रायपुर: छत्तीसगढ़ के बजट 2020-21 में अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में सरकार की घोषणा को भाजपा अपनी योजना बता रही है. विपक्ष कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है कि, कांग्रेस पिछली सरकार के कामों का फीता काटकर वाहवाही लूट रही है.
भाजपा का आरोप है, छत्तीसगढ़ में करीब डेढ़ साल से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम ठप्प पड़ गया है. इस अवधि में प्रदेश में कोई बड़ा अधोसंरचना विकास का काम देखने को नहीं मिला है.
अधोसंरचना विकास की ओर दिया गया ध्यान
हालांकि इस बार की बजट में भूपेश बघेल ने अधोसंरचना विकास के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. इनमें 25 नई सड़कें एशियन विकास बैंक से बनाने का प्रस्ताव है. इसके लिए 3535 करोड़ का प्रावधान है. बड़े ब्रिज के निर्माण के लिए 240 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं मझोले और जवाहर सेतु योजना के लिए 151 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा प्रदेश भर में सड़क एवं पुल निर्माण के नवीन कार्यों के लिए 600 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया गया है. इनमें 434 ग्रामीण सड़कें 88 मुख्य जिला मार्ग, 50 राजमार्ग और 31 शहरी मार्गों का निर्माण किया जाएगा.
नए ऑडिटोरियम का निर्माण
इसके अलावा 500 से 700 सीट की क्षमता वाले 11 नए ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा. संभागीय मुख्यालय दुर्ग, जगदलपुर और अंबिकापुर में 3500 सीटर 3 नए इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए 54 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है. जगदलपुर, अंबिकापुर और बिलासपुर एयरपोर्ट में ऑटोमेटेड एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर की स्थापना 7 करोड़ 20 लाख के खर्च कर किया जाएगा.
वहीं बैकुंठपुर में एयर स्ट्रीप निर्माण के लिए एक करोड़ का प्रावधान रखा गया है. मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में अधोसंरचना विकास क्षेत्र में तीन प्रमुख क्षेत्रों में घोषणा की है.
'अधोसंरचना विकास का कोई मॉडल नहीं'
भाजपा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि इस सरकार के पास अधोसंरचना विकास का कोई मॉडल नहीं है. पिछले डेढ़ वर्षो में सरकार के कामकाज से साफ हो गया है कि पूर्व सरकार के कामों का श्रेय लूटने और भूमि पूजन का काम करके अपने विकास यात्रा को खत्म कर देने वाली है.