रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जल निकासी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. राजधानी के कई इलाकों में तेज बारिश और नालों में कचरा जमा होने के कारण जलभराव की स्थिति देखने को मिलती है. रायपुर का नाम स्मार्ट सिटी की लिस्ट में आता है. शहर में अच्छी व्यवस्थाओं के लिए पानी निकासी और दूसरे विकास कार्यों के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं. लेकिन बाहरी इलाकों में पानी निकासी एक बड़ी चुनौती है.
शहर के कई वार्डों में पानी निकासी की समस्या सालो से ज्यों की त्यों बनी हुई है. पानी निकासी की समस्या ज्यादातर बारिश के दिनों में देखने को मिलती है. रायपुर की आबादी करीब 15 लाख है. रायपुर नगर निगम में कुल 70 वार्ड हैं और यहां के कई वार्ड में बारिश के समय पानी निकासी की समस्या और जलभराव जैसी स्थिति देखने को मिलती है.
![water logging and drainage problem in raipur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9022437_img1.jpg)
वार्डवासियों में नाराजगी
ETV भारत ने रायपुर नगर निगम के ऐसे ही कुछ इलाकों का दौरा किया. इस बीच टीम ने पाया कि कई वार्डों में लोगों को बारिश के समय पानी निकासी नहीं होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कुछ जगह पर पुल की ऊंचाई कम है तो कुछ जगह पर पुल का निर्माण कार्य नगर निगम की ओर से कराया जा रहा है. इस तरह की समस्या से वार्डवासियों खासे नाराज हैं. उनका कहना है कि जल निकासी नहीं होने से आसपास के कई मकान और वहां के खाली प्लॉट पानी में पूरी तरह से डूब जाते हैं. बारिश का पानी और नालियों का पानी निकालने के लिए बड़े-बड़े नालों का निर्माण कराया गया. लेकिन इन नालों की साफ-सफाई नहीं होने के कारण नालों में कचरा जम जाता है. जिसके कारण इन नालों का पानी आसपास के घरों और मोहल्लों में घुस जाता है. वार्डवासियों का कहना है कि शिकायत करने के बाद भी नगर निगम का अमला या फिर जनप्रतिनिधि इन इलाकों में सुध लेने नहीं आते.
![water logging and drainage problem in raipur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9022437_img3.jpg)
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नगर निगम कर रही व्यवस्था
नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य का कहना है कि पानी को दो तरीके से ड्रेन आउट किया जाता है. जिसमें से एक बारिश का पानी नालों के जरिए नदी में चला जाता है. साथ ही नालों के गंदे पानी के लिए नगर निगम अमृत मिशन योजना के तहत फिल्टर प्लांट तैयार कर रहा है. करीब 1 साल में फिल्टर प्लांट बनने के बाद नालों का गंदा पानी पीने लायक हो जाएगा.
अपर आयुक्त की दलीलें
अपर आयुक्त का कहना है कि यह समस्या केवल रायपुर की नहीं है. कई ऐसे बड़े शहरों में भी बारिश के समय पानी निकासी की व्यवस्था न होने के कारण जलभराव की स्थिति हो जाती है. बारिश के समय जलभराव से होने वाली समस्या के बारे में भी उन्होंने बताया कि पानी की निकासी के लिए निगम की ओर से हर साल व्यवस्था की जाती है. जिसके बाद आने वाले साल में दूसरे इलाकों में इस तरह की समस्या फिर से सामने आ जाती है.