रायपुर: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म, चैत्र शुक्ल पक्ष की महानवमी को अभिजीत मुहूर्त में हुआ था. रामनवमी का पावन पर्व पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाएगा. इस बार ये दिन गुरुवार पुनर्वसु नक्षत्र, अतिगंड योग, बालव करण कौलव करण और कर्क राशि के चंद्रमा में मनाया जाएगा. यह रामनवमी गुरु पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, और रवि योग से भी शोभायमान है. विक्रम संवत 2080, शाके 1945 कि रामनवमी त्रेता युग की रामनवमी से मेल कर रही है. भगवान श्री रामचंद्र जी का जन्म अनेक ग्रहों की उच्च अवस्था में हुआ था. यह वही संयोग है. जो त्रेता युग में भगवान राम के जन्म के समय बना था.
भगवान राम की पूजा करने से मिलेंगे शुभ फल : पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "भगवान राम ययाति वंशज मर्यादा पुरुषोत्तम और धर्मराज कहे जाते हैं. भगवान राम ने सत्य धर्म और राज्य की स्थापना के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था. भगवान श्री राम की कुंडली में सूर्य, गुरु, शनि, मंगल, शुक्र जैसे ग्रह उच्च राशि में विराजमान थे. चंद्रमा ग्रह स्व राशिगत था. चंद्रमा ग्रह कर्क राशि में विराजमान रहा. इस वर्ष रामनवमी में अनेक सुखद संयोग त्रेतायुग की तरह देखने को मिल रहे हैं. 30 मार्च रात्रि को पुष्य नक्षत्र का आगमन होगा. रात्रि 10:58 से पुष्य नक्षत्र शोभायमान होगा. यह शुभ गुरु पुष्य नक्षत्र की युति बना रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग रवि योग और पुष्य गुरू योग में सभी तरह के शुभ कार्य करना पवित्र माना गया है."
यह भी पढ़ें: Chaitra navratri 2023: कवर्धा में निकाली जाएगी माता के मंदिरों से खप्पर, सुरक्षा के कड़े इंतजामात
कन्या पूजन कर पाएं शुभ फल: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि " इस दिन यज्ञ, हवन योग मंत्र सिद्धि, तंत्र सिद्धि के लिए बहुत शुभ माने जाते हैं. इस दिन राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, आदित्य हृदय स्त्रोत, सुंदरकांड, हनुमान कवच, हनुमान बाहुक, हनुमान अष्टक, बजरंग बाण और गायत्री मंत्र आदि का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है. व्रत उपवास और और अनुष्ठान किया जाता है. इस अवसर पर कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने का विधान है. कुंवारी कन्याओं को विधिवत पूजन कर आरती कर उन्हें देवी तुल्य मानकर दक्षिणा भेंट की जाती है और उनका आशीर्वाद लिया जाता है. इसके उपरांत कुवारी कन्याओं को घर में बने हुए विभिन्न तरह के पकवान खिलाये जाते हैं. कुंवारी कन्याओं को आज के दिन देवी का दर्जा देकर पूरे मान सम्मान के साथ ही पूजा करने से शुभ फल मिलते हैं."
भंडारे का होता है आयोजन: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "रामनवमी के शुभ दिन जमीन जायदाद, वाहन, रजिस्ट्री करना शुभ होता है. पुंसवन, जातकर्म, सीमन्त, गर्भाधान, उपनयन, विद्यारंभ आदि तरह के संस्कार करना बहुत ही शुभ माने जाते हैं. रामनवमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने माता कौशल्या की कोख से जन्म लिया था. इसलिए इस शुभ दिन, उल्लास उमंग और पूरे मनोभाव से रामनवमी का पर्व मनाया जाता है. जगह-जगह आज के दिन भंडारे का आयोजन भी सार्वजनिक रूप से किया जाता है."