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रायपुर: ग्लोबल वार्मिंग पर कार्यशाला, मौसम विभाग ने शिक्षकों को दी जानकारी

मौसम विभाग ने ग्लोबल वार्मिंग पर कार्यशाला आयोजित की, जिसमें शिक्षकों को बदलते मौसम के बारे में जानकारी दी गई और बच्चों को इसके बारे में बताने को कहा गया.

weather department done workshop on global warming in raipur
ग्लोबल वार्मिंग पर कार्यशाला
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Published : Mar 12, 2020, 4:21 PM IST

Updated : Mar 12, 2020, 4:36 PM IST

रायपुर: शहर में गुरुवार को मौसम विभाग ने ग्लोबल वार्मिंग पर कार्यशाला आयोजित की. इस कार्यशाला में एक्सट्रीम वेदर के बारे में शिक्षकों को जानकारी दी गई. बताया गया कि गर्मी का मौसम शुरू हो गया है, बावजूद इसके लगातार छत्तीसगढ़ में बारिश हो रही है. जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मौसम में यह बदलाव देखने मिला है. इसके साथ ही शिक्षकों को बताया जा रहा है कि बच्चों को मौसम के बारे में सही जानकारी दे सकें.

ग्लोबल वार्मिंग पर कार्यशाला

मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्र ने बताया कि, 'फिलहाल जो ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पूरी दुनिया में मौसम में यह बदलाव आया है, यह अपने चरम पर है. छत्तीसगढ़ के संदर्भ में देखें तो बीजापुर में अगस्त के लास्ट में 1 दिन 120 मिलीमीटर बारिश हुई, दूसरे दिन 110 मिलीमीटर बारिश हुई और तीसरे दिन 65 मिलीमीटर बारिश हुई, तो अगर 3 दिन लगातार उस क्षेत्र में हेवी रेन फॉल हुआ है. इस स्थिति में कल्पना किया जा सकता है कि वह यह कितना विनाशकारी रहेगा.'

इसी तरह से इस साल का देखें तो दिल्ली जैसे इतने बड़े पापुलेटेड एरिया में रात का टेंपरेचर 1 डिग्री हो और दिन का टेंपरेचर 9.8 डिग्री है तो इस स्थिति में कल्पना कर सकते हैं कि इसका क्या प्रभाव पड़ेगा.

रायपुर: शहर में गुरुवार को मौसम विभाग ने ग्लोबल वार्मिंग पर कार्यशाला आयोजित की. इस कार्यशाला में एक्सट्रीम वेदर के बारे में शिक्षकों को जानकारी दी गई. बताया गया कि गर्मी का मौसम शुरू हो गया है, बावजूद इसके लगातार छत्तीसगढ़ में बारिश हो रही है. जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मौसम में यह बदलाव देखने मिला है. इसके साथ ही शिक्षकों को बताया जा रहा है कि बच्चों को मौसम के बारे में सही जानकारी दे सकें.

ग्लोबल वार्मिंग पर कार्यशाला

मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्र ने बताया कि, 'फिलहाल जो ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पूरी दुनिया में मौसम में यह बदलाव आया है, यह अपने चरम पर है. छत्तीसगढ़ के संदर्भ में देखें तो बीजापुर में अगस्त के लास्ट में 1 दिन 120 मिलीमीटर बारिश हुई, दूसरे दिन 110 मिलीमीटर बारिश हुई और तीसरे दिन 65 मिलीमीटर बारिश हुई, तो अगर 3 दिन लगातार उस क्षेत्र में हेवी रेन फॉल हुआ है. इस स्थिति में कल्पना किया जा सकता है कि वह यह कितना विनाशकारी रहेगा.'

इसी तरह से इस साल का देखें तो दिल्ली जैसे इतने बड़े पापुलेटेड एरिया में रात का टेंपरेचर 1 डिग्री हो और दिन का टेंपरेचर 9.8 डिग्री है तो इस स्थिति में कल्पना कर सकते हैं कि इसका क्या प्रभाव पड़ेगा.

Last Updated : Mar 12, 2020, 4:36 PM IST
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