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Sankashti Chaturthi 2023:तुला और वृश्चिक राशि के प्रभाव में मनाई जा रही संकष्टी चतुर्थी

आज संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जा रहा है. इस बार तुला और वृश्चिक राशि के प्रभाव में संकष्टी चतुर्थी मनायी जा रही. इस व्रत को करने से गणेश जी की विशेष कृपा मिलती है.

Sankashti Chaturthi 2023
संकष्टी चतुर्थी 2023
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Published : Apr 7, 2023, 2:27 PM IST

Updated : Apr 9, 2023, 8:23 AM IST

पंडित विनीत शर्मा

रायपुर: संकष्टी चतुर्थी समस्त संकटों को, विघ्नों को दूर करने वाले गणेश भगवान के लिए मनाया जाता है. संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से भगवान गणेश जल्द प्रसन्न होते हैं. आज वैशाख कृष्ण पक्ष चतुर्थी रविवार को विशाखा नक्षत्र सिद्धि योग विष्कुंभ और बवकरण तुला और वृश्चिक राशि के प्रभाव में संकष्टी चतुर्थी मनायी जा रही है. इस दिन सुबह भद्रा भी 9:35 बजे खत्म हो जाएगी. इसके साथ ही संकष्टी चतुर्थी व्रत का पालन करें. सुबह स्नान, ध्यान, योग आदि से निवृत्त होकर भगवान गणेश जी को स्मरण करते हुए उनकी पूजा आराधना करें. इस दिन व्रत करने पर गणेश जी समस्त कामनाओं को पूर्ण करते हैं.

चंद्रमा देखने के बाद तोड़ा जाता है व्रत: गणेश भगवान विघ्न-बाधाओं को हर लेते हैं. इस शुभ दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है. चंद्र दर्शन के उपरांत ही व्रत तोड़ा जाता है. सुबह उठकर लाल कपड़े या श्वेत कपड़े पहनकर भगवान गणेश जी की प्रतिमा को जल गंगाजल से स्नान कराना चाहिए. साथ ही दूध, दही, पंचामृत, चंदन, वंदन, रोली, कुमकुम, सिंदूर, परिमल, अबीर, गुलाल, अक्षत, श्वेत पुष्प, सभी तरह के सुंदर पुष्प धूप आदि से भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है. भगवान श्री गणेश जी को मगज के लड्डू, मोदक के लड्डू, बेसन, बूंदी आदि के लड्डू अर्पित किए जाते हैं. साथ ही ऋतु फल केला, सेब, अंगूर, मोसमी फल आदि फल अर्पित किए जाते हैं."

यह भी पढ़ें: Hanuman jayanti : मनचाहा वर पाना है तो हनुमान जयंती के दिन करें ये उपाय

दूब की माला से होते हैं प्रसन्न: इस दिन गणेश सहस्त्रनाम, गणेश चालीसा, अथर्वशीर्ष, गणेश ऋण मोचन मंत्र, गणेश गायत्री मंत्र का पाठ जाप विधि पूर्वक करना चाहिए. पूरे दिन गणेश जी की स्तुति की जानी चाहिए. इस दिन गणेश जी को दूब की माला विभिन्न फूलों की माला चढ़ाने पर लंबोदर महाराज शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं. समस्त विघ्नों को दूर करते हैं. श्री गणेश भगवान विघ्नहर्ता माने जाते हैं. श्री लंबोदर महाराज एकदंत भी कहे जाते हैं. जिन बच्चों के दांत निकलने आदि में तकलीफ हो रही हो या जिन जातकों को दांत से संबंधित तकलीफ हो, उन्हें भी इस व्रत का पालन पारण विधिपूर्वक करना चाहिए. इस शुभ दिन गणेश जी की कथा सुनने पर लाभ मिलता है. गणेश जी ने माता-पिता की परिक्रमा कर प्रथमेश होने का गौरव हासिल किया था, इसलिए इस दिन माता पिता की सेवा भी करनी चाहिए.

पंडित विनीत शर्मा

रायपुर: संकष्टी चतुर्थी समस्त संकटों को, विघ्नों को दूर करने वाले गणेश भगवान के लिए मनाया जाता है. संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से भगवान गणेश जल्द प्रसन्न होते हैं. आज वैशाख कृष्ण पक्ष चतुर्थी रविवार को विशाखा नक्षत्र सिद्धि योग विष्कुंभ और बवकरण तुला और वृश्चिक राशि के प्रभाव में संकष्टी चतुर्थी मनायी जा रही है. इस दिन सुबह भद्रा भी 9:35 बजे खत्म हो जाएगी. इसके साथ ही संकष्टी चतुर्थी व्रत का पालन करें. सुबह स्नान, ध्यान, योग आदि से निवृत्त होकर भगवान गणेश जी को स्मरण करते हुए उनकी पूजा आराधना करें. इस दिन व्रत करने पर गणेश जी समस्त कामनाओं को पूर्ण करते हैं.

चंद्रमा देखने के बाद तोड़ा जाता है व्रत: गणेश भगवान विघ्न-बाधाओं को हर लेते हैं. इस शुभ दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है. चंद्र दर्शन के उपरांत ही व्रत तोड़ा जाता है. सुबह उठकर लाल कपड़े या श्वेत कपड़े पहनकर भगवान गणेश जी की प्रतिमा को जल गंगाजल से स्नान कराना चाहिए. साथ ही दूध, दही, पंचामृत, चंदन, वंदन, रोली, कुमकुम, सिंदूर, परिमल, अबीर, गुलाल, अक्षत, श्वेत पुष्प, सभी तरह के सुंदर पुष्प धूप आदि से भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है. भगवान श्री गणेश जी को मगज के लड्डू, मोदक के लड्डू, बेसन, बूंदी आदि के लड्डू अर्पित किए जाते हैं. साथ ही ऋतु फल केला, सेब, अंगूर, मोसमी फल आदि फल अर्पित किए जाते हैं."

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दूब की माला से होते हैं प्रसन्न: इस दिन गणेश सहस्त्रनाम, गणेश चालीसा, अथर्वशीर्ष, गणेश ऋण मोचन मंत्र, गणेश गायत्री मंत्र का पाठ जाप विधि पूर्वक करना चाहिए. पूरे दिन गणेश जी की स्तुति की जानी चाहिए. इस दिन गणेश जी को दूब की माला विभिन्न फूलों की माला चढ़ाने पर लंबोदर महाराज शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं. समस्त विघ्नों को दूर करते हैं. श्री गणेश भगवान विघ्नहर्ता माने जाते हैं. श्री लंबोदर महाराज एकदंत भी कहे जाते हैं. जिन बच्चों के दांत निकलने आदि में तकलीफ हो रही हो या जिन जातकों को दांत से संबंधित तकलीफ हो, उन्हें भी इस व्रत का पालन पारण विधिपूर्वक करना चाहिए. इस शुभ दिन गणेश जी की कथा सुनने पर लाभ मिलता है. गणेश जी ने माता-पिता की परिक्रमा कर प्रथमेश होने का गौरव हासिल किया था, इसलिए इस दिन माता पिता की सेवा भी करनी चाहिए.

Last Updated : Apr 9, 2023, 8:23 AM IST
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