ट उठाने पड़ते हैं. इसके अलावा राहु व्यक्ति के आत्मविश्वास में कमी लाकर उसके ज्ञान के संबंध में जातक को भ्रमित करता है."
देश की अर्थव्यवस्था होती है प्रभावित: ज्योतिष एवं वास्तुविद के अनुसार गुरु राहु चांडाल योग बनने से जातक या देश को अनेक तरह की कठिनाइयां होती है. चांडाल योग से देश की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित होती है. आर्थिक कठिनाइयां बढ़ती है, बाजार भाव भी गिरने लगते हैं. यह भी ध्यान रहे कि यदि कुंडली में गुरु से आगे शनि रहे या राहु रहे, तो देश का विकास रुक जाता है. व्यापारियों को व्यापार में अपेक्षाकृत लाभ नहीं मिल पाता है. महंगाई बढ़ जाती है, जिससे देश के लोगों को भी कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
चांडाल योग से बचने के उपाय: गुरु राहु का चांडाल योग यदि आपके कुण्डली में बन रहा हो, तो ऐसे जातकों को राहु को प्रसन्न कर उसके संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए. राहु के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इसके लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराना श्रेष्ठ होगा. गुरु मंत्र का जाप भी बहुत लाभदायक है. ऐसे जातक को चाहिए कि वह नियमित रूप से सुबह उठने के बाद अपने माता-पिता का चरण स्पर्श करें. इससे भी इसके कुप्रभाव में कमी आ जाती है.