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रायपुर: तरह-तरह के पटाखों से सजा है बाजार, लेकिन कम हो रही डिमांड - रायपुर पटाखा दुकान 2019

इस साल सरकार की ओर से पाल्युशन फ्री और ईको फ्रेंडली पटाखों पर जोर दिया जा रहा है, जिससे हवा में प्रदूषण कम फैले और दिवाली भी अच्छी तरह से मनाई जा सके. इसे देखते हुए बाजारों में प्रदूषण फ्री पटाखे लाए गए हैं. जिसे 'हरे पटाखे' के नाम से बेचा जा रहा है.

'हरे पटाखे' के नाम से मिल रहे Ecofriendly पटाखे
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Published : Oct 25, 2019, 11:24 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 12:07 AM IST

रायपुर: दीपावली हिंदूओं का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. जिसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. दीपावली में पटाखों की अपनी अलग ही कहानी है. इसके लिए बच्चों में सबसे ज्यादा क्रेज होता है.

पैकेज.

मान्यता है कि जब श्री राम रावण का वध कर लंका पर विजय पाकर वापस अयोध्या लौटे थे. तब अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे और पटाखे फोड़कर खुशियां मनाई थी और अब तक ये परंपरा पूरे भारतवर्ष में प्रचलित है.

'हरे पटाखे' के नाम से मिल रहे Ecofriendly पटाखे
इस साल सरकार की तरफ से पाल्युशन फ्री और ईको फ्रेंडली पटाखों पर जोर दिया जा रहा है, जिससे हवा में प्रदूषण कम फैले और दिवाली भी अच्छी तरह से मनाई जा सके. इसे देखते हुए बाजारों में प्रदूषण फ्री पटाखे लाए गए हैं. जिसे 'हरे पटाखे' के नाम से बेचा जा रहा है. इन पटाखों को बच्चे और बड़े दोनों ही काफी पसंद कर रहें हैं.

कारोबारियों को देर से मिली जगह
इस साल राजधानी मैं नगर निगम ने पटाखा कारोबारियों को पटाखा दुकान के लिए देरी से जगह उपलब्ध कराई. जिसके कारण पटाखा कारोबारी काफी परेशान थे. जो जगह उन्हें दुकान लगाने के लिए दी गई वहां सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी. वहां के गड्ढों में बारिश का पानी भी जमा हुआ था. जिससे दुकान लगाने में काफी परेशानी हो रही थी.

पटाखा कारोबारियों का कहना था कि, 'इस कारण से ग्राहकों की भी आवक कम होगी और हमें नुकसान सहना पड़ सकता है, लेकिन हम कोशिश करेंगे की ज्यादा से ज्यादा दुकान सज पाए और किसी को भी पटाखे खरीदने में परेशानी ना हो.

पढ़ें-रायपुर: पटाखा व्यापरियों पर रहेगी निगम की कड़ी नजर

10 रूपये से लेकर 10 हजार तक के पटाखे
इसके साथ ही बाजारों में रॉकेट, फुलझड़ी, अनार और चकरी की भी बड़ी डिमांड है. जिससे पटाखा कारोबारी भी काफी खुश हैं. वहीं पटाखा कारोबारियों ने बताया कि, उनकी दुकानों में 10 रूपये से लेकर 5 हजार रुपये और 10 हजार रूपये तक के पटाखे उपलब्ध हैं.

पढ़ें-धमतरी: रिहायशी इलाके से 8 लाख के अवैध पटाखे जब्त

प्रदूषण के प्रति जागरुकता
पिछले कुछ सालों से हवा में नाइट्रोजन और सल्फर की मात्रा बढ़ जाने से सरकार और कई संस्थाओं ने प्रदूषण कम फैलाने की बात कही थी. वहीं दिवाली में पटाखों को कम जलाने और दूसरी सावधानियां बरतने के लिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही थी. क्योंकि दिवाली के मौके पर हवा में घुलने वाला प्रदूषण 10 गुना ज्यादा घातक होता है.

रायपुर: दीपावली हिंदूओं का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. जिसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. दीपावली में पटाखों की अपनी अलग ही कहानी है. इसके लिए बच्चों में सबसे ज्यादा क्रेज होता है.

पैकेज.

मान्यता है कि जब श्री राम रावण का वध कर लंका पर विजय पाकर वापस अयोध्या लौटे थे. तब अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे और पटाखे फोड़कर खुशियां मनाई थी और अब तक ये परंपरा पूरे भारतवर्ष में प्रचलित है.

'हरे पटाखे' के नाम से मिल रहे Ecofriendly पटाखे
इस साल सरकार की तरफ से पाल्युशन फ्री और ईको फ्रेंडली पटाखों पर जोर दिया जा रहा है, जिससे हवा में प्रदूषण कम फैले और दिवाली भी अच्छी तरह से मनाई जा सके. इसे देखते हुए बाजारों में प्रदूषण फ्री पटाखे लाए गए हैं. जिसे 'हरे पटाखे' के नाम से बेचा जा रहा है. इन पटाखों को बच्चे और बड़े दोनों ही काफी पसंद कर रहें हैं.

कारोबारियों को देर से मिली जगह
इस साल राजधानी मैं नगर निगम ने पटाखा कारोबारियों को पटाखा दुकान के लिए देरी से जगह उपलब्ध कराई. जिसके कारण पटाखा कारोबारी काफी परेशान थे. जो जगह उन्हें दुकान लगाने के लिए दी गई वहां सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी. वहां के गड्ढों में बारिश का पानी भी जमा हुआ था. जिससे दुकान लगाने में काफी परेशानी हो रही थी.

पटाखा कारोबारियों का कहना था कि, 'इस कारण से ग्राहकों की भी आवक कम होगी और हमें नुकसान सहना पड़ सकता है, लेकिन हम कोशिश करेंगे की ज्यादा से ज्यादा दुकान सज पाए और किसी को भी पटाखे खरीदने में परेशानी ना हो.

पढ़ें-रायपुर: पटाखा व्यापरियों पर रहेगी निगम की कड़ी नजर

10 रूपये से लेकर 10 हजार तक के पटाखे
इसके साथ ही बाजारों में रॉकेट, फुलझड़ी, अनार और चकरी की भी बड़ी डिमांड है. जिससे पटाखा कारोबारी भी काफी खुश हैं. वहीं पटाखा कारोबारियों ने बताया कि, उनकी दुकानों में 10 रूपये से लेकर 5 हजार रुपये और 10 हजार रूपये तक के पटाखे उपलब्ध हैं.

पढ़ें-धमतरी: रिहायशी इलाके से 8 लाख के अवैध पटाखे जब्त

प्रदूषण के प्रति जागरुकता
पिछले कुछ सालों से हवा में नाइट्रोजन और सल्फर की मात्रा बढ़ जाने से सरकार और कई संस्थाओं ने प्रदूषण कम फैलाने की बात कही थी. वहीं दिवाली में पटाखों को कम जलाने और दूसरी सावधानियां बरतने के लिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही थी. क्योंकि दिवाली के मौके पर हवा में घुलने वाला प्रदूषण 10 गुना ज्यादा घातक होता है.

Intro:दिवाली का त्यौहार हिंदू समाज का सबसे बड़े त्यौहार में से मना जाता है जिसे सभी लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं और कामना करते हैं कि घर में सुख शांति वह समृद्धि आए। वही दिवाली में पटाखों का बच्चों से बड़ों तक एक अलग ही क्रैश है। मान्यता है कि जब श्री राम रावण का वध कर लंका पर विजय पाकर वापस अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनका स्वागत दीप जलाकर वह पटाखे फोड़ कर खुशियों से किया था जो अब तक दिवाली के रूप में पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है।

Body:पिछले कुछ सालों से हवा में नाइट्रोजन और सल्फर की मात्रा बढ़ जाने से सरकार द्वारा और कई संस्थाओं द्वारा प्रदूषण कम फैलाने की बात कही जा रही थी वही दिवाली में पटाखों को कम जलाने व अन्य सावधानी बरतने के लिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही थी क्योंकि दिवाली के मौके पर हवा में घुलने वाला प्रदूषण 10 गुना ज्यादा घातक होते हैं वहीं इससे देखते हुए इस साल से प्रदूषण फ्री वह इको फ्रेंडली नाम के पटाखे बाजार में बेचे जा रहे हैं जिससे हवा में प्रदूषण कम फैले वह बच्चे भी हंसी-खुशी पटाखे फोड़ सके।

इस साल राजधानी मैं नगर निगम द्वारा पटाखा कारोबारियों को लेट से जमीन उपलब्ध करवाई गई थी जिससे कारण पटाखा कारोबारी काफी परेशान थे साथ ही जिस जमीन को पटाखा कारोबारियों को दुकान लगाने के लिए दि गई था उस जमीन पर सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी वह गड्ढों में बारिश का पानी भी जमा हुआ था जिससे उन्हें दुकान लगाने में काफी परेशानी हो रही थी और कारोबारियों का कहना था कि इस कारण से ग्राहकों की भी आवक कम होगी और हमें नुकसान सहना पड़ सकता है पर कारोबारियों का कहना है कि हम कोशिश करेंगे की ज्यादा से ज्यादा दुकान सज पाए वह किसी को भी पटाखा खरीदने में परेशानी ना हो वह सब की दिवाली खुशी से मने।

Conclusion:इस साल सरकार की तरफ से प्रदूषण फ्री पटाखों पर जोर दिया जा रहा है जिससे हवा में प्रदूषण कम फैले वही दिवाली भी अच्छी तरह से मनाई जा सके इसे देखते हुए बाजारों में प्रदूषण फ्री पटाखे लाए गए हैं जिसे हरे फटाके के नाम से बेचा जा रहा है जिसे बच्चे वह बड़े काफी पसंद कर रहे है इसके साथ ही बाजारों में रॉकेट फुलझड़ी अनार व चकरी की भी भारी डिमांड है जिससे पटाखा कारोबारी भी काफी खुश हैं। वही पटाखा कारोबारियों ने बताया कि उनके दुकान मे ₹10 से लेकर 5000 वह 10000 तक के पटाखे उपलब्ध है।

बाइट :- संजय सेफुल रहमान (पटाखा कारोबारी)
बाइट :- सत्यम दुबे (पटाखा कारोबारी)
बाइट :- निजाम खान ( पटाखा कारोबारी)

अभिषेक कुमार सिंह ईटीवी भारत
Last Updated : Oct 26, 2019, 12:07 AM IST
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