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Vijay Divas 2022 रायपुर में भारत का पहला टैंक, 1971 में पाकिस्तानी सैनिकों पर बरपाया था कहर

vijay divas 2022 आज पूरा देश विजय दिवस मना रहा है. vijay diwas history साल 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में भारत के वीर जवानों ने अपनी हिम्मत से दुश्मनों को लोहे के चने चबाने पर मजबूर कर दिया था. 1971 भारत पाक युद्ध में इस्तेमाल टैंक रायुपर में भी मौजूद है. रायपुर नगर निगम के मुख्यद्वार पर दो टैंक रखे गए हैं. इन टैंक का नाम बीएल 5.5 तोप है. इन टैंक्स को देखकर युवाओं में सेना के प्रति सम्मान और देशभक्ति का जज्बा पैदा होता है. 1971 India Pakistan War

vijay divas 2022
विजय दिवस 2022
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Published : Dec 16, 2022, 8:05 AM IST

Updated : Dec 16, 2022, 2:20 PM IST

विजय दिवस 2022

रायपुर: 16 दिसंबर 1971 को भारत पाकिस्तान युद्ध में भारत की सबसे बड़ी जीत हुई थी. भारत के वीर जवानों ने दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. हमारे जवानों ने स्वदेशी तोपों टैंकों की बदौलत पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया. भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी सैनिकों को महज 13 दिनों में धूल चटा दिया और दुश्मनों को भारतीय सीमा से लौटने पर मजबूर कर दिया था. इस खास दिन को विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है. ऐसे में ETV भारत आपको राजधानी रायपुर में रखे उन टैंक, फाइटर प्लेन और तोपों से रूबरू करा रहा है, जिनका इस्तेमाल हमारे जांबाजों ने पाकिस्तानी सेना को हमारी मातृभूमि से खदेड़ने के लिए किया था. Vijay Diwas 2022

भारत का पहला टैंक, जिसने दुश्मनों को दिया मुंह तोड़ जवाब: जीई रोड स्थित अनुपम गार्डन के पास मौजूद विजयंत टैंक ने युद्ध में प्रमुख भूमिका अदा की थी. इस टैंक को 2014 में भारतीय सेना से मांगा गया था. यह भारत का पहला स्वदेशी टैंक है. सन 1965 से लेकर 2008 तक यह टैंक भारतीय फौज का हिस्सा रहा. सन 1971 की लड़ाई में इस टैंक का महत्वपूर्ण योगदान था. इसने दुश्मनों पर जमकर कहर बरपाया था. 39 हजार किलो वजनी यह टैंक 105 मिलीमीटर चौड़ा है, जिसमें 50 गोले रखे जा सकते हैं. इस टैंक से अलग-अलग तरह व साइज के गोले 44 से दो हजार राउंड तक फायर किए जा सकते हैं. तीन मीटर गहरी और दो मीटर चौड़ी खाई को फांदने वाला यह टैंक 530 किमी तक का सफर तय कर सकता है. इसकी अधिकतम स्पीड 50 किमी प्रति घंटा है.India victory in 1971 Indo Pakistan war

BREAKING NEWS: सीएम भूपेश बघेल ने विजय दिवस पर वीर जवानों को किया नमन

विजय गाथा का प्रतीक चिन्ह बीएल 5.5 तोप: रायपुर के नगर निगम के मुख्यद्वार पर दो तोप रखे गए हैं. इन दोनों तोपों का नाम बीएल 5.5 तोप है. यह वीर गाथा दोहरा रहे हैं. इन्हें देखकर युवाओं में सेना के प्रति सम्मान और देशभक्ति का जज्बा प्रदान करता है. 1971 में भारत पाकिस्तान के युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने इन्हीं तोप का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया था. यह तोप 1941-1945 में बनी थी. इसका कुल भार 13,847 पाउंड (6.190 टन) है. इस तोप का योगदान कोरिया, अरब और बोरनियो युद्ध में भी रहा है.

मिग-21 की थी निर्णायक भूमिका: वायु सेना ने भी पाकिस्तानी सेना को हवाई हमला कर घुटने टेकने पर मजबूर किया था. इसका गवाह है निगम गार्डन में रखा मिग-21(सी 991) अर्थात त्रिशूल. इसने भारत-पाक युद्ध में निर्णायक लड़ाई लड़ी थी. मिग-21 सीरीज के प्लेन लाइटवेट और फाइटर जेट हैं. 1959 में मिग विमान का पदार्पण हुआ था. यह 20 मीटर लंबा, 10 मीटर चौड़ा और छह मीटर ऊंचा है. इस फाइटर प्लेन ने भी 1971 के युद्ध में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसने आसमान से दुश्मनों पर जमकर कहर ढाया. साथ ही कई पाकिस्तानी फाइटर प्लेन को भी नेस्तनाबूत कर दिया.

क्या कहते हैं अफसर: रायपुर नगर निगम के उपायुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया "राजधानी रायपुर के नगर निगम के मुख्यद्वार पर दो तोप रखे गए हैं. साथ ही अनुपम गार्डन में विजया टैंक और निगम गार्डन में मिग-21 (फाइटर प्लेन) रखे गए हैं. इन सभी का उपयोग भारतीय सेना के वीर जवानों ने दुश्मनों से युद्ध के दौरान किया था. हमारे युवाओं में सेना के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना उत्पन्न हो इसलिए इन्हें शहर के प्रमुख जगहों पर रखा गया है, जो अपने आप ने आकर्षण का केंद्र बिंदु है.

विजय दिवस 2022

रायपुर: 16 दिसंबर 1971 को भारत पाकिस्तान युद्ध में भारत की सबसे बड़ी जीत हुई थी. भारत के वीर जवानों ने दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. हमारे जवानों ने स्वदेशी तोपों टैंकों की बदौलत पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया. भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी सैनिकों को महज 13 दिनों में धूल चटा दिया और दुश्मनों को भारतीय सीमा से लौटने पर मजबूर कर दिया था. इस खास दिन को विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है. ऐसे में ETV भारत आपको राजधानी रायपुर में रखे उन टैंक, फाइटर प्लेन और तोपों से रूबरू करा रहा है, जिनका इस्तेमाल हमारे जांबाजों ने पाकिस्तानी सेना को हमारी मातृभूमि से खदेड़ने के लिए किया था. Vijay Diwas 2022

भारत का पहला टैंक, जिसने दुश्मनों को दिया मुंह तोड़ जवाब: जीई रोड स्थित अनुपम गार्डन के पास मौजूद विजयंत टैंक ने युद्ध में प्रमुख भूमिका अदा की थी. इस टैंक को 2014 में भारतीय सेना से मांगा गया था. यह भारत का पहला स्वदेशी टैंक है. सन 1965 से लेकर 2008 तक यह टैंक भारतीय फौज का हिस्सा रहा. सन 1971 की लड़ाई में इस टैंक का महत्वपूर्ण योगदान था. इसने दुश्मनों पर जमकर कहर बरपाया था. 39 हजार किलो वजनी यह टैंक 105 मिलीमीटर चौड़ा है, जिसमें 50 गोले रखे जा सकते हैं. इस टैंक से अलग-अलग तरह व साइज के गोले 44 से दो हजार राउंड तक फायर किए जा सकते हैं. तीन मीटर गहरी और दो मीटर चौड़ी खाई को फांदने वाला यह टैंक 530 किमी तक का सफर तय कर सकता है. इसकी अधिकतम स्पीड 50 किमी प्रति घंटा है.India victory in 1971 Indo Pakistan war

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विजय गाथा का प्रतीक चिन्ह बीएल 5.5 तोप: रायपुर के नगर निगम के मुख्यद्वार पर दो तोप रखे गए हैं. इन दोनों तोपों का नाम बीएल 5.5 तोप है. यह वीर गाथा दोहरा रहे हैं. इन्हें देखकर युवाओं में सेना के प्रति सम्मान और देशभक्ति का जज्बा प्रदान करता है. 1971 में भारत पाकिस्तान के युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने इन्हीं तोप का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया था. यह तोप 1941-1945 में बनी थी. इसका कुल भार 13,847 पाउंड (6.190 टन) है. इस तोप का योगदान कोरिया, अरब और बोरनियो युद्ध में भी रहा है.

मिग-21 की थी निर्णायक भूमिका: वायु सेना ने भी पाकिस्तानी सेना को हवाई हमला कर घुटने टेकने पर मजबूर किया था. इसका गवाह है निगम गार्डन में रखा मिग-21(सी 991) अर्थात त्रिशूल. इसने भारत-पाक युद्ध में निर्णायक लड़ाई लड़ी थी. मिग-21 सीरीज के प्लेन लाइटवेट और फाइटर जेट हैं. 1959 में मिग विमान का पदार्पण हुआ था. यह 20 मीटर लंबा, 10 मीटर चौड़ा और छह मीटर ऊंचा है. इस फाइटर प्लेन ने भी 1971 के युद्ध में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसने आसमान से दुश्मनों पर जमकर कहर ढाया. साथ ही कई पाकिस्तानी फाइटर प्लेन को भी नेस्तनाबूत कर दिया.

क्या कहते हैं अफसर: रायपुर नगर निगम के उपायुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया "राजधानी रायपुर के नगर निगम के मुख्यद्वार पर दो तोप रखे गए हैं. साथ ही अनुपम गार्डन में विजया टैंक और निगम गार्डन में मिग-21 (फाइटर प्लेन) रखे गए हैं. इन सभी का उपयोग भारतीय सेना के वीर जवानों ने दुश्मनों से युद्ध के दौरान किया था. हमारे युवाओं में सेना के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना उत्पन्न हो इसलिए इन्हें शहर के प्रमुख जगहों पर रखा गया है, जो अपने आप ने आकर्षण का केंद्र बिंदु है.

Last Updated : Dec 16, 2022, 2:20 PM IST
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