ETV Bharat / state

कैदियों की रिहाई के लिए छत्तीसगढ़ में शुरू हो रहा 'उन्मुक्त' अभियान

छत्तीसगढ़ में समय से पूर्व रिहाई के पात्र बंदियों के लिए 'उन्मुक्त' अभियान की शुरूआत की गई है. राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है.

release of eligible prisoners
पात्र बंदियों की रिहाई
author img

By

Published : Aug 1, 2021, 6:28 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल विभाग ने संयुक्त रूप से एक मानवीय कदम उठाया है. विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल विभाग दोष सिद्ध बंदियों की रिहाई के लिए उन्मुक्त अभियान शुरू कर रहा है. इस अभियान में उन दोष सिद्ध सजायाफ्ता बंदियों को रिहा किया जाएगा, जो राज्य शासन द्वारा बनाए गए नीति के अनुसार समय से पहले रिहाई के लिए पात्र हैं.

अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक प्रकरण में दिए गए निर्देशों के आधार पर इस अभियान की उत्पत्ति हुई है. जिसमें कोर्ट ने तीन राज्यों छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार को यह दायित्व सौंपा है. वह 1 अगस्त 2021 से इस पायलट प्रोजेक्ट को लागू करेंगे. साथ ही पात्र दोष सिद्ध बंदियों को रिहा किए जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे.

बता दें कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा, जो सालसा के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, वह पूरे अभियान पर बारीकी से निगरानी रख रहे हैं. साथ ही सभी जिला न्यायाधीशों को भी जेल प्रशासन की आवश्यक मदद करने के निर्देश दिए हैं.

ये तस्वीर शर्मनाक है- खस्ताहाल सड़क का दर्द खाट में लादकर मरीज को एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया

यह अभियान चार चरणों से होकर गुजरेगा. जिसमें प्रथम चरण के अंतर्गत पात्र दोष सिद्ध बंदियों की पहचान करते हुए उनकी ओर से दिए गए आवेदन को प्रस्तुत कर आवश्यक दस्तावेज संकलित करेगा. जिसके बाद रिहा किए जाने की कार्रवाई की जाएगी.

विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित समय सीमा का विधिवत पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में यह पायलट परियोजना के तौर पर शुरू किया जा रहा है. जिससे अन्य राज्यों में भी इसे लागू करने के लिए मदद मिलेगी.

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल विभाग ने संयुक्त रूप से एक मानवीय कदम उठाया है. विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल विभाग दोष सिद्ध बंदियों की रिहाई के लिए उन्मुक्त अभियान शुरू कर रहा है. इस अभियान में उन दोष सिद्ध सजायाफ्ता बंदियों को रिहा किया जाएगा, जो राज्य शासन द्वारा बनाए गए नीति के अनुसार समय से पहले रिहाई के लिए पात्र हैं.

अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक प्रकरण में दिए गए निर्देशों के आधार पर इस अभियान की उत्पत्ति हुई है. जिसमें कोर्ट ने तीन राज्यों छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार को यह दायित्व सौंपा है. वह 1 अगस्त 2021 से इस पायलट प्रोजेक्ट को लागू करेंगे. साथ ही पात्र दोष सिद्ध बंदियों को रिहा किए जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे.

बता दें कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा, जो सालसा के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, वह पूरे अभियान पर बारीकी से निगरानी रख रहे हैं. साथ ही सभी जिला न्यायाधीशों को भी जेल प्रशासन की आवश्यक मदद करने के निर्देश दिए हैं.

ये तस्वीर शर्मनाक है- खस्ताहाल सड़क का दर्द खाट में लादकर मरीज को एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया

यह अभियान चार चरणों से होकर गुजरेगा. जिसमें प्रथम चरण के अंतर्गत पात्र दोष सिद्ध बंदियों की पहचान करते हुए उनकी ओर से दिए गए आवेदन को प्रस्तुत कर आवश्यक दस्तावेज संकलित करेगा. जिसके बाद रिहा किए जाने की कार्रवाई की जाएगी.

विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित समय सीमा का विधिवत पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में यह पायलट परियोजना के तौर पर शुरू किया जा रहा है. जिससे अन्य राज्यों में भी इसे लागू करने के लिए मदद मिलेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.