ETV Bharat / state

उद्योग और पर्यावरण प्रदूषण को लेकर AIPC राजस्थान ने की मीटिंग, मंत्री टीएस सिंहदेव ने दिए कई सुझाव - environmental pollution and AIPC Rajasthan

AIPC राजस्थान और AIPC चौपाल ने संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया. इस बैठक में देश में पर्यावरण प्रदूषण और इसके दुष्प्रभावों से संबंधित मामलों को लेकर चर्चा की गई. इस बैठक में टीएस सिंहदेव ने कहा कि उद्योगों के साथ ही व्यवहार में परिवर्तन लाकर पर्यावरण संरक्षण के प्रयास किए जा सकते हैं.

ts-singhdeo-attends-video-conferencing-meeting-of-environmental-pollution-and-aipc-rajasthan-in-raipur
AIPC राजस्थान की मीटिंग में मंत्री टीएस सिंहदेव ने दिए कई सुझाव
author img

By

Published : Nov 30, 2020, 3:58 PM IST

रायपुर: AIPC राजस्थान और AIPC चौपाल ने देश में पर्यावरण प्रदूषण और इसके दुष्प्रभावों से संबंधित मामलों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया. इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी शामिल हुए. इस बैठक में देश में पर्यावरण प्रदूषण और इसके दुष्प्रभावों से संबंधित मामलों को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान AIPC चौपाल में कहा गया कि प्राकृतिक संसाधनों को सालों से नजरअंदाज कर हम सभी ने इस समस्या को आमंत्रित किया है. आज 'वर्तमान परिपेक्ष्य में भारत की पर्यावरण चुनौतियों' को गंभीरता से लेते हुए मीटिंग की गई है.

AIPC राजस्थान की मीटिंग में मंत्री टीएस सिंहदेव ने दिए कई सुझाव

मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अभी बहुत कार्य करने की गुंजाइश है. औद्योगिक क्रांति के बाद से पर्यावरण को भारी क्षति पहुंची है, जिस पर गंभीरता से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि केवल उद्योगों या किसानों पर प्रतिबंध लगा देना मात्र ही पर्यावरण संरक्षण नहीं है. हमें जन-जन को पर्यावरण चुनौतियां और पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करना होगा.

छत्तीसगढ़ के 10 प्रतिशत उद्योग कोयले पर आधारित: टीएस सिंहदेव
टीएस सिंहदेव ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन की नीतियों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि विश्व के एक बड़े शक्तिशाली राष्ट्र ने पर्यावरण संरक्षण को प्रमुखता से अपने कैबिनेट में शामिल किया है. दूसरी ओर हमारा भारत विश्व में ग्रीन हाउस इफेक्ट में तीसरे स्थान पर है, साथ ही कोयला उत्सर्जन में दूसरे स्थान पर है, जो चिंता का बड़ा विषय है. उन्होंने आगे कहा कि मध्य भारत के अधिकांश उद्योग कोयला संचालित हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ के 10 प्रतिशत उद्योग कोयले पर आधारित हैं. हमारी अर्थव्यवस्था भी इन्हीं उद्योगों पर निर्भर है.

पढ़ें: SPECIAL: ऊर्जाधानी के लोगों की सांस में घुल रहा है 'जहर', बहरे हुए जिम्मेदार

पर्यावरण को बेहतर दिशा में ले जाने की तैयारी

इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में स्थित रायगढ़ क्षेत्र इन उद्योगों और खदानों से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है, जिसकी वजह से इस क्षेत्र से स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों के सर्वाधिक केस देखे गए हैं. कोविड-19 के दौरान भी इस क्षेत्र के लोग सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं. हमारे लिए प्रमुख चुनौती है, लेकिन केवल इन उद्योगों और किसानों की पराली पर कार्रवाई करना ही पर्यावरण संरक्षण नहीं माना जा सकता है, बल्कि हमें जन-जन तक पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता पहुंचाने की जरूरत है. लोगों को मानसिक रूप से तैयार करने की आवश्यकता है, जिसके साथ हम पर्यावरण को बेहतर दिशा में ले जा पाएंगे.

पढ़ें: SPECIAL: हमने दाना-पानी देना छोड़ दिया और गौरैया हमें छोड़ कर चली गई

टीएस सिंहदेव ने आदिवासी क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व कम होता है, जिससे इन क्षेत्रों में अपशिष्ट पदार्थ कम निकलते हैं. आदिवासी क्षेत्रों की संस्कृति उन्हें पर्यावरण एवं जीव जंतुओं से जुड़े रखती है, जिससे इन क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण की भावना बनी रहती है.

पर्यावरण प्रदूषण पर चर्चा

AIPC मीटिंग में कोविड के बीच तेजी से बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को लेकर चर्चा की गई, जिसमें एआईपीसी वेस्ट जोन के कोऑर्डिनेटर राजीव अरोरा, महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे और लोकसभा सांसद शशि थरूर सहित छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव शामिल हुए.

रायपुर: AIPC राजस्थान और AIPC चौपाल ने देश में पर्यावरण प्रदूषण और इसके दुष्प्रभावों से संबंधित मामलों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया. इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी शामिल हुए. इस बैठक में देश में पर्यावरण प्रदूषण और इसके दुष्प्रभावों से संबंधित मामलों को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान AIPC चौपाल में कहा गया कि प्राकृतिक संसाधनों को सालों से नजरअंदाज कर हम सभी ने इस समस्या को आमंत्रित किया है. आज 'वर्तमान परिपेक्ष्य में भारत की पर्यावरण चुनौतियों' को गंभीरता से लेते हुए मीटिंग की गई है.

AIPC राजस्थान की मीटिंग में मंत्री टीएस सिंहदेव ने दिए कई सुझाव

मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अभी बहुत कार्य करने की गुंजाइश है. औद्योगिक क्रांति के बाद से पर्यावरण को भारी क्षति पहुंची है, जिस पर गंभीरता से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि केवल उद्योगों या किसानों पर प्रतिबंध लगा देना मात्र ही पर्यावरण संरक्षण नहीं है. हमें जन-जन को पर्यावरण चुनौतियां और पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करना होगा.

छत्तीसगढ़ के 10 प्रतिशत उद्योग कोयले पर आधारित: टीएस सिंहदेव
टीएस सिंहदेव ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन की नीतियों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि विश्व के एक बड़े शक्तिशाली राष्ट्र ने पर्यावरण संरक्षण को प्रमुखता से अपने कैबिनेट में शामिल किया है. दूसरी ओर हमारा भारत विश्व में ग्रीन हाउस इफेक्ट में तीसरे स्थान पर है, साथ ही कोयला उत्सर्जन में दूसरे स्थान पर है, जो चिंता का बड़ा विषय है. उन्होंने आगे कहा कि मध्य भारत के अधिकांश उद्योग कोयला संचालित हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ के 10 प्रतिशत उद्योग कोयले पर आधारित हैं. हमारी अर्थव्यवस्था भी इन्हीं उद्योगों पर निर्भर है.

पढ़ें: SPECIAL: ऊर्जाधानी के लोगों की सांस में घुल रहा है 'जहर', बहरे हुए जिम्मेदार

पर्यावरण को बेहतर दिशा में ले जाने की तैयारी

इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में स्थित रायगढ़ क्षेत्र इन उद्योगों और खदानों से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है, जिसकी वजह से इस क्षेत्र से स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों के सर्वाधिक केस देखे गए हैं. कोविड-19 के दौरान भी इस क्षेत्र के लोग सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं. हमारे लिए प्रमुख चुनौती है, लेकिन केवल इन उद्योगों और किसानों की पराली पर कार्रवाई करना ही पर्यावरण संरक्षण नहीं माना जा सकता है, बल्कि हमें जन-जन तक पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता पहुंचाने की जरूरत है. लोगों को मानसिक रूप से तैयार करने की आवश्यकता है, जिसके साथ हम पर्यावरण को बेहतर दिशा में ले जा पाएंगे.

पढ़ें: SPECIAL: हमने दाना-पानी देना छोड़ दिया और गौरैया हमें छोड़ कर चली गई

टीएस सिंहदेव ने आदिवासी क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व कम होता है, जिससे इन क्षेत्रों में अपशिष्ट पदार्थ कम निकलते हैं. आदिवासी क्षेत्रों की संस्कृति उन्हें पर्यावरण एवं जीव जंतुओं से जुड़े रखती है, जिससे इन क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण की भावना बनी रहती है.

पर्यावरण प्रदूषण पर चर्चा

AIPC मीटिंग में कोविड के बीच तेजी से बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को लेकर चर्चा की गई, जिसमें एआईपीसी वेस्ट जोन के कोऑर्डिनेटर राजीव अरोरा, महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे और लोकसभा सांसद शशि थरूर सहित छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव शामिल हुए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.