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Wedding special 2021: इसलिए दुल्हन के लिए हरी चुड़ियों को माना जाता है खास

विवाह (Wedding special 2021) का माहौल है. ऐसे में आज हम आपको बतायेंगे कि आखिरकार दुल्हन के लिए हरी चुड़ियां खास( Green bangles are special for bride) क्यों होती है. इस विषय में ज्योतिषाचार्य पं. विनीत शर्मा (Astrologer Pandit Vineet Sharma) क्या कहते हैं आइए जानते हैं...

Green bangles are considered special
हरी चुड़ियों को माना जाता है खास
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Published : Nov 30, 2021, 3:50 PM IST

रायपुर: विवाह (Wedding special 2021) एक बहुत ही सामाजिक और आध्यात्मिक संस्कार है. यह जीवन में केवल एक बार ही आता है. इसलिए शुभ रंग हरा हरीतिमा, हरियाली और सौम्यता का प्रतीक है. यह आंखों को सहज ही भाता है. चित्त को अच्छा लगता है. इसमें मुख्य रूप से बुध ग्रह का प्रभाव रहता है. बुध ग्रह एक सौम्य शालीन और विवेकवान ग्रह है. हरा रंग शुभता और उन्नति को दर्शाता है. इसलिए इसे विशेष रूप से दुल्हन चूड़ा पहनती ( Green bangles are special for bride)हैं. यह आंखों को सहज ही सौम्य और रमणीय लगता है .इस रंग से विष्णु और शिव की कृपा मिलती है. संपूर्ण श्रावण मास में हरे रंग का ही प्रयोजन होता है. शिव पार्वती का जीवन सुखमय आनंदमय और योग में रहा इसी बात की कल्पना करते हुए. इस हरे रंग का चूड़ा प्रयोग किया जाता है.

दुल्हन के लिए हरी चुड़ियों को माना जाता है खास

इन रंगों की चुड़ियों का है विशेष महत्व

शादी से पहले दुल्हन के घर में हल्दी मेहंदी संगीत सेरिमनी जैसे कई रस्में अदा की जाती है. उनमें से एक बैंगल सेरिमनी भी होता है. बैंगल सेरिमनी आयोजन के दौरान दुल्हन को हरे और लाल रंग की चूड़ियां इसलिए पहनाई जाती है. क्योंकि इसे सुहाग का प्रतीक माना जाता है. मान्यता यह भी है कि इस रंग की चूड़ियां होने वाली दुल्हन को बुरी नजर से बचाती है. इसके अलावा बैंगल्स के रंगों का भी अलग-अलग महत्व है. लाल रंग प्रेम का, हरा रंग महिलाओं को प्रकृति से जोड़ता है. जबकि नीला रंग ज्ञान और पीला खुशी और सफेद रंग नई शुरुआत, नारंगी रंग सफलता, चांदी की चूड़ी ताकत और सोने की चूड़ियां भाग्य और समृद्धि को दर्शाता है.

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इसलिए पहले लाल और हरी चुड़िया पहनायी जाती थी

बात अगर फैशन की करें तो पुराने समय में दुल्हन को सिर्फ हरे और लाल रंग की चूड़ियां पहनाई जाती थी. लेकिन अब फैशन के ट्रेंड में भी काफी कुछ बदलाव आ चुका है. आजकल हरे और लाल रंग की चूड़ियों के साथ दुल्हन कलरफुल स्टोन वर्क वाले कड़े भी पहनने लगे हैं.

ये है चूड़ियां पहनने के 5 धार्मिक और वैज्ञानिक लाभ...

  • पहला धार्मिक मान्यता के अनुसार दुल्हन अपने पति की लंबी उम्र के लिए चूड़ियां पहनती है, इसलिए चूड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती है.
  • दूसरा सोलह श्रृंगार में चूड़ियों का खास महत्व है. इसलिए श्रृंगार के समय चूड़ियों को खास महत्व दिया जाता है. खनकती चूड़ियां दुल्हन की खूबसूरती को और बढ़ा देती है.
  • तीसरा आयुर्वेद के अनुसार सोने और चांदी की भस्म शरीर के लिए बलवर्धक होती है. इसलिए सोने और चांदी की चूड़ियां पहनने से इस धातु के तत्व दुल्हन को बल प्रदान करते हैं, जिससे उनकी लंबी उम्र और शरीर स्वस्थ रहता है.
  • चौथा विज्ञान कहता है कि कांच की चूड़ियों की खनक से वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
  • पांचवा लाल और हरे रंग की चूड़ियां सुहाग की प्रतीक मानी जाती है. लाल रंग प्रेम का माना जाता है और यह महिलाओं को आदि शक्ति से जोड़ता है. इसी तरह हरा रंग प्रकृति का माना जाता है, जिस तरह प्रकृति हमारे जीवन में खुशहाली लाती है. ठीक उसी तरह हरा रंग वैवाहिक जीवन में खुशहाली लेकर आता है.

रायपुर: विवाह (Wedding special 2021) एक बहुत ही सामाजिक और आध्यात्मिक संस्कार है. यह जीवन में केवल एक बार ही आता है. इसलिए शुभ रंग हरा हरीतिमा, हरियाली और सौम्यता का प्रतीक है. यह आंखों को सहज ही भाता है. चित्त को अच्छा लगता है. इसमें मुख्य रूप से बुध ग्रह का प्रभाव रहता है. बुध ग्रह एक सौम्य शालीन और विवेकवान ग्रह है. हरा रंग शुभता और उन्नति को दर्शाता है. इसलिए इसे विशेष रूप से दुल्हन चूड़ा पहनती ( Green bangles are special for bride)हैं. यह आंखों को सहज ही सौम्य और रमणीय लगता है .इस रंग से विष्णु और शिव की कृपा मिलती है. संपूर्ण श्रावण मास में हरे रंग का ही प्रयोजन होता है. शिव पार्वती का जीवन सुखमय आनंदमय और योग में रहा इसी बात की कल्पना करते हुए. इस हरे रंग का चूड़ा प्रयोग किया जाता है.

दुल्हन के लिए हरी चुड़ियों को माना जाता है खास

इन रंगों की चुड़ियों का है विशेष महत्व

शादी से पहले दुल्हन के घर में हल्दी मेहंदी संगीत सेरिमनी जैसे कई रस्में अदा की जाती है. उनमें से एक बैंगल सेरिमनी भी होता है. बैंगल सेरिमनी आयोजन के दौरान दुल्हन को हरे और लाल रंग की चूड़ियां इसलिए पहनाई जाती है. क्योंकि इसे सुहाग का प्रतीक माना जाता है. मान्यता यह भी है कि इस रंग की चूड़ियां होने वाली दुल्हन को बुरी नजर से बचाती है. इसके अलावा बैंगल्स के रंगों का भी अलग-अलग महत्व है. लाल रंग प्रेम का, हरा रंग महिलाओं को प्रकृति से जोड़ता है. जबकि नीला रंग ज्ञान और पीला खुशी और सफेद रंग नई शुरुआत, नारंगी रंग सफलता, चांदी की चूड़ी ताकत और सोने की चूड़ियां भाग्य और समृद्धि को दर्शाता है.

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इसलिए पहले लाल और हरी चुड़िया पहनायी जाती थी

बात अगर फैशन की करें तो पुराने समय में दुल्हन को सिर्फ हरे और लाल रंग की चूड़ियां पहनाई जाती थी. लेकिन अब फैशन के ट्रेंड में भी काफी कुछ बदलाव आ चुका है. आजकल हरे और लाल रंग की चूड़ियों के साथ दुल्हन कलरफुल स्टोन वर्क वाले कड़े भी पहनने लगे हैं.

ये है चूड़ियां पहनने के 5 धार्मिक और वैज्ञानिक लाभ...

  • पहला धार्मिक मान्यता के अनुसार दुल्हन अपने पति की लंबी उम्र के लिए चूड़ियां पहनती है, इसलिए चूड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती है.
  • दूसरा सोलह श्रृंगार में चूड़ियों का खास महत्व है. इसलिए श्रृंगार के समय चूड़ियों को खास महत्व दिया जाता है. खनकती चूड़ियां दुल्हन की खूबसूरती को और बढ़ा देती है.
  • तीसरा आयुर्वेद के अनुसार सोने और चांदी की भस्म शरीर के लिए बलवर्धक होती है. इसलिए सोने और चांदी की चूड़ियां पहनने से इस धातु के तत्व दुल्हन को बल प्रदान करते हैं, जिससे उनकी लंबी उम्र और शरीर स्वस्थ रहता है.
  • चौथा विज्ञान कहता है कि कांच की चूड़ियों की खनक से वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
  • पांचवा लाल और हरे रंग की चूड़ियां सुहाग की प्रतीक मानी जाती है. लाल रंग प्रेम का माना जाता है और यह महिलाओं को आदि शक्ति से जोड़ता है. इसी तरह हरा रंग प्रकृति का माना जाता है, जिस तरह प्रकृति हमारे जीवन में खुशहाली लाती है. ठीक उसी तरह हरा रंग वैवाहिक जीवन में खुशहाली लेकर आता है.
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