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मंत्री-मंडलीय उपसमिति की बैठक में बढ़ा टारगेट, अब 85 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य

मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक में 85 लाख मैट्रिक टन धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है

मंत्री-मंडलीय उपसमिति की बैठक
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Published : Sep 8, 2019, 10:27 PM IST

Updated : Sep 9, 2019, 10:46 AM IST

रायपुर : आगामी खरीफ वर्ष की धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा और सुझाव देने के लिए गठित मंत्री-मंडलीय उपसमिति की बैठक हुई. इसमें धान और मक्का की खरीदी पर चर्चा की गई. साथ ही यह भी कहा गया कि कांग्रेस ने अपना टारगेट बढ़ाते हुए 85 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य रखा है.

मंत्री-मंडलीय उपसमिति की बैठक

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक में 85 लाख मैट्रिक टन धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है. ये लक्ष्य बढ़ भी सकता है. इस साल धान के उत्पादन को देखते हुए सरकार ने ये उम्मीद जताई है कि धान की खरीदी 2500 रुपए क्विंटल में की जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस साल मानसून देर से आया है और धान की खेती और रोपाई देर से हुई है, जिसके कारण सरकार धान की खरीदी 15 नवंबर के बाद से की जाएगी. साथ ही सरकार इसके लिए अच्छी से अच्छी व्यवस्था करेगी और कस्टम मिलिंग के बाद जो धान बचेगा वो लगभग 40 लाख मैक्ट्रिक टन शेष रह जाएगा, जिसे केंद्र सरकार से खरीदी करने का अनुरोध किया जाएगा. यदि परिस्थिति कुछ और होगी, तो उस पर फिर से बैठक करके निर्णय लिया जाएगा.

रायपुर : आगामी खरीफ वर्ष की धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा और सुझाव देने के लिए गठित मंत्री-मंडलीय उपसमिति की बैठक हुई. इसमें धान और मक्का की खरीदी पर चर्चा की गई. साथ ही यह भी कहा गया कि कांग्रेस ने अपना टारगेट बढ़ाते हुए 85 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य रखा है.

मंत्री-मंडलीय उपसमिति की बैठक

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक में 85 लाख मैट्रिक टन धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है. ये लक्ष्य बढ़ भी सकता है. इस साल धान के उत्पादन को देखते हुए सरकार ने ये उम्मीद जताई है कि धान की खरीदी 2500 रुपए क्विंटल में की जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस साल मानसून देर से आया है और धान की खेती और रोपाई देर से हुई है, जिसके कारण सरकार धान की खरीदी 15 नवंबर के बाद से की जाएगी. साथ ही सरकार इसके लिए अच्छी से अच्छी व्यवस्था करेगी और कस्टम मिलिंग के बाद जो धान बचेगा वो लगभग 40 लाख मैक्ट्रिक टन शेष रह जाएगा, जिसे केंद्र सरकार से खरीदी करने का अनुरोध किया जाएगा. यदि परिस्थिति कुछ और होगी, तो उस पर फिर से बैठक करके निर्णय लिया जाएगा.

Intro:रायपुर । आगामी खरीफ वर्ष की धान खरीदी एवं कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा कर सुझाव देने के लिए गठित मंत्री-मंडलीय उपसमिति की बैठक आज नवीन सर्किट हाउस मे संपन्न हुई ।जिसमे धान एवं मक्का की खरीदी पर चर्चा की। बैठक में मंत्री अमरजीत भगत रविंद्र चौबे मोहम्मद अकबर उमेश पटेल और प्रेमसाय सिंह भी मौजूद रहे यह बैठक खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

Body:खाद मंत्री अमरजीत भगत अध्यक्षता में मंत्रिमंडल उप समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि इस साल कांग्रेस ने अपना टारगेट बढ़ाते हुए 85 लाख मैट्रिक टन धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है इससे ज्यादा होने की भी उम्मीद जताई है इस साल धान का प्रोडक्शन देखते हुए सरकार ने ये उम्मीद जताई है। धान की खरीदी 2500 रुपए क्विंटल में की जाएगी , इस साल धान की उपज देखते हुए 85 लाख मैक्ट्रीक टन धान की खेती की उम्मीद है

इस साल क्योंकि मानसून देर से आया है और धान की खेती और रोपाई देर से हुए है जिसके कारण सरकार धान की खरीदी 15 नवंबर के बाद से करेगी और इसके लिए सरकार अच्छी से अच्छी व्यवस्था करेगी और कस्टम बिलिंग के बाद जो धान बचेगा वो लगभग 40 लाख मैक्ट्रिक टन शेष रह जाएगा जो राज्य के उपयोग करने के बाद बचेगा उसको केंद्र सरकार से अनुरोध करेंगे की उस धान की खरीदी की जाए। और अगर केंद्र सरकार अतरिक्त धान से कस्टम बिलिंग किए हुए धान खरीदती है छत्तीसगढ़ में पूरे धान और पूरे चावल का निष्पादन हो जाएगा और अगर परिस्थिति कुछ और होगी तो उस पर फिर से बैठक करके निर्णय लिया जाएगा।

बाइट :- रविन्द्र चौबे कृषि मंत्री
बाइट :- अमरजीत भगत खाद् मंत्री




Conclusion:
Last Updated : Sep 9, 2019, 10:46 AM IST
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