रायपुर: छत्तीसगढ़ में नशे के सौदागरों पर और नकेल कसा जाएगा. अब प्रदेश में हुक्का बार खोलने वालों को तीन साल की सजा होगी(Three years imprisonment for opening hookah bar) . राज्यपाल ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद व्यापार और वाणिज्य विधेयक पर हस्ताक्षर किया है. अब यह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास अनुमोदन के लिए जाएगा. उसके बाद यह कानून बन सकेगा. इस अधिनियम की धारा 3, 4, 12, 13, 21 एवं 27 में संशोधन किया गया है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान हुक्का बार से जुड़े इस विधेयक को पारित किया गया था. नए प्रावधानों के अनुसार अब प्रदेश में कोई भी व्यक्ति हुक्का बार खोलता या उसका संचालन करता पाया गया तो उसे सजा होगी. इसके अलावा रेस्टोरेंट और होटलों में ग्राहकों को हुक्का नहीं दिया जाएगा. कोई भी शख्स हुक्का का सेवन करता बार में पाया गया तो उस पर कार्रवाई होगी. संशोधन में नई धारा जोड़कर जब्ती का कानून सख्त बनाया गया है. पुलिस विभाग के उप निरीक्षक समेत उससे बड़े रैंक के पुलिस अधिकारी हुक्का बार पर कार्रवाई कर सकेंगे. ऐसे अधिकारियों को हुक्का बार में किसी भी सामग्री या वस्तु की जब्ती का अधिकार (opening hookah bar in Chhattisgarh) होगा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अनुमोदन के बाद यह अधिनियम राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा. उसके बाद यह कानून का रूप ले लेगा. इसके लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ में सरकार को हुक्का बार पर कार्रवाई करने और हुक्का बार संचालकों को सजा दिलाने का कानूनी अधिकार मिल जाएगा.
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तीन साल की सजा और फाइन की व्यवस्था
इस कानून के जरिए हुक्का बार खोलने वाले और उसके संचालकों को 3 साल की सजा मिलेगी. इसके साथ ही 50 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है. हुक्का का सेवन करने वालों को भी पांच हजार रुपये तक का जुर्माना भरना होगा.
हुक्का बार खोलना गैर जमानती अपराध
हुक्का बार में नशा करना गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा. ऐसे में इस केस से जुड़े लोगों को जमानत नहीं मिल सकेगी. इस तरह सरकार ने प्रदेश में बढ़ रही नशाखोरी पर लगाम लगाने की दिशा में नया कदम उठाया है.