नई दिल्ली / रायपुर: नक्सल प्रभावित इलाकों में जल्दी ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महिला कमांडो की दहाड़ सुनाई देगी. सीआरपीएफ ने महिला कमांडो को नक्सल विरोधी अभियान में शामिल किया है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद महिलाएं, पुरुष साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर LWE (Left Wing Extremism) क्षेत्रों में लोहा लेंगी.
6 महिला बटालियन की 34 महिला कर्मियों को 3 महीने के लिए कोबरा प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग से गुजरना होगा. इन्हें विशेष हथियारों को चलाने, सामरिक योजना बनाने, फील्ड क्राफ्ट्स, विस्फोटकों को जानने, जंगल में जीवित रहने की कला सिखाई जाएगी. जिससे इनकी शारीरिक क्षमता और सामरिक कौशल में वृद्धि होगी.
सीआरपीएफ ने पहली बार अपना महिला मिलिट्री-ब्रास बैंड भी तैयार किया है. बैंड में शामिल हो रहीं महिला कार्मिकों को संगीत वाद्ययंत्रों पर ट्रेंड होने के लिए एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम से गुजरना होगा. बल में पहले से ही महिला पाइप बैंड है.
सीआरपीएफ को मिला ये गौरव
सीआरपीएफ डीजी एपी माहेश्वरी ने कहा कि ट्रेनिंग पूरी करने के बाद महिला कमांडोज LWE क्षेत्रों में तैनात होंगी. 88 वीं महिला बटालियन स्थापना दिवस के अवसर पर महिला कमांडो को (CoBRA) इकाई में शामिल किया गया है. सीआरपीएफ की 88वीं महिला बटालियन को दुनिया की पहली ऑल वुमेन बटालियन होने का गौरव मिला है. CRPF ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में ये कदम उठाया है. माहेश्वरी ने कहा कि अगर हम लिंग के आधार पर भेदभाव करते हैं, तो ये हमारे खराब नेतृत्व गुणों को दर्शाता है.
बस्तर के इन जिलों में हो सकती है तैनाती
बस्तर में पहले से ही 10 कोबरा बटालियन तैनात हैं. जिनमें 6 कोबरा बटालियन के कमांडोज दक्षिण बस्तर में लंबे समय से अपनी सेवा दे रहे हैं. अब जल्द ही कोबरा बटालियन में महिला कमांडोज की भी तैनाती की जाएगी. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ये महिला कमांडोज नक्सलियों से मोर्चा लेंगी. सीआरपीएफ आईजी डी. प्रकाश ये जानकारी दी थी. बस्तर संभाग के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर समेत अन्य जिलों में इनकी पोस्टिंग की जा सकती है.
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पहले से बस्तर बटालियन ले रही है मोर्चा
सीआरपीएफ आईजी डी. प्रकाश ने बताया था कि बस्तर में तैनात सीआरपीएफ 241 बटालियन में बस्तर बटालियन भी बनाया गया है. जिसमें पूरी तरह से महिला कमांडोज शामिल हैं. इन महिला कमांडोज में ऐसी महिलाओं को रखा गया है जो बस्तर के भौगोलिक क्षेत्र से भली भांति परिचित हैं. ये सभी महिलाएं अपनी तैनाती के बाद से ही बस्तर में अपने कार्य से बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं. यह सभी महिला कमांडोज नक्सल ऑपरेशन में जाने के साथ ही ग्रामीणों का भी दिल जीत रही है. सीआरपीएफ कोबरा बटालियन में भी महिला कमांडोज की तैनाती से बस्तर को जल्द नक्सल मुक्त बनाने में काफी सफलता मिलेगी.
34 साल पहले बनी महिला वाहिनी
साल 1986 में 6 फरवरी को सीआरपीएफ की 88वीं महिला वाहिनी का गठन किया गया, जिसने आज राष्ट्र सेवा में सफल एवं स्वर्णिम 34 वर्ष पूर्ण किए हैं. इस बटालियन ने देश के सभी भू-भागों में अपनी सेवाएं दी हैं और संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. सात बहादुर शेरनियों ने कर्तव्य की वेदी पर सर्वोच्च बलिदान देकर अपने आपको अमर कर लिया है. बटालियन की महिला योद्धओं ने वीरता के कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसके फलस्वरूप उन्हें अनेकों वीरता पदकों के साथ शांतिकाल का सर्वोच्च वीरता पदक अशोक चक्र भी प्रदान किया गया है.