रायपुर: पांचवीं अनुसूची का पालन नहीं होने से नाराज करीब 1200 ग्रामीण 200 किलोमीटर की पदयात्रा कर राजनांदगांव से राजधानी रायपुर पहुंचे हैं. जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र में पांचवीं अनुसूची नियम का पालन नहीं होने से सभी नाराज हैं और राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे हैं. सभी राजनांदगांव जिले के मानपुर ब्लॉक के रहने वाले हैं. सभी ग्रामीण 17 ग्राम पंचायतों से यहां पहुंचे हैं.
मानपुर ब्लॉक के 17 ग्राम पंचायत के 1200 से अधिक ग्रामीण राजनांदगांव से पदयात्रा करते हुए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे हैं. यहां सभी राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करेंगे. सभी ग्रामीण 20 जनवरी को ही पदयात्रा पर निकले हैं. ग्रामीण आज यानी (सोमवार) दोपहर इंडोर स्टेडियम से राजभवन के लिए कूच करेंगे.
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पांचवीं अनुसूची में क्या है?
पांचवीं अनुसूची के तहत आदिवासी संस्कृति, भाषा, जीवनशैली और अधिकारों को राज्यपाल की निगरानी में संवैधानिक संरक्षण दिया गया है. आनुसूचित जनजाति बहुल इलाके में संविधान की पांचवीं अनुसूची को लागू किया गया है. पांचवीं अनुसूची से ही संबद्ध कर पीईएसए (पेसा कानून) 1996 का प्रावधान किया गया. इसमें रूढ़ि-प्रथा और ग्रामसभा को परिभाषित किया गया है.
राजनांदगांव जिले का मानपुर ब्लॉक भी संविधान की इसी अनुसूची के तहत आता है. लेकिन यहां के लोगों का कहना है कि स्थानीय लोगों या यहां की ग्राम पंचायतों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है, इससे यहां के आदिवासी और स्थानीय लोग नाराज हैं.