रायपुर: राजधानी रायपुर में चिटफंड कंपनी के दो डायरेक्टरों के खिलाफ गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने चिटफंड कंपनी के दोनों डायरेक्टरों की गिरफ्तारी के साथ-साथ निवेशकों की ओर से जमा की गई करोड़ों रुपए की रकम वापस दिलाने की मांग की है.
निवेशकों के 10 करोड़ रुपये फंसे
साल 2001 में इस चिटफंड कंपनी की शुरुआत हुई थी. पाटन क्षेत्र के लगभग 30 हजार लोगों ने इस कंपनी में निवेश किया था लेकिन ग्रामीणों की ओर से निवेश की गई लगभग 10 करोड़ रुपये की राशी का भुगतान उन्हें अब तक नहीं हुआ है.
ग्रामीणों ने दी चेतावनी
इसके विरोध में ग्रामीणों ने रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. ग्रमीणों ने एक सप्ताह के अंदर मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन करने के साथ ही आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी है .
कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन
मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपने जा रहे ग्रमीणों को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया था, जिसके बाद ग्रामीणों ने कार्यपालिक मजिस्ट्रेट नोबिता सिन्हा को ज्ञापन सौंपा. बता दें ग्रिण्डले प्रोजेक्ट्स एंड डेवलपर्स लिमिटेड एवं ग्रिण्डले फॉरेस्ट्री इंडिया लिमिटेड के नाम से चिटफंड कंपनी में प्रदेश के हजारों लोगों ने अपना पैसा निवेश किया था. कुछ दिनों तक तो लोगों को इसका लाभ मिलता रहा लेकिन बाद में धोखाधड़ी का मामला सामने आया.