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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 2021-22 : पड़ोसी राज्य की सीमा पर 1 दिसंबर से निगरानी करेगी टीम, बॉर्डर होगा सील - महासमुंद-ओड़िशा बॉर्डर

छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे दूसरे प्रदेशों की सीमा पर धान की तस्करी रोकने के लिए सरकार 1 दिसंबर से निगरानी के लिए टीम गठित कर रही है. इधर, ओड़िशा के धान की छत्तीसगढ़ में तस्करी रुक नहीं रही है. तीन तरफ से ओड़िशा से घिरे देवभोग विकासखंड में समस्या अधिक है. दोनों प्रदेशों में धान की कीमत में 800 रुपये से अधिक के फर्क के कारण व्यापारी छत्तीसगढ़ में धान खपाने की फिराक में रहते हैं. जबकि महासमुंद में आज तक अवैध धान परिवहन का मामला उजागर नहीं हुआ है.

The borders of Chhattisgarh will be sealed from December 1
1 दिसंबर से छत्तीसगढ़ की सीमाएं होंगी सील
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Published : Nov 24, 2021, 7:14 PM IST

Updated : Nov 28, 2021, 3:23 PM IST

रायपुर/कोरिया/गरियाबंद/महासमुंद/बीजापुर : छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू करेगी. धान की खरीदी के लिए तैयारी भी जोरों पर है. पड़ोसी राज्यों से छत्तीसगढ़ में आकर लोग धान न बेच सकें, इसके लिए भी पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं. इसके लिए कोरिया जिले की सभी सीमाओं की निगरानी करने टीम गठित की गई है. इसके बाद अब 1 दिसंबर कोरिया जिले से लगी छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश सीमा (Chhattisgarh-Madhya Pradesh border) पर निगरानी की टीम तैनात रहेगी.

बाहर से धान लाकर खपाने वालों पर होगी कार्रवाई

पड़ोसी राज्यों से धान की तस्करी को रोकने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने अधिकारियों के निर्देश दिये हैं. सीएम बघेल (CM Baghel) ने कहा है कि हमारे अधिकारी सीमावर्ती जिला क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अन्य राज्यों से धान छत्तीसगढ़ में न आने पाए. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ होने से पहले मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ की सीमाएं (Madhya Pradesh and Chhattisgarh Borders Sealed) सील कर दी जाएंगी. खासकर मनेन्द्रगढ़ और भरतपुर ब्लॉक के अलग-अलग बैरियर और क्षेत्र में 24 घंटे निगरानी टीम की ड्यूटी पर तैनात रहेगी. इसके अलावा बाहर से धान लाकर खपाने वाले बिचौलियों पर कार्रवाई की जाएगी.

गरियाबंद के देवभोग में धान तस्करी के मामले ज्यादा

इधर, गरियाबंद में भी प्रशासन की लाख मुस्तैदी के बावजूद यहां ओड़िशा के धान की तस्करी रुक नहीं रही है. छत्तीसगढ़-ओड़िशा सीमा (Chhattisgarh Odisha Border) पर तीन तरफ से ओड़िशा से घिरे देवभोग विकासखंड में इसकी समस्या सबसे ज्यादा है. यही कारण है कि आएदिन बड़ी मात्रा में ओड़िशा का धान यहां जब्त भी हो रहा है. इस कारण दोनों प्रदेशों में धान की कीमत में 800 रुपये से अधिक का फर्क है. इसी की लालच में धान के व्यापारी किसी भी तरह से ओड़िशा का धान छत्तीसगढ़ में खपाने की फिराक में रहते हैं. इसको रोकने के लिए यहां 5 नए नाके भी लगाए जा रहे हैं.

कच्चे रास्ते पर भी प्रशासन करेगा बैरिकेडिंग

इसको लेकर गरियाबंद के कलेक्टर और एसपी ने सीमावर्ती इलाकों का सघन दौरा कर आवश्यक निर्देश भी दिये हैं. सीमा पर लगे 13 चेक पोस्ट के अलावा अब पांच कच्चे रास्तों पर भी प्रशासन बेरिकैड लगाकर 24 घंटे यहां कर्मियों की तैनाती करने जा रहा है. बता दें कि अब तक प्रशासन ने ओड़िशा से धान ला रहे 8 वाहनों को 12 लाख से भी ज्यादा कीमत के धान के साथ जब्त किया है.

महासमुंद में नहीं मिले हैं धान तस्करी के मामले

उधर, महासमुंद-ओड़िशा बॉर्डर (Mahasamund Odisha Border) पर धान की स्थिति के बाबत महासमुंद आरटीओ के अधिकारियों ने ऑफ द रिकार्ड बताया कि राजमार्ग के चेक पोस्ट पर आज तक अवैध धान परिवहन का मामला प्रकाश में नहीं आया है. इसके लिए तस्कर ग्रामीण इलाकों की उन सड़कों का इस्तेमाल करते हैं, जहां नाका न हो. इसलिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस उन मार्गों पर अतिरिक्त चेक पोस्ट बनाकर रखता है.

बीजापुर में जिला प्रशासन ने कसी कमर

बीजापुर में जिला प्रशासन ने कसी कमर

छत्तीसगढ़ सरकार 2500 रुपए पर धान की खरीदी करती है. जिसके तहत बीजापुर जिले में धान खेती का रकबा लगभग 33 हजार 894 हेक्टेयर क्षेत्र में है. लगभग 15500 किसान पंजीकृत हुए हैं और यह प्रक्रिया जारी है. वहीं, 68 हजार मेट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है. बीजापुर जिला के अंतर्राज्यीय सीमाओं पामेड़, पुजारी कांकेर,तारलागुड़ा व तिमेड़ में चेक पोस्ट बनाया गया है. गौर हो कि छत्तीसगढ़ ही एक ऐसा राज्य है जिसमें 25 सौ रुपए की दर पर धान की खरीदी की जाती है.केंद्रीय समर्थन मूल्य और राज्य सरकार की राजीव गांधी न्याय योजना के तहत चार किस्तों में किसानों को इसका लाभ दिया जा रहा है. जिसका फायदा उठाने की कोशिश धान माफिया करते हैं.इसे रोकने के निर्देश राज्य स्तर के साथ-साथ जिला स्तर पर तैयारियां जोरों पर है.

रायपुर/कोरिया/गरियाबंद/महासमुंद/बीजापुर : छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू करेगी. धान की खरीदी के लिए तैयारी भी जोरों पर है. पड़ोसी राज्यों से छत्तीसगढ़ में आकर लोग धान न बेच सकें, इसके लिए भी पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं. इसके लिए कोरिया जिले की सभी सीमाओं की निगरानी करने टीम गठित की गई है. इसके बाद अब 1 दिसंबर कोरिया जिले से लगी छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश सीमा (Chhattisgarh-Madhya Pradesh border) पर निगरानी की टीम तैनात रहेगी.

बाहर से धान लाकर खपाने वालों पर होगी कार्रवाई

पड़ोसी राज्यों से धान की तस्करी को रोकने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने अधिकारियों के निर्देश दिये हैं. सीएम बघेल (CM Baghel) ने कहा है कि हमारे अधिकारी सीमावर्ती जिला क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अन्य राज्यों से धान छत्तीसगढ़ में न आने पाए. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ होने से पहले मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ की सीमाएं (Madhya Pradesh and Chhattisgarh Borders Sealed) सील कर दी जाएंगी. खासकर मनेन्द्रगढ़ और भरतपुर ब्लॉक के अलग-अलग बैरियर और क्षेत्र में 24 घंटे निगरानी टीम की ड्यूटी पर तैनात रहेगी. इसके अलावा बाहर से धान लाकर खपाने वाले बिचौलियों पर कार्रवाई की जाएगी.

गरियाबंद के देवभोग में धान तस्करी के मामले ज्यादा

इधर, गरियाबंद में भी प्रशासन की लाख मुस्तैदी के बावजूद यहां ओड़िशा के धान की तस्करी रुक नहीं रही है. छत्तीसगढ़-ओड़िशा सीमा (Chhattisgarh Odisha Border) पर तीन तरफ से ओड़िशा से घिरे देवभोग विकासखंड में इसकी समस्या सबसे ज्यादा है. यही कारण है कि आएदिन बड़ी मात्रा में ओड़िशा का धान यहां जब्त भी हो रहा है. इस कारण दोनों प्रदेशों में धान की कीमत में 800 रुपये से अधिक का फर्क है. इसी की लालच में धान के व्यापारी किसी भी तरह से ओड़िशा का धान छत्तीसगढ़ में खपाने की फिराक में रहते हैं. इसको रोकने के लिए यहां 5 नए नाके भी लगाए जा रहे हैं.

कच्चे रास्ते पर भी प्रशासन करेगा बैरिकेडिंग

इसको लेकर गरियाबंद के कलेक्टर और एसपी ने सीमावर्ती इलाकों का सघन दौरा कर आवश्यक निर्देश भी दिये हैं. सीमा पर लगे 13 चेक पोस्ट के अलावा अब पांच कच्चे रास्तों पर भी प्रशासन बेरिकैड लगाकर 24 घंटे यहां कर्मियों की तैनाती करने जा रहा है. बता दें कि अब तक प्रशासन ने ओड़िशा से धान ला रहे 8 वाहनों को 12 लाख से भी ज्यादा कीमत के धान के साथ जब्त किया है.

महासमुंद में नहीं मिले हैं धान तस्करी के मामले

उधर, महासमुंद-ओड़िशा बॉर्डर (Mahasamund Odisha Border) पर धान की स्थिति के बाबत महासमुंद आरटीओ के अधिकारियों ने ऑफ द रिकार्ड बताया कि राजमार्ग के चेक पोस्ट पर आज तक अवैध धान परिवहन का मामला प्रकाश में नहीं आया है. इसके लिए तस्कर ग्रामीण इलाकों की उन सड़कों का इस्तेमाल करते हैं, जहां नाका न हो. इसलिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस उन मार्गों पर अतिरिक्त चेक पोस्ट बनाकर रखता है.

बीजापुर में जिला प्रशासन ने कसी कमर

बीजापुर में जिला प्रशासन ने कसी कमर

छत्तीसगढ़ सरकार 2500 रुपए पर धान की खरीदी करती है. जिसके तहत बीजापुर जिले में धान खेती का रकबा लगभग 33 हजार 894 हेक्टेयर क्षेत्र में है. लगभग 15500 किसान पंजीकृत हुए हैं और यह प्रक्रिया जारी है. वहीं, 68 हजार मेट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है. बीजापुर जिला के अंतर्राज्यीय सीमाओं पामेड़, पुजारी कांकेर,तारलागुड़ा व तिमेड़ में चेक पोस्ट बनाया गया है. गौर हो कि छत्तीसगढ़ ही एक ऐसा राज्य है जिसमें 25 सौ रुपए की दर पर धान की खरीदी की जाती है.केंद्रीय समर्थन मूल्य और राज्य सरकार की राजीव गांधी न्याय योजना के तहत चार किस्तों में किसानों को इसका लाभ दिया जा रहा है. जिसका फायदा उठाने की कोशिश धान माफिया करते हैं.इसे रोकने के निर्देश राज्य स्तर के साथ-साथ जिला स्तर पर तैयारियां जोरों पर है.

Last Updated : Nov 28, 2021, 3:23 PM IST
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