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Vegetables Prices Hike: रायपुर में बारिश का मौसम शुरू होते ही बढ़े सब्जियों के दाम, जानिए कारण - टमाटर का रेट

Vegetables Prices Hike रायपुर में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. टमाटर का रेट भी दिनों दिन चढ़ता जा रहा है. ना सिर्फ टमाटर बल्कि रोज खाने वाली भिंडी, बरबट्टी, करेला का रेट भी काफी हाई है. एक तरफ बड़े दुकानदार माल की कम आवक से परेशान है तो दूसरी तरफ छोटे दुकानदारों की ग्राहकी नहीं हो रही है. रेट बढ़ने से आम आदमी भी पावभर सब्जी लेने के साथ सब्जियों के दूसरे ऑप्शनस को अपनी थाली में शामिल कर रहा है.

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Published : Jul 2, 2023, 8:58 AM IST

Updated : Jul 2, 2023, 11:00 AM IST

सब्जियों के दाम बढ़े

रायपुर: देशभर के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी इस समय टमाटर के साथ ही सभी सब्जियों के दाम काफी बढ़ गए हैं. हालत ये है कि एक किलो लेने वाले अब आधा किलो या पाव भर सब्जी या टमाटर लेकर काम चला रहे हैं. सब्जियों के दाम बढ़ने से जहां दुकानदारों की बिक्री कम हुई हैं वहीं आम आदमी की जेब पर भी बड़ा फटका लग रहा है. सब्जियों के दाम बढ़ने को लेकर बारिश को बड़ा कारण माना जा रहा है.

रायपुर में सब्जियों के दाम: पहले जान लेते हैं रायपुर मंडी में सब्जियों के दाम में कितनी तेजी बनी हुई है. टमाटर 100 रुपये किलो, करेला, बैंगन, पत्ता गोभी, फूल गोभी, गांठ गोभी, मुनगा, भिंडी 60 रुपये किलो मिल रही है. बरबट्टी 80 रुपये किलो मिल रही है. अदरक 200 रुपये किलो है. हरी मिर्च 100 रुपये किलो है. धनिया पत्ती 200 रुपये किलो है. मूली 60 रुपये, चुकंदर 80 रुपये किलो है. कटहल और गिलकी भी 60 रुपये किलो है. भाजी 40 रुपये किलो मिल रही है. इस समय सिर्फ आलू और प्याज के ही दाम कम है. दोनों का रेट 15 रुपये किलो चल रहा है.

क्यों बढ़ रहे टमाटर और सब्जियों के दाम: टमाटर के दाम इस समय 100 से 120 रुपये किलो है. लगभग पूरे देश में टमाटर के दाम बढ़े हुए हैं. थोक बाजार में भी टमाटर का रेट बढ़ हुआ है जिससे लोकल मार्केट में भी टमाटर महंगा मिल रहा है. टमाटर व्यापारी इसके लिए बारिश को एक बड़ा कारण मान रहे हैं. साथ ही उनका कहना है कि लोकल मार्केट में टमाटर की आवक सिर्फ 5 प्रतिशत है जिससे उन्हें दूसरे राज्यों में टमाटर के लिए निर्भर रहना पड़ता है. रायपुर में टमाटर बैंगलोर से मंगाया जाता है. लेकिन बारिश के कारण वहां भी फसल खराब हुई है जिससे माल कम हो गया है और टमाटर के रेट बढ़े हुए हैं. ट्रांसपोर्टेशन चार्ज ज्यादा होने के कारण भी असर पड़ा है.

बारिश के समय फसल की पैदावार कम होने के कारण माल महंगा हो जाता है. डिमांड 50 गाड़ियों की है लेकिन सिर्फ 10 गाड़ियों की मिल रही है जिससे माल कम होने के कारण भी टमाटर के रेट बढ़े हुए हैं. अगले 3 महीने तक लगभग स्थिति यहीं रहेगी. उसके बाद टमाटर के रेट कम होंगे.- मुरली पंजवानी, टमाटर व्यापारी

दूसरे सब्जियों के दाम बढ़ने से ग्राहकी पर असर: इस समय टमाटर के साथ ही बरबट्टी, करेला, गोभी, भिंडी, भाजियों में पालक का रेट काफी बढ़ गया हैं. जिससे लोग बारिश के मौसम में सब सब्जियों का स्वाद नहीं ले पा रहे हैं. इससे छोटे दुकानदारों की ग्राहकी पर असर हुआ हैं.

बारिश की वजह से सब्जियां महंगी हुई है. त्योहार भी पास आ रहा है. लेकिन सब्जियों का रेट बढ़ने का प्रमुख कारण बारिश है. माल खराब होने के कारण माल कम हो गया है. जिससे रेट बढ़ा है. हमारी ग्राहकी भी कम हो गई हैं. महंगाई के कारण ग्राहक गिनी चुनी सब्जियां ही खरीद रहे हैं. किलो सब्जी खरीदने वाले कम खरीद रहे हैं. सब कह रहे हैं कि सब्जियां काफी महंगी हो गई है. आरती साहू, सब्जी विक्रेता

जेब पर कितना पड़ा असर: बारिश के कारण शिवनाथ नदी चढ़ी हुई है जिससे बाहर से सब्जियां नहीं आ रही है. मार्केट में टमाटर के साथ ही दूसरी सब्जियां के रेट दोगुने हो गए हैं. गोभी पहले 40 रुपये किलो मिलती थी लेकिन अब 80 रुपये किलो मिल रही है. 20 रुपये किलो मिलने वाली भाजी अब 40 रुपये किलो मिल रही है. भिंडी, बरबट्टी भी 60 से 70 रुपये किलो मिल रही है. जिससे ग्राहकों की जेब पर काफी असर पड़ा है.

सब्जियां काफी महंगी हो गई है. जिससे लोग महंगी सब्जी खरीदने में बिल्कुल भी उत्सुक नहीं है. इससे कैसे गुजारा चलेगा. इसकी कोई व्यवस्था करनी चाहिए.- नासिर

बारिश के दिनों में सब्जियां महंगी होने पर क्या करें: छत्तीसगढ़ में गर्मी के दिनों में पापड़ बड़ी के साथ ही सब्जियों को भी उबालकर सुखा कर रखा जाता है. जिन्हें बारिश के दिनों में सब्जियां महंगी होने पर भिगो कर पकाया जाता है. इससे एक तरह जहां बारिश में भी उन सब्जियों का स्वाद मिल जाता है दूसरा महंगी सब्जियां भी खरीदनी नहीं पड़ती है. इसके साथ ही आप बारिश के दिनों में चना, मूंग, राजमा, छोले का ज्यादा यूज कर महंगी सब्जियां खरीदने से बच सकते हैं. इससे अच्छा स्वाद और स्वास्थ्य तो मिलेगा ही बजट भी नहीं बिगडे़गा.

सब्जियों के दाम बढ़े

रायपुर: देशभर के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी इस समय टमाटर के साथ ही सभी सब्जियों के दाम काफी बढ़ गए हैं. हालत ये है कि एक किलो लेने वाले अब आधा किलो या पाव भर सब्जी या टमाटर लेकर काम चला रहे हैं. सब्जियों के दाम बढ़ने से जहां दुकानदारों की बिक्री कम हुई हैं वहीं आम आदमी की जेब पर भी बड़ा फटका लग रहा है. सब्जियों के दाम बढ़ने को लेकर बारिश को बड़ा कारण माना जा रहा है.

रायपुर में सब्जियों के दाम: पहले जान लेते हैं रायपुर मंडी में सब्जियों के दाम में कितनी तेजी बनी हुई है. टमाटर 100 रुपये किलो, करेला, बैंगन, पत्ता गोभी, फूल गोभी, गांठ गोभी, मुनगा, भिंडी 60 रुपये किलो मिल रही है. बरबट्टी 80 रुपये किलो मिल रही है. अदरक 200 रुपये किलो है. हरी मिर्च 100 रुपये किलो है. धनिया पत्ती 200 रुपये किलो है. मूली 60 रुपये, चुकंदर 80 रुपये किलो है. कटहल और गिलकी भी 60 रुपये किलो है. भाजी 40 रुपये किलो मिल रही है. इस समय सिर्फ आलू और प्याज के ही दाम कम है. दोनों का रेट 15 रुपये किलो चल रहा है.

क्यों बढ़ रहे टमाटर और सब्जियों के दाम: टमाटर के दाम इस समय 100 से 120 रुपये किलो है. लगभग पूरे देश में टमाटर के दाम बढ़े हुए हैं. थोक बाजार में भी टमाटर का रेट बढ़ हुआ है जिससे लोकल मार्केट में भी टमाटर महंगा मिल रहा है. टमाटर व्यापारी इसके लिए बारिश को एक बड़ा कारण मान रहे हैं. साथ ही उनका कहना है कि लोकल मार्केट में टमाटर की आवक सिर्फ 5 प्रतिशत है जिससे उन्हें दूसरे राज्यों में टमाटर के लिए निर्भर रहना पड़ता है. रायपुर में टमाटर बैंगलोर से मंगाया जाता है. लेकिन बारिश के कारण वहां भी फसल खराब हुई है जिससे माल कम हो गया है और टमाटर के रेट बढ़े हुए हैं. ट्रांसपोर्टेशन चार्ज ज्यादा होने के कारण भी असर पड़ा है.

बारिश के समय फसल की पैदावार कम होने के कारण माल महंगा हो जाता है. डिमांड 50 गाड़ियों की है लेकिन सिर्फ 10 गाड़ियों की मिल रही है जिससे माल कम होने के कारण भी टमाटर के रेट बढ़े हुए हैं. अगले 3 महीने तक लगभग स्थिति यहीं रहेगी. उसके बाद टमाटर के रेट कम होंगे.- मुरली पंजवानी, टमाटर व्यापारी

दूसरे सब्जियों के दाम बढ़ने से ग्राहकी पर असर: इस समय टमाटर के साथ ही बरबट्टी, करेला, गोभी, भिंडी, भाजियों में पालक का रेट काफी बढ़ गया हैं. जिससे लोग बारिश के मौसम में सब सब्जियों का स्वाद नहीं ले पा रहे हैं. इससे छोटे दुकानदारों की ग्राहकी पर असर हुआ हैं.

बारिश की वजह से सब्जियां महंगी हुई है. त्योहार भी पास आ रहा है. लेकिन सब्जियों का रेट बढ़ने का प्रमुख कारण बारिश है. माल खराब होने के कारण माल कम हो गया है. जिससे रेट बढ़ा है. हमारी ग्राहकी भी कम हो गई हैं. महंगाई के कारण ग्राहक गिनी चुनी सब्जियां ही खरीद रहे हैं. किलो सब्जी खरीदने वाले कम खरीद रहे हैं. सब कह रहे हैं कि सब्जियां काफी महंगी हो गई है. आरती साहू, सब्जी विक्रेता

जेब पर कितना पड़ा असर: बारिश के कारण शिवनाथ नदी चढ़ी हुई है जिससे बाहर से सब्जियां नहीं आ रही है. मार्केट में टमाटर के साथ ही दूसरी सब्जियां के रेट दोगुने हो गए हैं. गोभी पहले 40 रुपये किलो मिलती थी लेकिन अब 80 रुपये किलो मिल रही है. 20 रुपये किलो मिलने वाली भाजी अब 40 रुपये किलो मिल रही है. भिंडी, बरबट्टी भी 60 से 70 रुपये किलो मिल रही है. जिससे ग्राहकों की जेब पर काफी असर पड़ा है.

सब्जियां काफी महंगी हो गई है. जिससे लोग महंगी सब्जी खरीदने में बिल्कुल भी उत्सुक नहीं है. इससे कैसे गुजारा चलेगा. इसकी कोई व्यवस्था करनी चाहिए.- नासिर

बारिश के दिनों में सब्जियां महंगी होने पर क्या करें: छत्तीसगढ़ में गर्मी के दिनों में पापड़ बड़ी के साथ ही सब्जियों को भी उबालकर सुखा कर रखा जाता है. जिन्हें बारिश के दिनों में सब्जियां महंगी होने पर भिगो कर पकाया जाता है. इससे एक तरह जहां बारिश में भी उन सब्जियों का स्वाद मिल जाता है दूसरा महंगी सब्जियां भी खरीदनी नहीं पड़ती है. इसके साथ ही आप बारिश के दिनों में चना, मूंग, राजमा, छोले का ज्यादा यूज कर महंगी सब्जियां खरीदने से बच सकते हैं. इससे अच्छा स्वाद और स्वास्थ्य तो मिलेगा ही बजट भी नहीं बिगडे़गा.

Last Updated : Jul 2, 2023, 11:00 AM IST
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