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क्या यहां भी बदलेगा समीकरण : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए भूपेश-सिंहदेव में "36 का आंकड़ा"! - raipur news

कांग्रेस खेमे के अंतर्कलह के बीच सोमवार सुबह चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब सूबे के नए "कैप्टन" बन गए. अब इसी तरह की राजनीतिक समस्या झेल रहे छत्तीसगढ़ और राजस्थान पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं. इस बीच आज छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव एक बार फिर से दिल्ली रवाना हो गए हैं. रायपुर एयरपोर्ट पर जब पत्रकारों ने उनसे प्रदेश की राजनीति को लेकर सवाल किये तो वे बस "रिस्पेक्ट दी प्रिवेसी ऑफ सिटीजन्स" बोलकर एयरपोर्ट में प्रवेश कर गए.

Bhupesh Baghel and TS Singhdeo
भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव
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Published : Sep 20, 2021, 11:44 AM IST

रायपुर : पंजाब ऑपरेशन के बाद अब सभी की निगाहें छत्तीसगढ़ और राजस्थान पर टिकी हैं, जो इसी तरह की राजनीतिक समस्या (political problem) और मुद्दों का सामना कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में दो शीर्ष नेता सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) के बीच कुर्सी के लिए बीते करीब दो महीन से 36 का आंकड़ा है. छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव चाहते हैं कि रोटेशनल मुख्यमंत्री (rotational chief minister) के फॉर्मूले का सम्मान किया जाए. जबकि भूपेश बघेल अपनी ताकत दिखाने के लिए 50 से अधिक विधायकों को दिल्ली में लामबंद कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेस नेतृत्व के फैसलों की अवहेलना किये जाने से नाराज है. वहीं सोमवार सुबह चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली.

दिल्ली जाने से पहले एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बोले-रिस्पेक्ट दी प्रिवेसी ऑफ सिटीजन्स

इधर, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव एक बार फिर से सोमवार सुबह दिल्ली रवाना हो गए. दिल्ली जाने के क्रम में अपनी गाड़ी से जैसे ही वे रायपुर एयरपोर्ट पर उतरे तो पत्रकारों ने प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता के मुद्दे पर उनसे सवाल पूछ लिया. उन्होंने जवाब में बस "रिस्पेक्ट दी प्रिवेसी ऑफ सिटीजन्स" कहा और तेजी से एयरपोर्ट के अंदर चले गए.

पंजाब ऑपरेशन से कांग्रेस ने दूसरे सीएम को दिया कड़ा संदेश

पंजाब ऑपरेशन से कांग्रेस ने अन्य मुख्यमंत्रियों को भी कड़ा संदेश दिया है. कांग्रेस महासचिव व राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने गुरुवार को कहा था कि राज्य में कैबिनेट विस्तार और संगठनात्मक फेरबदल के लिए रोडमैप तैयार है. माकन ने गुरुवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, अगर अशोक गहलोत बीमार नहीं पड़ते तो हम मंत्रिमंडल का विस्तार करते. बोर्ड निगमों और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए रोडमैप तैयार है.

पंजाब के बाद अब छत्तीसगढ़ में बदल सकता है चेहरा !

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे और चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद के लिए चुन लिये जाने के बाद अब छत्तीसगढ़ की सियासत में अटकलों का बाजार गर्म है. यहां पहले भी सीएम पद के लिए ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर गहमागहमी देखने को मिली थी. अगस्त महीने में तो सिंहदेव और बघेल दिल्ली दरबार में हाजिरी भी लगा चुके हैं. इतना ही नहीं इन दोनों नेताओं के अलावा उनके समर्थक विधायक भी दिल्ली में डेरा डाल चुके हैं. आलाकमान तक यह सियासी झगड़ा पहुंचा था और राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ दौरे पर आने की बात भी कही थी, लेकिन वे अभी तक दौरे पर आ नहीं सके हैं.

पंजाब में सियासी उलटफेर के बीच गणपति की शरण में पहुंचे थे सीएम

पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जैसे ही इस्तीफा दिया था कि उसके बाद छत्तीसगढ़ में भी सीएम पद पर बदलाव को लेकर चर्चा तेज हो गई है. सूत्रों से खबर है कि छत्तीसगढ़ में भी ऐसे ही बदलाव हो सकते हैं. पंजाब में मुख्यमंत्री की नियुक्ति को लेकर चल रहे उथल-पुथल के बीच बीते शनिवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भगवान श्रीगणेश की शरण में पहुंचे थे. उन्होंने राजधानी रायपुर के गणेश पंडाल और वहां भगवान गणेश की प्रतिमा की पूजा की और बप्पा का आशीर्वाद लिया.

सुगबुगाहट के बीच बढ़ा दी गई थी सिंहदेव की सुरक्षा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार रात सबसे पहले कालीबाड़ी स्थित गणेश पंडाल पहुंचे थे. जहां उन्होंने भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया था. इसके बाद वे बूढ़ापारा चौक, पुरानी बस्ती और रामसागर के साथ-साथ आजाद चौक में विराजे भगवान गणेश की प्रतिमा के दर्शन करने पहुंचे थे. सभी जगहों पर वे भगवान गणेश के सामने नतमस्तक हुए और उनका आशीर्वाद लिया था. इस दौरान उनके साथ विधायक विकास उपाध्याय सहित महापौर एजाज ढेबर भी मौजूद थे.

सीएम बदलने की सुगबुगाहट तेज, बढ़ाई गई थी सिंहदेव की सुरक्षा

पंजाब में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदला था और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से रिजाइन कर दिया था. इस सियासी उथल-पुथल के बीच स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की सुरक्षा बढ़ाए जाने के आदेश भी आए थे. यह आदेश छत्तीसगढ़ सरकार से नहीं बल्कि दिल्ली से आये थे. लेकिन इस आदेश की पुष्टि किसी ने नहीं की थी. सीएम बदलने के कयास को इस बात से भी बल मिलता है कि पिछले 2 दिनों से छत्तीसगढ़ में 27 विधायकों के एक साथ एक होटल में रुकने की चर्चा जोरों पर थी. लेकिन यह पता नहीं चल सका कि वे 27 विधायक कौन थे और किस होटल में एक साथ रुके हुए थे. हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधायकों के होटल में रुकने की जानकारी से साफ इंकार कर दिया था. अब देखना होगा कि पंजाब के बाद क्या छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होगा. या फिर सीएम बघेल की कुर्सी बनी रहेगी.

रायपुर : पंजाब ऑपरेशन के बाद अब सभी की निगाहें छत्तीसगढ़ और राजस्थान पर टिकी हैं, जो इसी तरह की राजनीतिक समस्या (political problem) और मुद्दों का सामना कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में दो शीर्ष नेता सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) के बीच कुर्सी के लिए बीते करीब दो महीन से 36 का आंकड़ा है. छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव चाहते हैं कि रोटेशनल मुख्यमंत्री (rotational chief minister) के फॉर्मूले का सम्मान किया जाए. जबकि भूपेश बघेल अपनी ताकत दिखाने के लिए 50 से अधिक विधायकों को दिल्ली में लामबंद कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेस नेतृत्व के फैसलों की अवहेलना किये जाने से नाराज है. वहीं सोमवार सुबह चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली.

दिल्ली जाने से पहले एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बोले-रिस्पेक्ट दी प्रिवेसी ऑफ सिटीजन्स

इधर, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव एक बार फिर से सोमवार सुबह दिल्ली रवाना हो गए. दिल्ली जाने के क्रम में अपनी गाड़ी से जैसे ही वे रायपुर एयरपोर्ट पर उतरे तो पत्रकारों ने प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता के मुद्दे पर उनसे सवाल पूछ लिया. उन्होंने जवाब में बस "रिस्पेक्ट दी प्रिवेसी ऑफ सिटीजन्स" कहा और तेजी से एयरपोर्ट के अंदर चले गए.

पंजाब ऑपरेशन से कांग्रेस ने दूसरे सीएम को दिया कड़ा संदेश

पंजाब ऑपरेशन से कांग्रेस ने अन्य मुख्यमंत्रियों को भी कड़ा संदेश दिया है. कांग्रेस महासचिव व राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने गुरुवार को कहा था कि राज्य में कैबिनेट विस्तार और संगठनात्मक फेरबदल के लिए रोडमैप तैयार है. माकन ने गुरुवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, अगर अशोक गहलोत बीमार नहीं पड़ते तो हम मंत्रिमंडल का विस्तार करते. बोर्ड निगमों और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए रोडमैप तैयार है.

पंजाब के बाद अब छत्तीसगढ़ में बदल सकता है चेहरा !

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे और चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद के लिए चुन लिये जाने के बाद अब छत्तीसगढ़ की सियासत में अटकलों का बाजार गर्म है. यहां पहले भी सीएम पद के लिए ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर गहमागहमी देखने को मिली थी. अगस्त महीने में तो सिंहदेव और बघेल दिल्ली दरबार में हाजिरी भी लगा चुके हैं. इतना ही नहीं इन दोनों नेताओं के अलावा उनके समर्थक विधायक भी दिल्ली में डेरा डाल चुके हैं. आलाकमान तक यह सियासी झगड़ा पहुंचा था और राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ दौरे पर आने की बात भी कही थी, लेकिन वे अभी तक दौरे पर आ नहीं सके हैं.

पंजाब में सियासी उलटफेर के बीच गणपति की शरण में पहुंचे थे सीएम

पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जैसे ही इस्तीफा दिया था कि उसके बाद छत्तीसगढ़ में भी सीएम पद पर बदलाव को लेकर चर्चा तेज हो गई है. सूत्रों से खबर है कि छत्तीसगढ़ में भी ऐसे ही बदलाव हो सकते हैं. पंजाब में मुख्यमंत्री की नियुक्ति को लेकर चल रहे उथल-पुथल के बीच बीते शनिवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भगवान श्रीगणेश की शरण में पहुंचे थे. उन्होंने राजधानी रायपुर के गणेश पंडाल और वहां भगवान गणेश की प्रतिमा की पूजा की और बप्पा का आशीर्वाद लिया.

सुगबुगाहट के बीच बढ़ा दी गई थी सिंहदेव की सुरक्षा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार रात सबसे पहले कालीबाड़ी स्थित गणेश पंडाल पहुंचे थे. जहां उन्होंने भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया था. इसके बाद वे बूढ़ापारा चौक, पुरानी बस्ती और रामसागर के साथ-साथ आजाद चौक में विराजे भगवान गणेश की प्रतिमा के दर्शन करने पहुंचे थे. सभी जगहों पर वे भगवान गणेश के सामने नतमस्तक हुए और उनका आशीर्वाद लिया था. इस दौरान उनके साथ विधायक विकास उपाध्याय सहित महापौर एजाज ढेबर भी मौजूद थे.

सीएम बदलने की सुगबुगाहट तेज, बढ़ाई गई थी सिंहदेव की सुरक्षा

पंजाब में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदला था और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से रिजाइन कर दिया था. इस सियासी उथल-पुथल के बीच स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की सुरक्षा बढ़ाए जाने के आदेश भी आए थे. यह आदेश छत्तीसगढ़ सरकार से नहीं बल्कि दिल्ली से आये थे. लेकिन इस आदेश की पुष्टि किसी ने नहीं की थी. सीएम बदलने के कयास को इस बात से भी बल मिलता है कि पिछले 2 दिनों से छत्तीसगढ़ में 27 विधायकों के एक साथ एक होटल में रुकने की चर्चा जोरों पर थी. लेकिन यह पता नहीं चल सका कि वे 27 विधायक कौन थे और किस होटल में एक साथ रुके हुए थे. हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधायकों के होटल में रुकने की जानकारी से साफ इंकार कर दिया था. अब देखना होगा कि पंजाब के बाद क्या छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होगा. या फिर सीएम बघेल की कुर्सी बनी रहेगी.

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