रायपुर: रायपुर में गर्मी ने पिछले 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. राजधानी में दिन का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रह रहा है. गर्मी शुरू होते ही पानी की समस्या भी शुरू हो गई है.नगरीय प्रशासन विभाग ने रायपुर सहित प्रदेश भर के कई बड़े शहरों को 2022 में टैंकर मुक्त करने का लक्ष्य रखा था. हालांकि जमीनी हालात जस के तस हैं. गर्मी आते ही निगम के पास भी पानी की किल्लत हो गई है. लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. नतीजा लोगों को टैंकरों का इंतजार करना पड़ रहा है. टैंकर भी कम होने की वजह से लोगों को कई दिनों तक एक दूसरे से पानी मांग कर काम चलाना पड़ रहा है.
2 दर्जन से अधिक वार्ड में पानी की समस्या: अप्रैल महीने के शुरुआत से ही शहर के 2 दर्जन से अधिक वार्डों में पेयजल संकट से लोग जूझ रहे हैं. यहां तक कि अमृत मिशन योजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइन सूख गई है. शहर के भनपुरी, खमतराई, पंडरी, सरस्वती नगर, गुढ़ियारी, शंकर नगर, टैगोर नगर, प्रोफेसर कॉलोनी, टाटीबंध जैसे तमाम इलाकों में पानी की समस्या हो रही है. शहर में 38 टंकियों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है. वहीं 5 पानी टंकी अभी बनकर तैयार है. लेकिन आज तक उनमें टेस्टिंग जारी है.
अमृत मिशन योजना स्वीकृत होने के बावजूद भी दिक्कत: नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने बताया कि लगभग 1000 करोड़ रुपए की अमृत मिशन योजना को स्वीकृत है उसके बावजूद रायपुर की जनता पानी के लिए तरस रही है. नगर निगम के आयुक्त नगर निगम के महापौर अपने अधिकारों के प्रति तो सजग हैं कि कब कितना टैक्स वसूलना है. यूजर टैक्स कैसे वसूलना है लेकिन जो नागरिक का मूल अधिकार होना चाहिए और नगर निगम का कर्तव्य होना चाहिए कि आम जनता तक साफ पानी पहुंचाना है, इसे पूरा करने में आखिर निगम क्यों पीछे हो जाता है. अमृत मिशन योजना के तहत इतना पैसा प्रदेश में आने के बाद भी आखिर क्यों रायपुर की जनता को साफ पानी के लिए जूझना पड़ रहा है. इसकी समीक्षा होनी चाहिए. नगर निगम के अधिकारी और रायपुर महापौर को लोगों की कोई चिंता नहीं है कि लोगों को साफ पानी के लिए कितना तरसना पड़ रहा है.
पानी के लिए भटक रही आम जनता: इस विषय में पार्षद मृत्युंजय दुबे कहते हैं कि, रायपुर में 42 डिग्री टेंपरेचर हो गया है. रायपुर नगर निगम के द्वारा सप्लाई की जा रही पानी की धारा पतली हो गई है. सुबह-शाम लोगों को सिर्फ 10 से 15 मिनट पानी मिल पा रहा है. लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. पानी का हाहाकार पूरे रायपुर में मचा हुआ है. शहर के बस्तियों में और बाहरी इलाकों में बोर भी सूखने लगे हैं और बोर सूखने के बाद जब नलों से पानी नहीं आता तो टैंकर ही एक माध्यम रह जाता है. नगर निगम के महापौर, कर्मचारी इन सारी बातों को अनदेखा कर रहे हैं. अपने ऑफिस में बैठे हुए हैं. आम जनता पानी के लिए भटक रही है. ऐसे में हम सबकी मांग है कि महापौर पार्षदों की बैठक बुलाएं और पीने के पानी की व्यवस्था करें. सुबह-शाम कम से कम एक घंटा पर्याप्त मात्रा में पानी लोगों को मिले.
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गर्मी आते ही शुरू हो जाती है पानी की परेशानी: स्थानीय निवासी कहते हैं कि गर्मी आते ही पानी की समस्या दोबारा शुरू हो गई है. हर साल गर्मी के मौसम में लोगों को पानी के लिए जूझना पड़ता है. टैंकरों का इंतजार करना पड़ता है. पानी के बिना घर चलाना काफी मुश्किल है. पहले एक-एक घंटा सुबह-शाम पानी सप्लाई होता था. लेकिन गर्मी आते ही पानी कि सप्लाई बंद सी हो गई है.
महापौर ने कहा, नहीं है समस्या: इधर इस पूरे मामले में रायपुर महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि, राजधानी में पानी की समस्या नहीं है. बल्कि ऐसी समस्या जानबूझकर क्रिएट की जा रही है. राजधानी के ऐसे 2 से 3 वार्ड हैं जो कि राजधानी के आखिरी छोर में है. इसलिए अभी नहीं हमेशा वहां पर पानी की समस्या थोड़ी होती है. बाकी कहीं भी पानी की समस्या नहीं है. अगर ऐसा होता तो बहुत सारे जगह पर टैंकर लग जाते. मुझसे पहले जो लोग रहते थे वो 2-2 करोड़ का टेंडर करते थे, लेकिन हमने सिर्फ 10 लाख का टेंडर किया है. राजधानी में कहीं-कहीं पर बस छोटी-मोटी पानी की समस्या है बाकी राजधानी में पानी की कहीं समस्या नहीं है.