रायपुर: यातायात विभाग की ओर से 2 सितंबर को राजधानी की सड़कों पर 9 ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई थी. इन स्थानों पर पिछले 3 साल में सबसे ज्यादा हादसे और हादसों के कारण मौत हुई है. शुरुआती पड़ताल में यह बात भी सामने आई थी कि इन सभी जगहों पर कोई ना कोई तकनीकी खामी है. जिसकी वजह से लगातार हादसे से हो रहे हैं.
प्रशासन की ओर से इन इलाकों के सर्व के लिए तीन अफसरों की टीम बनाई जानी थी. उन्हें 1 सप्ताह में सर्वे करके रिपोर्ट देनी थी. लेकिन सर्वे का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है. वहीं इस मामले में यातायात के एडिशनल एसपी का कहना है कि कोरोना के चलते सर्वे का काम नहीं हो पाया है. सर्वे का काम 14 सितंबर से शुरू किया जाएगा.
टाटीबंध चौक पर सबसे ज्यादा हादसे
शहर के अंदर और बाहर जहां पर सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं, ऐसे 9 जगहों की पहचान की गई. इन जगहों पर हर साल 30 से ज्यादा सड़क हादसे हो रहे हैं. बीते 3 सालों में 100 से ज्यादा हादसों में 79 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें सबसे ज्यादा मौतें टाटीबंध चौक पर हुई है. टाटीबंध चौक में सड़क दुर्घटना में 15 लोगों की मौत हुई है. इसके बाद धनेली नाला से मेटल पार्क टर्निंग में हुई सड़क दुर्घटना में 12 लोगों की मृत्यु हुई है. इसमें कई तो इतने गंभीर हादसे थे की लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
कब शुरू होगा सर्वे
ब्लैक स्पॉट को कम करने के लिए सर्वे टीम गठित की गई है. लेकिन सर्वे टीम ने अब तक सर्वे का काम शुरू नहीं किया. एडिशनल एसपी के मुताबिक 14 सितंबर से सर्वे टीम 9 ब्लैक स्पॉट का सर्वे करेगी. सर्वे के बाद इसमें क्या और किस तरह का बदलाव किया जा सकता है, सर्वे टीम अपनी रिपोर्ट में बताएगी. जिसके बाद आने वाले समय में सड़क दुर्घटना में कमी लाई जा सकेगी.
जिले में हैं 9 ब्लैक स्पॉट
रायपुर जिले में 9 ब्लैक स्पॉट हैं, जहां पर ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. टाटीबंध चौक से सरोना ओवरब्रिज, पिंटू ढाबा से सेरीखेड़ी ओवर ब्रिज, जिंदल इस्पात टर्निंग से रिंग रोड 3, भनपुरी तिराहा से भनपुरी थाना तक, मेटल पार्क टर्निंग से धनेली नाला, ग्राम बेमता से गडरिया नाला तक, सिंघानिया चौक उरला से लगी रोड, मंदिर हसौद स्टैंड से चौराहे तक और पारागांव से महानदी पुल तक के स्पॉट की पहचान की गई है. यहां सर्वे होना है.