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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला, सुप्रीम कोर्ट का ईडी को निर्देश, दो हफ्तों में पेश करे ईसीआईआर रिपोर्ट - सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court Directs ED सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में सुनवाई की है.जिसमें वर्तन निदेशालय को ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) और एफआईआर की एक प्रति पेश करने का निर्देश दिया है.इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को दो हफ्ते का समय दिया है.अब अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी.Chhattisgarh liquor scam case

Supreme Court directs ED
सुप्रीम कोर्ट का ईडी को निर्देश
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 8, 2024, 6:22 PM IST

नई दिल्ली/रायपुर : छत्तीसगढ़ शराब घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जज अभय एस ओका और उज्जल भुइयां ने ईडी को प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट यानी ईसीआईआर पेश करने के निर्देश दिए हैं.इसके लिए ईडी को दो हफ्ते का समय मिला है.मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी. आपको बता दें कि ईडी को सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई रोकने के लिए कहा था.

आईएएस ने भी लगाई है याचिका : इस मामले में आईएएस अनिल टुटेजा और बेटे यश टुटेजा ने भी सुप्रीम कोर्ट में लगाई है.जिसे एडवोकेट मल्क मनीष भट्ट ने दायर किया है. जिसमें यश टुटेजा ने धन शोधन निवारण अधिनियम यानि PMLA 2002 की धारा 50 और धारा 63 की शक्तियों को चुनौती दी है.याचिका में ईडी के धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 50 के तहत अनिल टुटेजा को जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग की गई है.वहीं इसी तरह की याचिकाएं अनवर ढेबर और करिश्मा ने भी दायर की है.

क्या है ईडी के आरोप ? : आपको बता दें कि ईडी की जांच से पता चला है कि अरुण पति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर के साथ मिलकर बड़े शराब घोटाले को अंजाम दिया. दोनों ने मिलकर छत्तीसगढ़ की पूरी शराब प्रणाली को भ्रष्ट किया. दोनों ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ साजिश करके नीतिगत बदलाव किए.जिसमें अनवर ढेबर के सहयोगियों को टेंडर मिला. टेंडर के जरिए ढेबर ने अधिकतम लाभ उठाया. ईडी ने आरोप लगाया है कि राज्य उत्पाद शुल्क विभाग ने बेहिसाब कच्ची शराब बेचने के लिए राज्य संचालित दुकानों का इस्तेमाल किया.

ढेबर और सिंडिकेट के मिले सबूत : ईडी ने आरोप लगाया कि ढेबर और त्रिपाठी की मिलीभगत से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट ने 2 हजार करोड़ रुपए कमाएं.इन्हीं पैसों से ढेबर और त्रिपाठी को कमीशन का पैसा मिला. इस केस में ईडी ने रायपुर, भिलाई और मुंबई में तलाशी अभियान चलाया था. जिसमें अनवर ढेबर की नया रायपुर में 53 एकड़ जमीन का पता चला.जिसकी कीमत 21.60 करोड़ रुपए है. यह संपत्ति FL-10A लाइसेंसधारी से अर्जित अपराध की आय का उपयोग करके एक सहयोगी के नाम पर लेनदेन के दौरान खरीदी गई थी. ईडी ने इस केस में आरोपी अरविंद की पत्नी,त्रिलोक सिंह ढिल्लो की करोड़ों रुपए अकाउंट में फ्रीज कर दिए थे.

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आईएएस ने भी लगाई है याचिका : इस मामले में आईएएस अनिल टुटेजा और बेटे यश टुटेजा ने भी सुप्रीम कोर्ट में लगाई है.जिसे एडवोकेट मल्क मनीष भट्ट ने दायर किया है. जिसमें यश टुटेजा ने धन शोधन निवारण अधिनियम यानि PMLA 2002 की धारा 50 और धारा 63 की शक्तियों को चुनौती दी है.याचिका में ईडी के धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 50 के तहत अनिल टुटेजा को जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग की गई है.वहीं इसी तरह की याचिकाएं अनवर ढेबर और करिश्मा ने भी दायर की है.

क्या है ईडी के आरोप ? : आपको बता दें कि ईडी की जांच से पता चला है कि अरुण पति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर के साथ मिलकर बड़े शराब घोटाले को अंजाम दिया. दोनों ने मिलकर छत्तीसगढ़ की पूरी शराब प्रणाली को भ्रष्ट किया. दोनों ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ साजिश करके नीतिगत बदलाव किए.जिसमें अनवर ढेबर के सहयोगियों को टेंडर मिला. टेंडर के जरिए ढेबर ने अधिकतम लाभ उठाया. ईडी ने आरोप लगाया है कि राज्य उत्पाद शुल्क विभाग ने बेहिसाब कच्ची शराब बेचने के लिए राज्य संचालित दुकानों का इस्तेमाल किया.

ढेबर और सिंडिकेट के मिले सबूत : ईडी ने आरोप लगाया कि ढेबर और त्रिपाठी की मिलीभगत से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट ने 2 हजार करोड़ रुपए कमाएं.इन्हीं पैसों से ढेबर और त्रिपाठी को कमीशन का पैसा मिला. इस केस में ईडी ने रायपुर, भिलाई और मुंबई में तलाशी अभियान चलाया था. जिसमें अनवर ढेबर की नया रायपुर में 53 एकड़ जमीन का पता चला.जिसकी कीमत 21.60 करोड़ रुपए है. यह संपत्ति FL-10A लाइसेंसधारी से अर्जित अपराध की आय का उपयोग करके एक सहयोगी के नाम पर लेनदेन के दौरान खरीदी गई थी. ईडी ने इस केस में आरोपी अरविंद की पत्नी,त्रिलोक सिंह ढिल्लो की करोड़ों रुपए अकाउंट में फ्रीज कर दिए थे.

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