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Raipur : आरक्षण पर सस्पेंस खत्म, व्यापमं जारी कर सकता है परीक्षा शेड्यूल - छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी

छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं की चिंता अब समाप्त हो गई है. छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल परीक्षा का शेड्यूल जल्द जारी करेगा. लंबे समय से आरक्षण के विवाद के कारण छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल में भर्तियां रुकी हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में पुराने आरक्षण नियम को बहाल किया है. लिहाजा अब व्यापमं टाइम टेबल जारी कर सकता है.

Supreme Court decision on reservation
व्यापम जारी कर सकता है परीक्षा शेड्यूल
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Published : May 3, 2023, 4:48 PM IST

रायपुर : व्यापम 11 तरह की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करता है. जिसमें प्री डीएलएड, B.Ed,पीपीटी, पीपीएचटी,पीईटी के साथ अन्य विषयों की प्रवेश परीक्षाएं शामिल होती हैं. इन परीक्षाओं में करीब 3 लाख छात्र शामिल होते हैं. जानकारी के मुताबिक परीक्षाएं जुलाई के पहले हफ्ते तक खत्म हो जाती है. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से आरक्षण को 58% से बढ़ाकर 76% करने की मांग की गई थी. जिसके बाद आरक्षण बिल राज्यपाल के हस्ताक्षर ना होने के कारण राजभवन में ही अटका था.


हाईकोर्ट ने लगाया था स्टे : छत्तीसगढ़ में कई महीनों से सरकारी भर्तियां रुकी हुई थी. पीएससी व्यापमं की परीक्षा के रिजल्ट भी रोक दिए गए थे. इसके अलावा 2023 पीएससी प्री एग्जाम का रिजल्ट भी जारी नहीं किया गया. जिसके पीछे की सबसे मुख्य वजह आरक्षण विवाद था. 19 सितंबर 2022 को बिलासपुर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ में 58% आरक्षण को अवैधानिक बताया था.जिसके बाद से ही प्रदेश में भर्तियों और एडमिशन को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी.

ये भी पढ़ें-नेहरु की सोच के कारण हुआ नए भारत का जन्म,सीएम भूपेश का बयान

सुप्रीम कोर्ट से आरक्षण बहाल : आरक्षण को अवैधानिक बताकर स्टे के बाद आदिवासी समाज ने इसका जमकर विरोध किया. सड़कों पर बैठकर नारेबाजी की. बाद में राज्य सरकार ने विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर 2 दिसंबर को आरक्षण संशोधन बिल पारित किया. लेकिन ये बिल राज्यपाल के पास जाकर अटक गया. अब जब इस बिल पर कोई सहमति नहीं बनीं तो राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में त्वरित राहत देते हुए 58 फीसदी आरक्षण को ही फिर से बहाल किया है.

रायपुर : व्यापम 11 तरह की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करता है. जिसमें प्री डीएलएड, B.Ed,पीपीटी, पीपीएचटी,पीईटी के साथ अन्य विषयों की प्रवेश परीक्षाएं शामिल होती हैं. इन परीक्षाओं में करीब 3 लाख छात्र शामिल होते हैं. जानकारी के मुताबिक परीक्षाएं जुलाई के पहले हफ्ते तक खत्म हो जाती है. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से आरक्षण को 58% से बढ़ाकर 76% करने की मांग की गई थी. जिसके बाद आरक्षण बिल राज्यपाल के हस्ताक्षर ना होने के कारण राजभवन में ही अटका था.


हाईकोर्ट ने लगाया था स्टे : छत्तीसगढ़ में कई महीनों से सरकारी भर्तियां रुकी हुई थी. पीएससी व्यापमं की परीक्षा के रिजल्ट भी रोक दिए गए थे. इसके अलावा 2023 पीएससी प्री एग्जाम का रिजल्ट भी जारी नहीं किया गया. जिसके पीछे की सबसे मुख्य वजह आरक्षण विवाद था. 19 सितंबर 2022 को बिलासपुर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ में 58% आरक्षण को अवैधानिक बताया था.जिसके बाद से ही प्रदेश में भर्तियों और एडमिशन को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी.

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सुप्रीम कोर्ट से आरक्षण बहाल : आरक्षण को अवैधानिक बताकर स्टे के बाद आदिवासी समाज ने इसका जमकर विरोध किया. सड़कों पर बैठकर नारेबाजी की. बाद में राज्य सरकार ने विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर 2 दिसंबर को आरक्षण संशोधन बिल पारित किया. लेकिन ये बिल राज्यपाल के पास जाकर अटक गया. अब जब इस बिल पर कोई सहमति नहीं बनीं तो राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में त्वरित राहत देते हुए 58 फीसदी आरक्षण को ही फिर से बहाल किया है.

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