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अब 12 जून को EOW के समक्ष पेश होंगे मुकेश गुप्ता, फिर बढ़ी डेट

ईओडब्ल्यू की तरफ से अपरिहार्य कारणों से डेट आगे बढ़ा दी गई है. अब मुकेश गुप्ता को 12 जून को पेश होना होगा.

12 जून को EOW के समक्ष पेश होंगे मुकेश गुप्ता
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Published : Jun 6, 2019, 12:24 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 6:00 PM IST

रायपुर: फोन टैपिंग मामले में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता को आज ईओडब्ल्यू के समक्ष पेश होना था, लेकिन एक बार फिर इसकी डेट आगे बढ़ा दी गई है. ईओडब्ल्यू की तरफ से अपरिहार्य कारणों से डेट आगे बढ़ा दी गई है. अब मुकेश गुप्ता को 12 जून को पेश होना होगा.

इससे पहले उन्हें 21 मई को ईओडब्ल्यू के सामने पेश होना था लेकिन वे हाजिर नहीं हुए थे. उन्होंने अपनी बेटी की तबीयत अचानक खराब होने का हवाला दिया था और अगली तारीख की मांग की थी. उनकी मांग पर आर्थिक अपराध शाखा ने आज की तारीख दी थी.

क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नान घोटाले पर जांच के आदेश दिए गए. तब ये खुलासा हुआ था कि छापे के पहले नान के अफसरों और कर्मचारियों का फोन टैप हो रहा था. इसके पुख्ता सबूत मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता, एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया. इस मामले में ईओडब्ल्यू के ही डीएसपी आरके दुबे ने डीजी और एसपी के खिलाफ बयान दिया था कि उनके दबाव में उन्होंने अफसरों के फोन अवैध रूप से टैप करवाने का आदेश जारी किया. हालांकि बाद में दुबे का बयान विवादों में पड़ गया.

बयान देने के बाद आरके दुबे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दे दिया कि उन पर दबाव डालकर बयान लिखवाया गया था. कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर हाईकोर्ट में नया हलफनामा देकर अपने पिछले शपथपत्र को गलत ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के कहने पर ही अवैध तरीके से अफसरों का फोन टैप किया गया. इसी मामले में मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.

रायपुर: फोन टैपिंग मामले में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता को आज ईओडब्ल्यू के समक्ष पेश होना था, लेकिन एक बार फिर इसकी डेट आगे बढ़ा दी गई है. ईओडब्ल्यू की तरफ से अपरिहार्य कारणों से डेट आगे बढ़ा दी गई है. अब मुकेश गुप्ता को 12 जून को पेश होना होगा.

इससे पहले उन्हें 21 मई को ईओडब्ल्यू के सामने पेश होना था लेकिन वे हाजिर नहीं हुए थे. उन्होंने अपनी बेटी की तबीयत अचानक खराब होने का हवाला दिया था और अगली तारीख की मांग की थी. उनकी मांग पर आर्थिक अपराध शाखा ने आज की तारीख दी थी.

क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नान घोटाले पर जांच के आदेश दिए गए. तब ये खुलासा हुआ था कि छापे के पहले नान के अफसरों और कर्मचारियों का फोन टैप हो रहा था. इसके पुख्ता सबूत मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता, एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया. इस मामले में ईओडब्ल्यू के ही डीएसपी आरके दुबे ने डीजी और एसपी के खिलाफ बयान दिया था कि उनके दबाव में उन्होंने अफसरों के फोन अवैध रूप से टैप करवाने का आदेश जारी किया. हालांकि बाद में दुबे का बयान विवादों में पड़ गया.

बयान देने के बाद आरके दुबे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दे दिया कि उन पर दबाव डालकर बयान लिखवाया गया था. कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर हाईकोर्ट में नया हलफनामा देकर अपने पिछले शपथपत्र को गलत ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के कहने पर ही अवैध तरीके से अफसरों का फोन टैप किया गया. इसी मामले में मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.

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Last Updated : Jun 6, 2019, 6:00 PM IST
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