रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार लाने के लिए राज्य सरकार ने सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी को नया रूप दिया जा रहा है. इसके तहत गांव-गांव में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है. इन गौठानों से गांव-गांव में रोजगार और अतिरिक्त आय के अवसर बढ़ेंगे. ये बातें सीएम बघेल ने अपने निवास कार्यालय में अखिल भारतीय अघरिया समाज के प्रतिनिधिमंडल के लोगों को संबोधित करते हुए कही.
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विधायक रायगढ़ प्रकाश नायक ने किया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल की मांग पर जिला मुख्यालय रायगढ़ के कोतरा रोड स्थित अघरिया भवन के विस्तार के लिए भू-खंड प्रदान करने का आश्वासन दिया. इसके अलावा महासमुंद जिले के अंतर्गत ग्राम पैंता में अघरिया धाम को विकसित करने में हर संभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया. गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ छत्तीसगढ़ी अस्मिता और संस्कृति को शीर्ष पर रखकर अपने कुशल नेतृत्व से प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए मुख्यमंत्री बघेल का अखिल भारतीय अघरिया समाज ने मुलाकात के दौरान अभिनंदन भी किया गया.
हरेली त्यौहार से होगी 'गोधन न्याय योजना' की शुरुआत
सीएम बघेल ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार हरेली त्यौहार के दिन से 'गोधन न्याय योजना' भी शुरू करने जा रही है. इस योजना में पशुपालकों से दो रूपए प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदकर गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाएगा.
इन मजदूर परिवारों को भी मिलेगा योजना का लाभ
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां गोबर की खरीदी की जाएगी. साथ ही इस योजना से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण में भी सुधार होगा. इससे पशुओं को खुले में चराने पर रोक लगेगी और किसान बरसात के बाद दूसरे फसलों के लिए उत्पादन की तैयारी कर सकेंगे. गोधन न्याय योजना का लाभ ऐसे मजदूर परिवारों को भी मिलेगा, जिनके पास खेती की जमीन नहीं है, लेकिन उनके पास मवेशियां हैं. छोटे से छोटे पशुपालक को भी इस योजना से हर महीने 2 से 3 हजार रुपए की आमदनी मिल सकती है.
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इस अवसर पर जिला पंचायत महासंमुद की अध्यक्ष उषा पटेल और समाज के पदाधिकारी भुवनेश्वर पटेल, लक्ष्मण पटेल और द्वारिका पटेल सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे.