रायपुर: विष्णुदेव साय सरकार ने गुरुवार को पहली कैबिनेट बैठक की. छत्तीसगढ़ की नई सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में 18 लाख पीएम आवास को मंजूरी दी गई. बैठक के बाद साय और दोनों डिप्टी सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा मीडिया के सामने की. इस घोषणा के बाद एक तरफ भाजपा जहां अपनी पीठ थपथपा रही है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस साय सरकार पर छत्तीसगढ़ की जनता के साथ धोखा करने का आरोप लगा रही है.
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने जो वादे चुनाव के पहले किए थे, उन वादों को लेकर इस बैठक में कोई चर्चा नहीं की गई। कांग्रेस का सीधा आरोप है कि भाजपा सरकार ने अपने पहले कैबिनेट की बैठक में अलोकप्रिय निर्णय लेकर प्रदेश की जनता को निराश किया है.
धान खरीदी पर नहीं की कोई घोषणा: कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीदी चल रही है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सरकार बनते ही 21 क्विंटल प्रति एकड़ 3100 रू. में धान खरीदी की जाएगी. इसका भुगतान भी एकमुश्त ऑन द स्पॉट किया जाएगा लेकिन भाजपा की पहली कैबिनेट की बैठक में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.
पहली कैबिनेट में कर्जमाफी पर भी कोई चर्चा नहीं: सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कई जगहों पर 2 लाख तक का हर किसान का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था, लेकिन आज की कैबिनेट की बैठक में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया बल्कि जो किसान धान बेच रहे हैं उनके कर्ज का पैसा काटा जा रहा है.
महिलाओं को भाजपा ने दिया धोखा: इतना ही नहीं चुनाव के पहले भाजपा ने 75 लाख से ज्यादा माता बहनों से महतारी वंदन योजना का फॉर्म भरवारा था और वादा किया था कि सरकार बनते हैं ₹1000 प्रति माह देंगे लेकिन भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक में इस पर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया.
सुशील आनंद शुक्ला का आरोप है कि भाजपा ने चुनाव के दौरान जो वादे किए थे वह सत्ता पर काबिज होने के बाद पूरे नहीं कर रही है. भाजपा ने अपने पहले ही कैबिनेट में अलोकप्रिय निर्णय लेकर प्रदेश की जनता को निराश किया है.