रायपुर: राजधानी रायपुर में लॉकडाउन का 9वां दिन है. हालांकि रायपुर में संक्रमण कम नहीं होने की वजह से लॉकडाउन बढ़ाने का विचार चल रहा है. फिलहाल 9 अप्रैल की शाम 6 बजे से 19 अप्रैल के सुबह 6 बजे तक जिले में पूर्ण लाकडाउन है.राज्य में सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या रायपुर जिले में ही है. जिले में कुल 24704 एक्टिव केस है. जिले में अब तक 1492 लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो चुकी है.
कोविड अस्पतालों में बिस्तरों की स्थिति-
रायपुर जिले में कोरोना संक्रमण के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. उसके मुकाबले अस्पतालों में बेड की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. वहीं ऑक्सीजन वाले बेड की भी संख्या कम है. अस्पतालों में वेंटिलेटर की भी कमी है.
सरकारी अस्पताल | टोटल बेड | ऑक्सीजन वाले बेड |
डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल माना | 144 | 74 |
कोविड केयर सेंटर लालपुर | 70 | 70 |
कोविड केयर सेंटर आयुर्वेदिक कॉलेज | 400 | 400 |
कोविड केयर सेंटर फुंडहर | 210 | 40 |
कोविड केयर सेंटर धरसींवा | 50 | 15 |
कोविड केयर सेंटर तिल्दा | 50 | 30 |
इंडोर स्टेडियम रायपुर | 350 | 286 |
सरकारी डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल और कोविड केयर सेंटर में कुल 1274 बेड है. जिसमें आक्सीजनेटेड पाइपलाइन बेड बिस्तर 391, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर वाले बेड 524 है.
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लॉकडाउन से पहले जरूरी सामान की कीमत
19 अप्रैल की सुबह 6 बजे लॉकडाउन समाप्त होने वाला है. प्रशासन की ओर से संकेत मिल रहा है कि लॉकडाउन 5 दिन के लिए और बढ़ा दिया जा सकता है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद राजधानी में रविवार या सोमवार से सब्जी, राशन और बैंकों को छूट दी जाएगी. 10 दिनों के लॉकडाउन के बाद आम लोगों को राहत देने के लिए सुबह 6:00 बजे से 12:00 बजे तक सब्जी राशन किराना खोले जाएंगे. शनिवार को रायपुर कलेक्टर सभी विभागों के अफसरों से बात करेंगे और जिले में किस तरह की व्यवस्था की जाएगी इसे लेकर सुझाव लिए जाएंगे.
जिले में दवाओं की स्थिति
जिले में दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था हैं. कोविड-19 टीकाकरण से लेकर दवाईयों की उपलब्धता है. हालांकि रेमडेसिवीर दवाई की कमी देखी गई है. इसकी कालाबाजारी भी हो रही है. लोग लाइन में लगकर रेमडेसिविर खरीद रहे हैं.
श्मशान घाट की स्थिति
रायपुर जिले में लगातार मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. अंतिम संस्कार के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है. शव वाहनों की कमी के चलते शव को श्मशान घाट तक पहुंचाने के लिए ट्रकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. श्मशान घाट में जहां अंतिम संस्कार दिन में ही हुआ करते थे अब वहां रात में भी अंतिम संस्कार किया जा रहा है.