रायपुर: आज (17 मई) वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे है. हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या. हर साल दुनिया भर में हाई ब्लड प्रेशर के बारे में अवेयरनेस के लिए यह दिवस मनाया जाता है. यह दिन हाई ब्लड प्रेशर की रोकथाम, डिटेक्शन, कारण और नियंत्रण पर केंद्रित होता है. उच्च रक्तचाप कई तरह की सेहत से जुड़ी समस्याओं जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, थायरॉयड को जन्म देता है. हर साल की तरह उच्च रक्तचाप के प्रति एक खास थीम रखी जाती है. इस साल की थीम है- ‘मेजर योर ब्लड प्रेशर एक्युरेटली, कंट्रोल इट, लिव लॉन्गर’ (Measure Your Blood Pressure Accurately, Control It, Live Longer).
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मनोचिकित्सों के मुताबिक तनाव, अवसाद बढ़ने से भी बीपी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. एक कारण यह भी है कि युवा रात भर मोबाइल देखने के आदी हो रहे हैं. इससे दिनचर्या में फर्क पड़ रहा है. उच्च रक्तचाप की समस्या बढ़ रही है.
25 से 45 वर्ष के लोग ज्यादा: बीते कुछ वर्षों में यह आर्ब्जवेशन है कि यंग हाइपरटेंशन तेजी से बढ़ रहा है. पहले 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारियां होती थी. अब यह 25 से 45 साल के लोगों में भी देखी जा रही है. मोटापा, नमक का अधिक सेवन, तनाव और स्मोकिंग इसकी मुख्य वजह है. विशेषज्ञों का कहना हैं कि किशोरों और युवाओं का इस रोग की चपेट में आना सबसे चिंताजनक पहलू है. इस समय भारत में लगभग 7.6 फीसदी किशोर हाइपरटेंशन से ग्रस्त हैं. किशोरावस्था में न तो नियमित रूप से जांच की कोई पुख्ता व्यवस्था है और न ही इस उम्र में रोग के लक्षण दिखाई देते हैं. ऐसे में युवावस्था तक पहुंचने से पहले ही शरीर के कई अंगों को काफी नुकसान पहुंच चुका होता है. डॉक्टर 30 साल की उम्र के बाद नियमित जांच की सलाह दे रहे हैं.
उच्च रक्तचाप के कारण
- नमक का अधिक सेवन
- अनियमित दिनचर्या
- अनियमित खानपान, तनाव
- धूम्रपान या नशीली चीजों का सेवन करना
- अत्यधिक वजन का बढ़ना
रोकथाम व उपचार
- ताजी साग-सब्जियों का सेवन ज्यादा करना.
- नमक का कम उपयोग करना.
- नशीली और धूम्रपान जैसी चीजों का सेवन ना करना.
- नियमित समय पर डॉक्टर से जांच और परामर्श कराना.
- व्यायाम को डॉक्टर की सलाह से नियमित रूप से करना.