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पस्त होंगे नक्सली: मोर्चा लेने के लिए तैयार हो रही हैं CRPF की 'शेरनियां'

CRPF ने कोबरा यूनिट में महिला कमांडो को शामिल किया है. ये 'शेरनियां' 3 महीने के लिए कोबरा प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग से गुजरेंगी. इन्हें नक्सलियों से लोहा लेने के लिए तैनात किया जाएगा. पहली बार महिलाओं को कोबरा टीम में जगह दी गई है.

crpf women commondos
फोटो सौजन्य- सीआरपीएफ (twitter)
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Published : Feb 6, 2021, 1:56 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 7:09 PM IST

नई दिल्ली / रायपुर: नक्सल प्रभावित इलाकों में जल्दी ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महिला कमांडो की दहाड़ सुनाई देगी. सीआरपीएफ ने महिला कमांडो को नक्सल विरोधी अभियान में शामिल किया है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद महिलाएं, पुरुष साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर LWE (Left Wing Extremism) क्षेत्रों में लोहा लेंगी.

CRPF ने कोबरा यूनिट में महिला कमांडो को किया शामिल

6 महिला बटालियन की 34 महिला कर्मियों को 3 महीने के लिए कोबरा प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग से गुजरना होगा. इन्हें विशेष हथियारों को चलाने, सामरिक योजना बनाने, फील्ड क्राफ्ट्स, विस्फोटकों को जानने, जंगल में जीवित रहने की कला सिखाई जाएगी. जिससे इनकी शारीरिक क्षमता और सामरिक कौशल में वृद्धि होगी.

सीआरपीएफ ने पहली बार अपना महिला मिलिट्री-ब्रास बैंड भी तैयार किया है. बैंड में शामिल हो रहीं महिला कार्मिकों को संगीत वाद्ययंत्रों पर ट्रेंड होने के लिए एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम से गुजरना होगा. बल में पहले से ही महिला पाइप बैंड है.

women commondos will be posted in lwe area
फोटो सौजन्य- सीआरपीएफ (twitter)

सीआरपीएफ को मिला ये गौरव

सीआरपीएफ डीजी एपी माहेश्वरी ने कहा कि ट्रेनिंग पूरी करने के बाद महिला कमांडोज LWE क्षेत्रों में तैनात होंगी. 88 वीं महिला बटालियन स्थापना दिवस के अवसर पर महिला कमांडो को (CoBRA) इकाई में शामिल किया गया है. सीआरपीएफ की 88वीं महिला बटालियन को दुनिया की पहली ऑल वुमेन बटालियन होने का गौरव मिला है. CRPF ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में ये कदम उठाया है. माहेश्वरी ने कहा कि अगर हम लिंग के आधार पर भेदभाव करते हैं, तो ये हमारे खराब नेतृत्व गुणों को दर्शाता है.

बस्तर के इन जिलों में हो सकती है तैनाती

बस्तर में पहले से ही 10 कोबरा बटालियन तैनात हैं. जिनमें 6 कोबरा बटालियन के कमांडोज दक्षिण बस्तर में लंबे समय से अपनी सेवा दे रहे हैं. अब जल्द ही कोबरा बटालियन में महिला कमांडोज की भी तैनाती की जाएगी. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ये महिला कमांडोज नक्सलियों से मोर्चा लेंगी. सीआरपीएफ आईजी डी. प्रकाश ये जानकारी दी थी. बस्तर संभाग के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर समेत अन्य जिलों में इनकी पोस्टिंग की जा सकती है.

CoBRA commandos on the occasion of 88th Mahila Battalion raising day
फोटो सौजन्य- सीआरपीएफ (tiwtter)

पढ़ें- नक्सलियों से लोहा लेंगी CRPF कोबरा बटालियन की ये महिला कमांडो

पहले से बस्तर बटालियन ले रही है मोर्चा

सीआरपीएफ आईजी डी. प्रकाश ने बताया था कि बस्तर में तैनात सीआरपीएफ 241 बटालियन में बस्तर बटालियन भी बनाया गया है. जिसमें पूरी तरह से महिला कमांडोज शामिल हैं. इन महिला कमांडोज में ऐसी महिलाओं को रखा गया है जो बस्तर के भौगोलिक क्षेत्र से भली भांति परिचित हैं. ये सभी महिलाएं अपनी तैनाती के बाद से ही बस्तर में अपने कार्य से बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं. यह सभी महिला कमांडोज नक्सल ऑपरेशन में जाने के साथ ही ग्रामीणों का भी दिल जीत रही है. सीआरपीएफ कोबरा बटालियन में भी महिला कमांडोज की तैनाती से बस्तर को जल्द नक्सल मुक्त बनाने में काफी सफलता मिलेगी.

three months of training
फोटो सौजन्य- सीआरपीएफ (tiwtter)

34 साल पहले बनी महिला वाहिनी
साल 1986 में 6 फरवरी को सीआरपीएफ की 88वीं महिला वाहिनी का गठन किया गया, जिसने आज राष्ट्र सेवा में सफल एवं स्वर्णिम 34 वर्ष पूर्ण किए हैं. इस बटालियन ने देश के सभी भू-भागों में अपनी सेवाएं दी हैं और संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. सात बहादुर शेरनियों ने कर्तव्य की वेदी पर सर्वोच्च बलिदान देकर अपने आपको अमर कर लिया है. बटालियन की महिला योद्धओं ने वीरता के कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसके फलस्वरूप उन्हें अनेकों वीरता पदकों के साथ शांतिकाल का सर्वोच्च वीरता पदक अशोक चक्र भी प्रदान किया गया है.

नई दिल्ली / रायपुर: नक्सल प्रभावित इलाकों में जल्दी ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महिला कमांडो की दहाड़ सुनाई देगी. सीआरपीएफ ने महिला कमांडो को नक्सल विरोधी अभियान में शामिल किया है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद महिलाएं, पुरुष साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर LWE (Left Wing Extremism) क्षेत्रों में लोहा लेंगी.

CRPF ने कोबरा यूनिट में महिला कमांडो को किया शामिल

6 महिला बटालियन की 34 महिला कर्मियों को 3 महीने के लिए कोबरा प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग से गुजरना होगा. इन्हें विशेष हथियारों को चलाने, सामरिक योजना बनाने, फील्ड क्राफ्ट्स, विस्फोटकों को जानने, जंगल में जीवित रहने की कला सिखाई जाएगी. जिससे इनकी शारीरिक क्षमता और सामरिक कौशल में वृद्धि होगी.

सीआरपीएफ ने पहली बार अपना महिला मिलिट्री-ब्रास बैंड भी तैयार किया है. बैंड में शामिल हो रहीं महिला कार्मिकों को संगीत वाद्ययंत्रों पर ट्रेंड होने के लिए एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम से गुजरना होगा. बल में पहले से ही महिला पाइप बैंड है.

women commondos will be posted in lwe area
फोटो सौजन्य- सीआरपीएफ (twitter)

सीआरपीएफ को मिला ये गौरव

सीआरपीएफ डीजी एपी माहेश्वरी ने कहा कि ट्रेनिंग पूरी करने के बाद महिला कमांडोज LWE क्षेत्रों में तैनात होंगी. 88 वीं महिला बटालियन स्थापना दिवस के अवसर पर महिला कमांडो को (CoBRA) इकाई में शामिल किया गया है. सीआरपीएफ की 88वीं महिला बटालियन को दुनिया की पहली ऑल वुमेन बटालियन होने का गौरव मिला है. CRPF ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में ये कदम उठाया है. माहेश्वरी ने कहा कि अगर हम लिंग के आधार पर भेदभाव करते हैं, तो ये हमारे खराब नेतृत्व गुणों को दर्शाता है.

बस्तर के इन जिलों में हो सकती है तैनाती

बस्तर में पहले से ही 10 कोबरा बटालियन तैनात हैं. जिनमें 6 कोबरा बटालियन के कमांडोज दक्षिण बस्तर में लंबे समय से अपनी सेवा दे रहे हैं. अब जल्द ही कोबरा बटालियन में महिला कमांडोज की भी तैनाती की जाएगी. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ये महिला कमांडोज नक्सलियों से मोर्चा लेंगी. सीआरपीएफ आईजी डी. प्रकाश ये जानकारी दी थी. बस्तर संभाग के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर समेत अन्य जिलों में इनकी पोस्टिंग की जा सकती है.

CoBRA commandos on the occasion of 88th Mahila Battalion raising day
फोटो सौजन्य- सीआरपीएफ (tiwtter)

पढ़ें- नक्सलियों से लोहा लेंगी CRPF कोबरा बटालियन की ये महिला कमांडो

पहले से बस्तर बटालियन ले रही है मोर्चा

सीआरपीएफ आईजी डी. प्रकाश ने बताया था कि बस्तर में तैनात सीआरपीएफ 241 बटालियन में बस्तर बटालियन भी बनाया गया है. जिसमें पूरी तरह से महिला कमांडोज शामिल हैं. इन महिला कमांडोज में ऐसी महिलाओं को रखा गया है जो बस्तर के भौगोलिक क्षेत्र से भली भांति परिचित हैं. ये सभी महिलाएं अपनी तैनाती के बाद से ही बस्तर में अपने कार्य से बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं. यह सभी महिला कमांडोज नक्सल ऑपरेशन में जाने के साथ ही ग्रामीणों का भी दिल जीत रही है. सीआरपीएफ कोबरा बटालियन में भी महिला कमांडोज की तैनाती से बस्तर को जल्द नक्सल मुक्त बनाने में काफी सफलता मिलेगी.

three months of training
फोटो सौजन्य- सीआरपीएफ (tiwtter)

34 साल पहले बनी महिला वाहिनी
साल 1986 में 6 फरवरी को सीआरपीएफ की 88वीं महिला वाहिनी का गठन किया गया, जिसने आज राष्ट्र सेवा में सफल एवं स्वर्णिम 34 वर्ष पूर्ण किए हैं. इस बटालियन ने देश के सभी भू-भागों में अपनी सेवाएं दी हैं और संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. सात बहादुर शेरनियों ने कर्तव्य की वेदी पर सर्वोच्च बलिदान देकर अपने आपको अमर कर लिया है. बटालियन की महिला योद्धओं ने वीरता के कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसके फलस्वरूप उन्हें अनेकों वीरता पदकों के साथ शांतिकाल का सर्वोच्च वीरता पदक अशोक चक्र भी प्रदान किया गया है.

Last Updated : Feb 6, 2021, 7:09 PM IST
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