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vinayak chaturthi vrat vidhi: विनायक चतुर्थी व्रत पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

vinayak chaturthi 2023: प्रत्येक मास की चतुर्थी तिथि विनायक चतुर्थी कहलाती है. इसे गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. फाल्गुन शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी 23 फरवरी दिन गुरुवार को है. आइये जानते हैं विनायक चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं. उन्हें कौन कौन से भोग लगाया जाना चाहिए, किन मंत्रों का जाप करना चाहिए और पूजा करने का मुहुर्त क्या है.

vinayak chaturthi 2023
विनायक चतुर्थी 2023
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Published : Feb 21, 2023, 7:00 PM IST

23 फरवरी को मनाया जाएगा विनायक चतुर्थी

रायपुर: विनायक चतुर्थी के दिन रेवती नक्षत्र, शुभ योग बिषकुंभकरण का प्रभाव दिख रहा है. यह शुभ दिन संत चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. दिन भर चंद्रमा मीन राशि में रहेंगे और मध्य रात्रि को मेष राशि में उनका आगमन होगा. आज के शुभ दिन सर्वार्थ सिद्धि योग अहोरात्र रवि योग का सुंदर योग बन रहा है. आज के दिन कम से कम पांच महत्वपूर्ण योग बन रहे हैं. इन शुभ पांच महत्वपूर्ण लोगों के बीच विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की जयंती मनाई जाएगी.

आम के पत्तों से करें कलश की स्थापना: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान ध्यान से निवृत्त होकर लाल कपड़े पहनकर गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. गणेश जी को भी लाल कपड़े में बिठाकर सम्मान पूर्वक आसन देना चाहिए. इसके साथ ही केले के पत्र आदि से गणेश जी का श्रृंगार करना चाहिए. आम के पत्तों के द्वारा कलश की स्थापना की जानी चाहिए. कलश देवता को विभिन्न मंत्रों के माध्यम से आह्वान करना चाहिए.

गणेश को गंगाजल से करायें स्नान: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "इसके उपरांत श्री गणेश भगवान को शुद्ध जल से स्नान कराना चाहिए. इसके उपरांत गंगाजल त्रिवेणी के जल नर्मदा के जल अथवा पवित्र नदियों के जल से भगवान श्री गणेश जी को स्नान कराना चाहिए. अक्षत, चावल, अबीर, गुलाल, पंचामृत विभिन्न तरह के पुष्प चंदन, रोली, सिंदूर, कुमकुम के द्वारा श्री गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. साथ ही श्री गणेश जी को मोदक गजक या बूंदी के लड्डू का भी अभिषेक करना चाहिए."

यह भी पढ़ें: Sanatana Dharma importance: 1 मार्च 2022 को जो ग्रहों की स्थिति थी, वह सनातन धर्म के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है, आइए जानते हैं


विनायक चतुर्थी के दिन इन मंत्रों का करें जाप: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "ऋतु फल में भगवान श्री गणेश जी को केले का फल बहुत प्रिय है. इसलिए विघ्नहर्ता भगवान को केला, सीताफल, चीकू, गन्ना, पपीता, सेब, अनार आदि रितु फलों के माध्यम से पूजा करनी चाहिए. आज के शुभ दिन पूरा दिन उपवास, व्रत और साधना करनी चाहिए. विनायक चतुर्थी के शुभ दिन गणेश चालीसा, गणेश मंत्र, अथर्वशीर्ष, गणेश सहस्त्रनाम, गणेश ऋण मोचन मंत्र का पाठ करना उचित रहता है.

विद्यार्थी करें गणेश गायत्री मंत्र का पाठ: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "विद्यार्थी वर्ग को इस दिन गणेश गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए. भगवान श्री गणेश प्रथम पूज्य प्रथमेश माने जाते हैं. भगवान श्री गणेश जी को शुद्ध अंतःकरण से स्मरण करना चाहिए. आज के दिन गणेश जी को याद कर व्रत, उपवास करने पर जीवन के समस्त विघ्न दूर हो जाते हैं.

चंद्र दर्शन के उपरांत तोड़ें उपवास: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के दिन चंद्र दर्शन के उपरांत उपवास तोड़ा जाता है. ऋतु फल साबूदाना की खिचड़ी और औषधीय गुणों से युक्त फलों के माध्यम से उपवास करना चाहिए. उपवास तोड़ने के लिए हल्के पदार्थों का उपयोग करना चाहिए. आज के दिन कोई भी भारी गरिष्ठ चीज का सेवन नहीं करना चाहिए. आज के उपवास में प्रमुख रूप से अदरक लहसुन का उपयोग नहीं करना चाहिए."

23 फरवरी को मनाया जाएगा विनायक चतुर्थी

रायपुर: विनायक चतुर्थी के दिन रेवती नक्षत्र, शुभ योग बिषकुंभकरण का प्रभाव दिख रहा है. यह शुभ दिन संत चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. दिन भर चंद्रमा मीन राशि में रहेंगे और मध्य रात्रि को मेष राशि में उनका आगमन होगा. आज के शुभ दिन सर्वार्थ सिद्धि योग अहोरात्र रवि योग का सुंदर योग बन रहा है. आज के दिन कम से कम पांच महत्वपूर्ण योग बन रहे हैं. इन शुभ पांच महत्वपूर्ण लोगों के बीच विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की जयंती मनाई जाएगी.

आम के पत्तों से करें कलश की स्थापना: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान ध्यान से निवृत्त होकर लाल कपड़े पहनकर गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. गणेश जी को भी लाल कपड़े में बिठाकर सम्मान पूर्वक आसन देना चाहिए. इसके साथ ही केले के पत्र आदि से गणेश जी का श्रृंगार करना चाहिए. आम के पत्तों के द्वारा कलश की स्थापना की जानी चाहिए. कलश देवता को विभिन्न मंत्रों के माध्यम से आह्वान करना चाहिए.

गणेश को गंगाजल से करायें स्नान: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "इसके उपरांत श्री गणेश भगवान को शुद्ध जल से स्नान कराना चाहिए. इसके उपरांत गंगाजल त्रिवेणी के जल नर्मदा के जल अथवा पवित्र नदियों के जल से भगवान श्री गणेश जी को स्नान कराना चाहिए. अक्षत, चावल, अबीर, गुलाल, पंचामृत विभिन्न तरह के पुष्प चंदन, रोली, सिंदूर, कुमकुम के द्वारा श्री गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. साथ ही श्री गणेश जी को मोदक गजक या बूंदी के लड्डू का भी अभिषेक करना चाहिए."

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विनायक चतुर्थी के दिन इन मंत्रों का करें जाप: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "ऋतु फल में भगवान श्री गणेश जी को केले का फल बहुत प्रिय है. इसलिए विघ्नहर्ता भगवान को केला, सीताफल, चीकू, गन्ना, पपीता, सेब, अनार आदि रितु फलों के माध्यम से पूजा करनी चाहिए. आज के शुभ दिन पूरा दिन उपवास, व्रत और साधना करनी चाहिए. विनायक चतुर्थी के शुभ दिन गणेश चालीसा, गणेश मंत्र, अथर्वशीर्ष, गणेश सहस्त्रनाम, गणेश ऋण मोचन मंत्र का पाठ करना उचित रहता है.

विद्यार्थी करें गणेश गायत्री मंत्र का पाठ: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "विद्यार्थी वर्ग को इस दिन गणेश गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए. भगवान श्री गणेश प्रथम पूज्य प्रथमेश माने जाते हैं. भगवान श्री गणेश जी को शुद्ध अंतःकरण से स्मरण करना चाहिए. आज के दिन गणेश जी को याद कर व्रत, उपवास करने पर जीवन के समस्त विघ्न दूर हो जाते हैं.

चंद्र दर्शन के उपरांत तोड़ें उपवास: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के दिन चंद्र दर्शन के उपरांत उपवास तोड़ा जाता है. ऋतु फल साबूदाना की खिचड़ी और औषधीय गुणों से युक्त फलों के माध्यम से उपवास करना चाहिए. उपवास तोड़ने के लिए हल्के पदार्थों का उपयोग करना चाहिए. आज के दिन कोई भी भारी गरिष्ठ चीज का सेवन नहीं करना चाहिए. आज के उपवास में प्रमुख रूप से अदरक लहसुन का उपयोग नहीं करना चाहिए."

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