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दीपावली पर घूमने चलिए छत्तीसगढ़ के बेस्ट डेस्टिनेशन, चित्रकोट और राजिम है सबसे खास - राजिम को कहा जाता है धर्मनगरी

रोशनी का त्योहार दीपावली बाकी त्योहारों से कई मायनों में अलग है. बच्चे जहां रोशनी के बीच आतिशबाजी का मजा लेते हैं, वहीं बड़े लोग पारंपरिक रूप से माता लक्ष्मी और गणपति की पूजा कर घर में सुख समृद्धि की कामना करते हैं. मान्यता है कि दीपावली के दिन विधि विधान से मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाए तो, लक्ष्मी जी धन और ऐश्वर्य प्रदान करतीं हैं. विघ्नहर्ता घर में सुख और शांति का वास लाते हैं. त्योहार के बाद लोग छुट्टियों पर घूमने का भी प्लान करते हैं. नवंबर का ये महीना हल्की गुलाबी सर्दियों वाला होता है. इस मौसम में आउटिंग करना बड़े से लेकर छोटों तक को खूब भाता है.

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दिवाली के हॉलिडे डेस्टिनेशन
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 12, 2023, 6:24 AM IST

त्योहार पर हॉलिडे डेस्टिनेशन: वैसे तो पूरा छत्तीसगढ़ पर्यटन की नजर से खास है. कई पर्यटन स्थल तो ऐसे हैं जहां सालों पर भर सैलानियों का तांता लगा रहता है. आज हम पर्यटन का आनंद लेने वाले लोगों के लिए कुछ खास डेस्टिनेशन सर्च कर लाएं हैं. ये डेस्टिनेशन न सिर्फ खास हैं बल्कि त्योहारों के बीच आपकी छुट्टियों के रंग को और गाढ़ा कर देंगे. जहां जाकर आप न सिर्फ सुकून की गोद में आराम कर सकेंगे बल्कि तनाव को भी अलविदा कहेंगे.

चित्रकोट: त्योहार के बाद आउटिंग पर जाने वाले लोगों के लिए छत्तीसगढ़ के कुछ डेस्टिनेशन खास हैं. चित्रकोट का नाम इस डेस्टिनेशन में सबसे पहले नंबर पर शुमार है. चित्रकोट की तुलना नियाग्रा फॉल से भी की जाती है. रात के वक्त जब चित्रकोट फॉल अपने शबाब पर होता है, तब रोशनी में ये किसी दुल्हन से कम नहीं लगता.

राजिम: गरियाबंद का राजिम छत्तीसगढ़ के पर्यटन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. राजिम को संगम नगरी भी कहते हैं. पर्व त्योहार के मौकों पर बड़ी संख्या में लोग यहां स्नान के लिए आते हैं और दान पुण्य करते हैं. राजिम में लगने वाला मेला अपने आप ही खास होता है. मेले में देश और दुनियाभर से भक्त पहुंचते हैं. राजिम में जब सूर्योदय होता है तब यहां के घाट सोने की तरह सूर्य की रोशनी में चमकते हैं.

भोरमदेव: कवर्धा का भोरमदेव मंदिर भी छुट्टियों में घूमने और देखने के लिए खास है. भोरमदेव मंदिर का इतिहास न सिर्फ पुराना है बल्कि कहा जाता है कि भगवान शिव के नाम पर इस मंदिर का नाम भोरमदेव पड़ा. भोरमदेव मंदिर को लेकर भक्तों के बीच ये आस्था है कि जो भी यहां आता है भोले का भक्त हो जाता है. मंदिर से भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी है. यहां जो भी इच्छा भोरमदेव में की जाती है वो जरूर पूरी होती है.

सरगुजा का मैनपाट: दीपावली के आस पास गुलाबी सर्दी अपने शबाब पर होती है. ऐसे में भला पर्यटक छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट को कैसे भूल सकता है. सर्दी के दिनों में यहां पारा माइनस में चला जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि मैनपाट छत्तीसगढ़ में भले ही सबसे सर्द इलाकों में गिना जाता है पर यहां का आलू दुनियाभर में मशहूर है. अगर आप शिमला नहीं गए हैं तो एक बार मैनपाट जरूर जाएं छत्तीसगढ़ में ही आपको शिमला के दर्शन हो जाएंगे.

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नंदन वन: त्योहार पर छुट्टियों में सबसे ज्यादा बच्चों को पसंद आता है चिड़ियाघर जाना और जानवरों से रुबरू होना. रायपुर का नंदन वन बच्चों को लुभाने के लिए काफी खास डेस्टिनेशन में से एक है. बच्चे यहां न सिर्फ जंगली सफारी का मजा लेते हैं बल्कि जानवरों को करीब से देखने का भी आनंद उठाते हैं. नंदन वन में गैंडे से लेकर जिराफ और बाघ से लेकर जंगल के राजा तक मौजूद हैं.

त्योहार पर हॉलिडे डेस्टिनेशन: वैसे तो पूरा छत्तीसगढ़ पर्यटन की नजर से खास है. कई पर्यटन स्थल तो ऐसे हैं जहां सालों पर भर सैलानियों का तांता लगा रहता है. आज हम पर्यटन का आनंद लेने वाले लोगों के लिए कुछ खास डेस्टिनेशन सर्च कर लाएं हैं. ये डेस्टिनेशन न सिर्फ खास हैं बल्कि त्योहारों के बीच आपकी छुट्टियों के रंग को और गाढ़ा कर देंगे. जहां जाकर आप न सिर्फ सुकून की गोद में आराम कर सकेंगे बल्कि तनाव को भी अलविदा कहेंगे.

चित्रकोट: त्योहार के बाद आउटिंग पर जाने वाले लोगों के लिए छत्तीसगढ़ के कुछ डेस्टिनेशन खास हैं. चित्रकोट का नाम इस डेस्टिनेशन में सबसे पहले नंबर पर शुमार है. चित्रकोट की तुलना नियाग्रा फॉल से भी की जाती है. रात के वक्त जब चित्रकोट फॉल अपने शबाब पर होता है, तब रोशनी में ये किसी दुल्हन से कम नहीं लगता.

राजिम: गरियाबंद का राजिम छत्तीसगढ़ के पर्यटन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. राजिम को संगम नगरी भी कहते हैं. पर्व त्योहार के मौकों पर बड़ी संख्या में लोग यहां स्नान के लिए आते हैं और दान पुण्य करते हैं. राजिम में लगने वाला मेला अपने आप ही खास होता है. मेले में देश और दुनियाभर से भक्त पहुंचते हैं. राजिम में जब सूर्योदय होता है तब यहां के घाट सोने की तरह सूर्य की रोशनी में चमकते हैं.

भोरमदेव: कवर्धा का भोरमदेव मंदिर भी छुट्टियों में घूमने और देखने के लिए खास है. भोरमदेव मंदिर का इतिहास न सिर्फ पुराना है बल्कि कहा जाता है कि भगवान शिव के नाम पर इस मंदिर का नाम भोरमदेव पड़ा. भोरमदेव मंदिर को लेकर भक्तों के बीच ये आस्था है कि जो भी यहां आता है भोले का भक्त हो जाता है. मंदिर से भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी है. यहां जो भी इच्छा भोरमदेव में की जाती है वो जरूर पूरी होती है.

सरगुजा का मैनपाट: दीपावली के आस पास गुलाबी सर्दी अपने शबाब पर होती है. ऐसे में भला पर्यटक छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट को कैसे भूल सकता है. सर्दी के दिनों में यहां पारा माइनस में चला जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि मैनपाट छत्तीसगढ़ में भले ही सबसे सर्द इलाकों में गिना जाता है पर यहां का आलू दुनियाभर में मशहूर है. अगर आप शिमला नहीं गए हैं तो एक बार मैनपाट जरूर जाएं छत्तीसगढ़ में ही आपको शिमला के दर्शन हो जाएंगे.

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नंदन वन: त्योहार पर छुट्टियों में सबसे ज्यादा बच्चों को पसंद आता है चिड़ियाघर जाना और जानवरों से रुबरू होना. रायपुर का नंदन वन बच्चों को लुभाने के लिए काफी खास डेस्टिनेशन में से एक है. बच्चे यहां न सिर्फ जंगली सफारी का मजा लेते हैं बल्कि जानवरों को करीब से देखने का भी आनंद उठाते हैं. नंदन वन में गैंडे से लेकर जिराफ और बाघ से लेकर जंगल के राजा तक मौजूद हैं.

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