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SPECIAL: कोरोना संकट ने टैक्सी ड्राइवरों की कमाई पर लगाया ग्रहण, EMI चुकाना भी मुश्किल

कोरोना संकट और लॉकडाउन की मार टैक्सी ड्राइवरों पर भी पड़ी है. टैक्सी ड्राइवर अब आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. EMI चुकाना भी मुश्किल हो गया है.

taxi drivers and corona crisis
कोरोना संकट की मार
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Published : Aug 11, 2020, 3:42 PM IST

रायपुर: कोरोना संकट और लॉकडाउन ने लगभग सभी वर्ग के लोगों की जिंदगी पर ब्रेक लगा दिया है. इससे टैक्सी ड्राइवर भी अछूते नहीं है, पहले ढाई महीने का लॉकडाउन और फिर अनलॉक के बाद भी राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण 15 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाया गया था. जिसकी वजह से टैक्सी ड्राइवरों की स्थिति भी काफी खराब हो चुकी है. अब परिवार चलाना भी मुश्किल होता जा रहा है. ये टैक्सी ड्राइवर आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं.

आर्थिक तंगी का सामना कर रहे टैक्सी ड्राइवर

राजधानी रायपुर में टैक्सी की बात की जाए तो लगभग 5000 टैक्सी किराए पर लोगों को उपलब्ध हैं. लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से लोग किराए पर टैक्सी करने से भी डरने लगे है. सामान्य दिनों में एक टैक्सी ड्राइवर की महीने में 25 से 30 हजार रुपए की आमदनी होती थी. लेकिन वर्तमान समय में इन टैक्सी ड्राइवरों की आमदनी घटकर महज 5 हजार रुपये पर पहुंच गई है. कई टैक्सी बैंक से फाइनेंस करा कर ली गई है, जिसका किश्त पटाना भी मुश्किल होता जा रहा है. ये ड्राइवर टैक्सियों का पिछले 6 महीने से किस्त भी नहीं पटा पाए हैं. जिसके कारण संबंधित बैंक से भी इनके ऊपर दबाव बन रहा है.

Taxi drivers facing financial problem
टैक्सी ड्राइवर और कोरोना संकट

पढ़ें-SPECIAL: लॉन्ड्री व्यवसाय पर भी कोरोना की मार, करीब 500 परिवार प्रभावित

कहीं ना कहीं आज भी लोगों में कोरोना का डर बैठा हुआ है. जिसके कारण लोग टैक्सी किराए पर नहीं ले रहे हैं. सामान्य दिनों में लोग टैक्सी लेकर घूमने फिरने या फिर ऑफिस काम से छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों में भ्रमण के लिए जाया करते थे. लेकिन अब कोरोना की वजह से इन टैक्सी ड्राइवरों को टैक्सी स्टैंड पर सुबह से लेकर शाम तक लोगों की राह देखनी पड़ रही है. कोरोना की वजह से कई लोग अपने निजी वाहन से ही घूमने या फिर अन्य कामों पर जा रहे हैं. जिसके कारण भी टैक्सी की मांग घट गई है.

कर्ज लेकर परिवार चलाने को मजबूर टैक्सी ड्राइवर

इन टैक्सी ड्राइवरों की सामान्य से लेकर लग्जरी गाड़िया राजधानी के टैक्सी स्टैंड पर खड़ी है. इन टैक्सी ड्राइवरों की जिंदगी बद से बदतर होती जा रही है. टैक्सी ड्राइवरों का कहना है कि अब परिवार चलाना और भी मुश्किल होता जा रहा है. अभी तक जैसे-तैसे सरकारी राशन से ही अपना और अपना परिवार चलाते आ रहे हैं. परिवार की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि लोगों से कर्ज लेकर अपना परिवार पाल रहे हैं.

रायपुर: कोरोना संकट और लॉकडाउन ने लगभग सभी वर्ग के लोगों की जिंदगी पर ब्रेक लगा दिया है. इससे टैक्सी ड्राइवर भी अछूते नहीं है, पहले ढाई महीने का लॉकडाउन और फिर अनलॉक के बाद भी राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण 15 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाया गया था. जिसकी वजह से टैक्सी ड्राइवरों की स्थिति भी काफी खराब हो चुकी है. अब परिवार चलाना भी मुश्किल होता जा रहा है. ये टैक्सी ड्राइवर आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं.

आर्थिक तंगी का सामना कर रहे टैक्सी ड्राइवर

राजधानी रायपुर में टैक्सी की बात की जाए तो लगभग 5000 टैक्सी किराए पर लोगों को उपलब्ध हैं. लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से लोग किराए पर टैक्सी करने से भी डरने लगे है. सामान्य दिनों में एक टैक्सी ड्राइवर की महीने में 25 से 30 हजार रुपए की आमदनी होती थी. लेकिन वर्तमान समय में इन टैक्सी ड्राइवरों की आमदनी घटकर महज 5 हजार रुपये पर पहुंच गई है. कई टैक्सी बैंक से फाइनेंस करा कर ली गई है, जिसका किश्त पटाना भी मुश्किल होता जा रहा है. ये ड्राइवर टैक्सियों का पिछले 6 महीने से किस्त भी नहीं पटा पाए हैं. जिसके कारण संबंधित बैंक से भी इनके ऊपर दबाव बन रहा है.

Taxi drivers facing financial problem
टैक्सी ड्राइवर और कोरोना संकट

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कहीं ना कहीं आज भी लोगों में कोरोना का डर बैठा हुआ है. जिसके कारण लोग टैक्सी किराए पर नहीं ले रहे हैं. सामान्य दिनों में लोग टैक्सी लेकर घूमने फिरने या फिर ऑफिस काम से छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों में भ्रमण के लिए जाया करते थे. लेकिन अब कोरोना की वजह से इन टैक्सी ड्राइवरों को टैक्सी स्टैंड पर सुबह से लेकर शाम तक लोगों की राह देखनी पड़ रही है. कोरोना की वजह से कई लोग अपने निजी वाहन से ही घूमने या फिर अन्य कामों पर जा रहे हैं. जिसके कारण भी टैक्सी की मांग घट गई है.

कर्ज लेकर परिवार चलाने को मजबूर टैक्सी ड्राइवर

इन टैक्सी ड्राइवरों की सामान्य से लेकर लग्जरी गाड़िया राजधानी के टैक्सी स्टैंड पर खड़ी है. इन टैक्सी ड्राइवरों की जिंदगी बद से बदतर होती जा रही है. टैक्सी ड्राइवरों का कहना है कि अब परिवार चलाना और भी मुश्किल होता जा रहा है. अभी तक जैसे-तैसे सरकारी राशन से ही अपना और अपना परिवार चलाते आ रहे हैं. परिवार की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि लोगों से कर्ज लेकर अपना परिवार पाल रहे हैं.

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