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Dhantertas 2022 : धनतेरस में सोना खरीदने से जुड़ी मान्यताएं - धनतेरस में सोना खरीदने से जुड़ी मान्यताएं

सोने और सोने के आभूषण भारतीय परंपरा के अभिन्न अंग हैं. सोने को सौभाग्य, समृद्धि, बहुतायत और शुभता का प्रतीक माना जाता है. वास्तव में लोग सोने को उसमें धन की देवी लक्ष्मी के अवतार के रूप में देखते हैं. इसलिए दीपावली के पहले लक्ष्मी पूजन से पहले सोने के आभूषण खरीदने की प्रथा है. धनतेरस पर बर्तन या अन्‍य कई तरह की चीजें खरीदने की परंपरा और मान्‍यता है. लेकिन इस दिन सोने की खरीदारी करना सबसे ज्‍यादा शुभ माना जाता है.सोना खरीदने के पीछे पौराणिक कथा भी जुड़ी है. धनतेरस धन और तेरस दो शब्‍दों के मेल से बना है. घर में धन और समृद्धि के लिए इस दिन विशेष बातों का ध्‍यान रखना चाहिए.

धनतेरस में सोना खरीदने से जुड़ी मान्यताएं
धनतेरस में सोना खरीदने से जुड़ी मान्यताएं
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Published : Oct 19, 2022, 12:25 PM IST

Updated : Nov 10, 2023, 3:47 PM IST

रायपुर : ज्योतिष के अनुसार सोने को सबसे शुद्ध धातुओं में से एक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि सबसे शुद्ध होने की वजह से सोने को धनतेरस के दिन जरूर खरीदना चाहिए. इस पवित्र धातु को धनतेरस के दिन घर लाने से साक्षात माता लक्ष्मी का आगमन होता है . पूरे साल लक्ष्मी जी की कृपा दृष्टि बनी रहती है. सोना खरीदने के साथ धनतेरस के दिन सोने का दान करना भी शुभ माना जाता है. इसलिए कुछ लोग इस दिन सोने का दान भी करते हैं.

सोना खरीदने के पीछे पौराणिक कथा : धनतेरस पर वैसे तो हम कई तरह की चीजें खरीदते हैं लेकिन इस दिन मुख्य रूप से सोना खरीदा जाता है. इसके पीछे एक कथा मशहूर है जिसे लोग आज भी सोना खरीदने से जोड़ते हैं. यह कथा धनतेरस हिम नामक एक राजा के बेटे के श्राप से संबंधित है. कहा जाता है कि राजा हिम के बेटे को श्राप था कि शादी के चौथे दिन ही निंद्रा में उसकी मृत्यु हो जाएगी.लेकिन जब इस बात की जानकारी राजकुमार की पत्नी को पता चली तो उसने एक नीति बनाई.

यमराज से बचाई जान: उसने अपने पति से शादी के चौथे दिन जगे रहने के लिए कहा. पति कहीं सो न जाए इसके लिए वह लगातार गीत और कहानियां सुनाती रही.उसके बाद उसने घर के दरवाजे पर सोने-चांदी और अन्य बहुमूल्य वस्तुएं रख दीं. घर के आसपास दीये भी जलाए. उस समय यमराज जब सांप के रूप में राजा हिम के बेटे की जान लेने आए तो सोने के आभूषणों और दीपों की चमक से अंधे हो गए. अंधे होने की वजह से यमराज घर के अंदर प्रवेश ही नहीं कर सके.वह आभूषणों के ढेर पर बैठ गए और रात भर गीत सुनते रहे. सुबह होने पर यमराज राजकुमार के प्राण लिए बिना ही चले गए क्‍योंकि मृत्‍यु की घड़ी बीत चुकी थी.इस प्रकार सोने के आभूषणों से यमराज की दिशा बदलने की कथा से ही धनतेरस के दिन सोना खरीदने की प्रथा चलने लगी.

ये भी पढ़ें- धनतेरस को लेकर ऐसी हैं हमारी धार्मिक मान्यताएं, इन नामों से मनाया जाता है त्योहार

स्वर्ण खरीदी को लेकर दूसरी मान्यता : ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी की भांति भगवान धनवंतरि भी समुद्र मंथन से निकले थे. उनके हाथ में अमृत कलश था. इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा बनाई गई है. मुख्य रूप से धनतेरस के दिन लोग सोने चांदी के बर्तन, पूजा के सिक्के और आभूषण खरीदते हैं.

रायपुर : ज्योतिष के अनुसार सोने को सबसे शुद्ध धातुओं में से एक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि सबसे शुद्ध होने की वजह से सोने को धनतेरस के दिन जरूर खरीदना चाहिए. इस पवित्र धातु को धनतेरस के दिन घर लाने से साक्षात माता लक्ष्मी का आगमन होता है . पूरे साल लक्ष्मी जी की कृपा दृष्टि बनी रहती है. सोना खरीदने के साथ धनतेरस के दिन सोने का दान करना भी शुभ माना जाता है. इसलिए कुछ लोग इस दिन सोने का दान भी करते हैं.

सोना खरीदने के पीछे पौराणिक कथा : धनतेरस पर वैसे तो हम कई तरह की चीजें खरीदते हैं लेकिन इस दिन मुख्य रूप से सोना खरीदा जाता है. इसके पीछे एक कथा मशहूर है जिसे लोग आज भी सोना खरीदने से जोड़ते हैं. यह कथा धनतेरस हिम नामक एक राजा के बेटे के श्राप से संबंधित है. कहा जाता है कि राजा हिम के बेटे को श्राप था कि शादी के चौथे दिन ही निंद्रा में उसकी मृत्यु हो जाएगी.लेकिन जब इस बात की जानकारी राजकुमार की पत्नी को पता चली तो उसने एक नीति बनाई.

यमराज से बचाई जान: उसने अपने पति से शादी के चौथे दिन जगे रहने के लिए कहा. पति कहीं सो न जाए इसके लिए वह लगातार गीत और कहानियां सुनाती रही.उसके बाद उसने घर के दरवाजे पर सोने-चांदी और अन्य बहुमूल्य वस्तुएं रख दीं. घर के आसपास दीये भी जलाए. उस समय यमराज जब सांप के रूप में राजा हिम के बेटे की जान लेने आए तो सोने के आभूषणों और दीपों की चमक से अंधे हो गए. अंधे होने की वजह से यमराज घर के अंदर प्रवेश ही नहीं कर सके.वह आभूषणों के ढेर पर बैठ गए और रात भर गीत सुनते रहे. सुबह होने पर यमराज राजकुमार के प्राण लिए बिना ही चले गए क्‍योंकि मृत्‍यु की घड़ी बीत चुकी थी.इस प्रकार सोने के आभूषणों से यमराज की दिशा बदलने की कथा से ही धनतेरस के दिन सोना खरीदने की प्रथा चलने लगी.

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स्वर्ण खरीदी को लेकर दूसरी मान्यता : ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी की भांति भगवान धनवंतरि भी समुद्र मंथन से निकले थे. उनके हाथ में अमृत कलश था. इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा बनाई गई है. मुख्य रूप से धनतेरस के दिन लोग सोने चांदी के बर्तन, पूजा के सिक्के और आभूषण खरीदते हैं.

Last Updated : Nov 10, 2023, 3:47 PM IST
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