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सूर्य आराधना का महापर्व मकर संक्रांति आज, क्या करें, क्या न करें

आज मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. 15 जनवरी की सुबह 02:06 बजे से सूर्य धनु राशि से होकर मकर राशि में प्रवेश कर चुका है. इस दिन सूर्य की उपासना का विशेष महत्व होता है.

मकर संक्रांति का महापर्व
मकर संक्रांति का महापर्व
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Published : Jan 15, 2020, 7:34 AM IST

रायपुर: आज देश भर में धूम-धाम से मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. आज सुबह 02:06 बजे से सूर्य धनु राशि से होकर मकर राशि में प्रवेश कर चुका है. इसलिए इसका मुहूर्त सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रहता है. ज्योतिषाचार्य पंडित अरुणेश शर्मा के अनुसार मकर संक्रांति के दिन कुंड आदि में स्नान करने और सूर्य को अर्घ देने के साथ दान का विशेष महत्व होता है.

मकर संक्रांति का महापर्व

सूर्य की उपासना का विशेष महत्व
मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य सहस्त्रनाम,आदित्य हृदय स्त्रोत्र, सूर्य चालीसा, सूर्य मंत्र आदि का पाठ कर सूर्य की आराधना करनी चाहिए और इस दिन गुड़, तिल, कंबल, खिचड़ी, चावल आदि पंडितों या फिर गरीबों को दान करने चाहिए. वायु पुराण में मकर संक्रांति पर तांबूल दान का भी विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में संक्रांति का शाब्दिक अर्थ सूर्य या किसी भी ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश या संक्रमण बताया गया है.

मकर संक्रांति पर ये करें दान

  • तिल, गुड़ को किसी गरीब और जरूरतमंद को दान करें.
  • कंबल और खिचड़ी का भी दान कर सकते हैं.
  • संक्रांति पर तांबूल दान का भी विशेष महत्व होता है.
  • चावल-दाल और सब्जी और कुछ मीठा पंडित या गरीब को दान कर सकते हैं.

6 महीने में विवाह के बन रहे हैं 67 मुहूर्त
मकर संक्रांति का पर्व भगवान सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने का संधि काल है. उत्तरायण में पृथ्वी वासियों पर सूर्य का प्रभाव तो दक्षिणायन में चंद्रमा का प्रभाव अधिक होता है. आज से खरमास का समापन हो गया है और मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो गई है. आज से आने वाले 6 महीने में लगभग 67 विवाह के मुहूर्त बन रहे हैं.

रायपुर: आज देश भर में धूम-धाम से मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. आज सुबह 02:06 बजे से सूर्य धनु राशि से होकर मकर राशि में प्रवेश कर चुका है. इसलिए इसका मुहूर्त सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रहता है. ज्योतिषाचार्य पंडित अरुणेश शर्मा के अनुसार मकर संक्रांति के दिन कुंड आदि में स्नान करने और सूर्य को अर्घ देने के साथ दान का विशेष महत्व होता है.

मकर संक्रांति का महापर्व

सूर्य की उपासना का विशेष महत्व
मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य सहस्त्रनाम,आदित्य हृदय स्त्रोत्र, सूर्य चालीसा, सूर्य मंत्र आदि का पाठ कर सूर्य की आराधना करनी चाहिए और इस दिन गुड़, तिल, कंबल, खिचड़ी, चावल आदि पंडितों या फिर गरीबों को दान करने चाहिए. वायु पुराण में मकर संक्रांति पर तांबूल दान का भी विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में संक्रांति का शाब्दिक अर्थ सूर्य या किसी भी ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश या संक्रमण बताया गया है.

मकर संक्रांति पर ये करें दान

  • तिल, गुड़ को किसी गरीब और जरूरतमंद को दान करें.
  • कंबल और खिचड़ी का भी दान कर सकते हैं.
  • संक्रांति पर तांबूल दान का भी विशेष महत्व होता है.
  • चावल-दाल और सब्जी और कुछ मीठा पंडित या गरीब को दान कर सकते हैं.

6 महीने में विवाह के बन रहे हैं 67 मुहूर्त
मकर संक्रांति का पर्व भगवान सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने का संधि काल है. उत्तरायण में पृथ्वी वासियों पर सूर्य का प्रभाव तो दक्षिणायन में चंद्रमा का प्रभाव अधिक होता है. आज से खरमास का समापन हो गया है और मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो गई है. आज से आने वाले 6 महीने में लगभग 67 विवाह के मुहूर्त बन रहे हैं.

Intro:रायपुर सूर्य आराधना का महापर्व मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा 15 जनवरी की सुबह 2:06 से सूर्य धनु राशि से होकर मकर राशि में प्रवेश करेगा इसका मुहूर्त सुबह सूर्योदय के समय से लेकर शाम को सूर्यास्त तक रहेगा पंडित अरुण शर्मा ज्योतिषाचार्य के अनुसार मकर संक्रांति के दिन कुंड आदि में स्नान करने के साथ ही सूर्य को अर्द्ध देने के साथ ही दान का विशेष महत्व रहता है


Body:स्नान के उपरांत सूर्य सहस्त्रनाम आदित्य हृदय स्त्रोत्र सूर्य चालीसा सूर्य मंत्र आदि का पाठ कर सूर्य की आराधना करनी चाहिए और इस दिन गुड़ तिल कंबल खिचड़ी चावल आदि पंडितों या फिर गरीबों को दान करना चाहिए वायु पुराण में मकर संक्रांति पर तांबूल दान का भी विशेष महत्व बताया गया है ज्योतिष शास्त्र में संक्रांति का शाब्दिक अर्थ सूर्य या किसी भी ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश या संक्रमण बताया गया है


Conclusion:मकर संक्रांति पर्व भगवान सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने का संधि काल है उत्तरायण में पृथ्वी वासियों पर सूर्य का प्रभाव तो दक्षिणायन में चंद्रमा का प्रभाव अधिक होता है सूर्यदेव 6 माह उत्तरायण मकर राशि से मिथुन राशि तक और 6 महीने दक्षिणायन कर्क से धनु राशि तक इसी दिन से खरमास का समापन हो जाएगा और मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी हो जाएगी आने वाले 6 महीने में लगभग 67 विवाह मुहूर्त बन रहे हैं



बाइट पंडित अरुणेश शर्मा ज्योतिषाचार्य रायपुर



रितेश कुमार तंबोली ईटीवी भारत रायपुर
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