रायपुर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) आज विभिन्न राज्यों के पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के सूफी गायक मदन सिंह चौहान और ख्याति प्राप्त पंथी नर्तक डॉ. राधेश्याम बारले को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री से सम्मानित किया है.
सूफी गायक मदन सिंह चौहान पद्मश्री से सम्मानित
छत्तीसगढ़ के दोनों ही कलाकार राधे श्याम बरले और मदन सिंह को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों यह पुरस्कार मिला है.
2020 में हुई थी पद्मश्री देने की घोषणा
पिछले साल 2020 में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री पुरस्कार के लिए छत्तीसगढ़ से एकमात्र मदन सिंह चौहान के नाम की घोषणा की गई थी. कोरोना महामारी के कारण पिछले साल मार्च-अप्रैल में होने वाला पुरस्कार समारोह को टाल दिया गया था. लेकिन 8 नवंबर 2021 को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में समारोह में देशभर के विशिष्ट लोगों को सम्मान मिल रहा है. उनमें गुरुजी के नाम से प्रसिद्ध चौहान भी शामिल हैं.
अब तक इस पुरस्कार से छत्तीसगढ़ में 16 लोगों को नवाजा जा चुका है. गौरतलब है कि राधेश्याम पंथी नृत्य के माध्यम से बाबा गुरु घासीदास जी के संदेश को जन-जन तक पहुंच चुके हैं. राधेश्याम बारले पाटन क्षेत्र के खोला गांव निवासी हैं.
इन्हें दिया गया पद्म विभूषण सम्मान
शिंजो आबे (जापान): जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के कार्यकाल में भारत-जापान के संबंधों में काफी प्रगति हुई थी. उन्हें लोकसेवा के लिए पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है.
एसपी बालासुब्रमण्यम (मरणोपरांत): गायक एसपी बालासुब्रमण्यम को कला क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म विभूषण सम्मान गया. उन्होंने तेलुगू, तमिल, कन्नड़, हिंदी और मलयालम भाषाओं में हजारो गाने गाए थे.
सुदर्शन साहू: ओडिशा के चर्चित मूर्तिकार सुदर्शन साहू को कला के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है. उनकी बनाई कलाकृतियों की चर्चा दुनियाभर में होती है.
नरिंदर सिंह कपानी: केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से की गई घोषणा के मुताबिक, फाइबर आप्टिक्स के क्षेत्र में अपने काम के लिए प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी भौतिक विज्ञानी नरिंदर सिंह कपानी को भी मरणोपरांत पद्म विभूषण प्रदान किया गया.
इन्हें किया गया पद्म विभूषण से सम्मानित
Delhi: Former External Affairs Minister Sushma Swaraj awarded the Padma Vibhushan award posthumously. Her daughter Bansuri Swaraj receives the award. pic.twitter.com/fernxD24j2
अरुण जेटली और सुषमा स्वराज को मरणोपरांत पद्म विभूषण
इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) और सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है. खेल जगत से बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू (Badminton Player PV Sindhu) को पद्म भूषण (Padma Bhushan to badminton player PV Sindhu) और फिल्म जगत में एक्टर कंगना रनौत (Actor Kangana Ranaut) और गायक अदनान सामी (Singer Adnan Sami) को पद्म श्री से सम्मानित किया है.
इन्हें भी मिला सम्मान
कर्नाटक के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ बेल्ले मोनप्पा हेगड़े, भारतीय इस्लामी विद्वान एवं कार्यकर्ता मौलाना वाहिदुद्दीन खान, पुरातत्वविद बीबी लाल को भी पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसके अलावा कुल 10 लोगों को पद्म भूषण पुरस्कार दिया गया है. इनमें असम के पूर्व सीएम तरुण गोगोई (मरणोपरांत), पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (मरणोपरांत) और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के अलावा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल (मरणोपरांत), भारतीय इस्लामिक विद्वान कल्बे सादिक (मरणोपरांत), प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र, सामाजिक कार्यकर्ता तरलोचन सिंह, शास्त्रीय गायिका केएस चित्रा, चंद्रशेखर कंबारा, रजनीकांत देवीदास श्राफ शामिल हैं. वहीं पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा (मरणोपरांत) और पूर्व केंद्रीय मंत्री बिजोय चक्रवर्ती को पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
ख्याति प्राप्त पंथी नर्तक डॉ. राधेश्याम बारले पद्मश्री से सम्मानित
मृदुला सिन्हा, पीटर ब्रूक समेत 102 हस्तियों को पद्म श्री
गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा (Mridula Sinha), ब्रिटिश फिल्म निर्देशक पीटर ब्रूक (Peter Brook), फादर वलिस (मरणोपरांत), प्रोफेसर चमन लाल सप्रू (मरणोपरांत) समेत कुल 102 हस्तियों को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वहीं खास बात यह है कि पद्म पुरस्कार पाने वालों में 29 महिलाएं हैं जबकि 10 लोग अनिवासी भारतीय (NRI), भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) व ओवरसीज सिटीजन आफ इंडिया हैं. इनमें एक ट्रांसजेंडर है.
कोरोना महामारी के चलते नहीं दिए जा सके थे पुरस्कार
हर साल पद्म पुरस्कारों की घोषणा गणतंत्र दिवस के मौके पर की जाती है. राष्ट्रपति मार्च-अप्रैल में ये पुरस्कार प्रदान करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के चलते ये पुरस्कार नहीं दिए जा सके थे.