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कौशल्या मंदिर परिसर के सौन्दर्यीकरण का काम शुरू

राम वनगमन पर्यटन परिपथ और माता कौशल्या मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण कार्य का शुभारंभपर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे और संस्कृति मंत्री अमरजीत सिंह भगत शामिल हुए.

Ram Vangaman tourism
राम वनगमन पर्यटन परिपथ
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Published : Dec 23, 2019, 9:31 AM IST

रायपुर : ​​​​​ राम वनगमन पर्यटन परिपथ के निर्माण और माता कौशल्या मंदिर परिसर के सौन्दर्यीकरण से प्रदेश के पर्यटन को एक नई पहचान मिलेगी. प्रदेश के गृह और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू के मुख्य आतिथ्य में रविवार को आरंग विकासखंड अंतर्गत ग्राम चंदखुरी में राम वन गमन परिपथ और माता कौशल्या मंदिर परिसर के जीर्णोंद्धार, सौंदर्यीकरण कार्य का शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, संस्कृति मंत्री अमरजीत सिंह भगत, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे सहित विधायक श्री मोहन मरकाम और अन्य नेता उपस्थित थे.

Ram Vangaman tourism
राम वनगमन पर्यटन परिपथ

माता कौशल्या के मंदिर परिसर का भी होगा जीर्णोंद्धार
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पर्यटन परिपथ निर्माण की घोषणा की थी. जिसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है. इसमें प्रथम चरण में सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा के सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर और सुकमा जिले के रामाराम को राज्य शासन के पर्यटन विभाग की ओर से इन स्थलों को पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके साथ ही रायपुर जिले के चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर का भी जीर्णोंद्धार और सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है.

Ram Vangaman tourism
राम वनगमन पर्यटन परिपथ

51 स्थल में प्रभु राम ने रुककर कुछ समय व्यतीत किया था.
उल्लेखनीय है कि शोधकर्ताओं के शोध किताबों से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास काल के 14 वर्षों में से लगभग 10 वर्ष से अधिक समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया था. विभिन्न शोध प्रकाशनों के अनुसार प्रभु श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में वनगमन के दौरान लगभग 75 स्थलों का भ्रमण किया था, जिसमें से 51 स्थल ऐसे हैं, जहां प्रभु राम ने भ्रमण के दौरान रूककर कुछ समय व्यतीत किया था. राम वनगमन स्थलों में से प्रथम चरण इनमें से 8 स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास हेतु चयन किया गया है.

Ram Vangaman tourism
राम वनगमन पर्यटन परिपथ

यहां आवश्यकता के अनुसार पहुंच मार्ग का उन्नयन, साईनजेस, पर्यटक सुविधा केन्द्र, इंटरप्रिटेशन सेंटर, वैदिक विलेज, पगोड़ा, वेटिंग शेड, मूलभूत सुविधा (पेयजल व्यवस्था, शौचालय), सीटिंग बेंच, रेस्टोरेंट, वाटर फ्रंट डेव्हलपमेंट, विद्युतीकरण आदि कार्य कराए जाएंगे. राम वन गमन मार्ग में आने वाले स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम रायपुर जिले के आरंग तहसील के गांव चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर से प्रारंभ किया है.

इस मौके पर मुखयमंत्री भूपेश बघेल मौजूद नहीं थे, उन्होंने ट्वीट करते हुए खुशी जाहिर की.

रायपुर : ​​​​​ राम वनगमन पर्यटन परिपथ के निर्माण और माता कौशल्या मंदिर परिसर के सौन्दर्यीकरण से प्रदेश के पर्यटन को एक नई पहचान मिलेगी. प्रदेश के गृह और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू के मुख्य आतिथ्य में रविवार को आरंग विकासखंड अंतर्गत ग्राम चंदखुरी में राम वन गमन परिपथ और माता कौशल्या मंदिर परिसर के जीर्णोंद्धार, सौंदर्यीकरण कार्य का शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, संस्कृति मंत्री अमरजीत सिंह भगत, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे सहित विधायक श्री मोहन मरकाम और अन्य नेता उपस्थित थे.

Ram Vangaman tourism
राम वनगमन पर्यटन परिपथ

माता कौशल्या के मंदिर परिसर का भी होगा जीर्णोंद्धार
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पर्यटन परिपथ निर्माण की घोषणा की थी. जिसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है. इसमें प्रथम चरण में सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा के सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर और सुकमा जिले के रामाराम को राज्य शासन के पर्यटन विभाग की ओर से इन स्थलों को पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके साथ ही रायपुर जिले के चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर का भी जीर्णोंद्धार और सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है.

Ram Vangaman tourism
राम वनगमन पर्यटन परिपथ

51 स्थल में प्रभु राम ने रुककर कुछ समय व्यतीत किया था.
उल्लेखनीय है कि शोधकर्ताओं के शोध किताबों से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास काल के 14 वर्षों में से लगभग 10 वर्ष से अधिक समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया था. विभिन्न शोध प्रकाशनों के अनुसार प्रभु श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में वनगमन के दौरान लगभग 75 स्थलों का भ्रमण किया था, जिसमें से 51 स्थल ऐसे हैं, जहां प्रभु राम ने भ्रमण के दौरान रूककर कुछ समय व्यतीत किया था. राम वनगमन स्थलों में से प्रथम चरण इनमें से 8 स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास हेतु चयन किया गया है.

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राम वनगमन पर्यटन परिपथ

यहां आवश्यकता के अनुसार पहुंच मार्ग का उन्नयन, साईनजेस, पर्यटक सुविधा केन्द्र, इंटरप्रिटेशन सेंटर, वैदिक विलेज, पगोड़ा, वेटिंग शेड, मूलभूत सुविधा (पेयजल व्यवस्था, शौचालय), सीटिंग बेंच, रेस्टोरेंट, वाटर फ्रंट डेव्हलपमेंट, विद्युतीकरण आदि कार्य कराए जाएंगे. राम वन गमन मार्ग में आने वाले स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम रायपुर जिले के आरंग तहसील के गांव चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर से प्रारंभ किया है.

इस मौके पर मुखयमंत्री भूपेश बघेल मौजूद नहीं थे, उन्होंने ट्वीट करते हुए खुशी जाहिर की.

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