रायपुर: खेतों में कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हाल ही में बढ़ा है. कुछ किसान अब खुद ड्रोन खरीदकर इसके जरिए अपने खेतों में कीटनाश का छिड़काव कर रहे हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ का एक किसान अपने खेतों की देखभाल और जैविक कीटनाशक छिड़काव के लिए 7 करोड़ रुपये का हेलीकॉप्टर खरीद रहा है.
इस किसान का नाम राजाराम त्रिपाठी हैं. जो छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले का रहने वाले हैं. राजाराम त्रिपाठी अपने 1000 एकड़ के खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव, खेतों की निगरानी और दूसरे कृषि कार्यों के लिए 7 करोड़ रुपये का हेलीकॉप्टर खरीद रहे हैं. उन्होंने हॉलैंड की रॉबिन्सन कंपनी का आर-44 मॉडल (चार सीट वाला) हेलीकॉप्टर बुक किया है. इसे कीटनाशकों के छिड़काव और अन्य कृषि कार्यों के लिए तैयार किया जा रहा है.
यूरोप के किसानों से मिली प्रेरणा: जब राजाराम ने इंग्लैंड और जर्मनी का दौरा किया, तो उन्होंने उर्वरक छिड़काव के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग देखा. इससे प्रेरित होकर उन्होंने तुरंत हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला किया. हेलीकॉप्टर उड़ाने के लिए उनके बेटे और छोटे भाई पायलट ट्रेनिंग के लिए उज्जैन स्थित एविएशन एकेडमी जाएंगे.
बैंक की नौकरी छोड़ बन गए किसान: कोंडागांव के एक किसान परिवार में जन्मे राजाराम ने 1998 में अपनी बैंक की नौकरी छोड़ दी और किसान बन गए. वे 400 आदिवासी परिवारों की मदद से 1000 एकड़ में मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म के जरिए जैविक खेती कर रहे हैं. वर्तमान में बस्तर और कोंडागांव जिले में सर्वाधिक सफेद मूंगफली और काली मिर्च की खेती कर रहे हैं. जिसका निर्यात यूरोप और अमेरिका में किया जा रहा है. एक हर्बल संस्था भी चला रहे हैं. अब तक उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर चार बार सर्वश्रेष्ठ किसान का पुरस्कार मिल चुका है. अब तक उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर चार बार सर्वश्रेष्ठ किसान का पुरस्कार मिल चुका है. अपनी कंपनी के जरिए वह 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल कर रहे हैं.