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रायपुर NIT के छात्रों ने जवानों के लिए बनाया स्पेशल सूट, जानें इसकी खासियत

इनोवेशन और मशीनों की इस दौर में रोज नए-नए आविष्कार हो रहे हैं. इंजीनियरिंग के छात्र हमेशा कुछ ना कुछ नया आइडिया डेवलपर करते ही रहते हैं. चाहे वह उनके खुद के हो या कहीं से इंस्पायर होकर किया गया हो. ऐसा ही एक आइडिया डेवलप किया है रायपुर NIT के छात्रों ने.

रायपुर NIT के छात्रों ने जवानों के लिए बनाया स्पेशल सूट
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Published : Sep 30, 2019, 3:32 PM IST

रायपुर: बॉर्डर पर रह रहे जवानों के लिए एन आई टी के छात्रों ने एक सूट का प्रोटोटाइप तैयार किया है जिसमें उन्होंने एक मशीन लगाई है. इस मशीन में गर्मी के मौसम में आपके शरीर को ठंडक मिलेगी और ठंड के मौसम में गर्मी.

रायपुर NIT के छात्रों ने जवानों के लिए बनाया स्पेशल सूट

देश के जवान जो बॉर्डर पर देश की रक्षा करने में कभी पीछे नहीं हटते, चाहे वह लद्दाख के ठिठुरते -40 डिग्री ठंड में हो या रेगिस्तान के प्लस 50 डिग्री की गर्मी में.

ऐसे सूझी बच्चों को यह सूट बनाने की तरकीब
दरअसल इन छात्रों के ग्रुप में एक छात्र के रिश्तेदार आर्मी में है, जो बताते हैं कि उनकी पोस्टिंग कभी ठंडे इलाकों में होती है तो कभी गर्म इलाकों में. इससे उन्हें ठंड के साथ-साथ गर्मी का सामना करना पड़ता है. इसी कहानी को सुनकर बच्चों को ये सूट बनाने का आइडिया आया.

मुश्किलों का सामना कर बनाया सूट का प्रोटोटाइप
छात्रों ने बताया कि सूट को बनाते समय कोडिंग के साथ-साथ सूट में लगने वाले सामान में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पर हमने अपने सीनियर्स और टीचर्स के साथ और सलाह से सूट का ब्लू प्रिंट तैयार कर डिजाइन तैयार किया.

क्या हो सकता है सूट का फ्यूचर
छात्रों ने बताया कि अभी जो सूट आर्मी इस्तेमाल करते है वो हैवी होती है जिसके कारण उन्हें कैरी करने में भी परेशानी होती है. लेकिन इस सूट का वजन सिर्फ आधा किलो होगा जिससे सूट पहनने और कैरी करने में कोई परेशानी नहीं होगी. अभी हमने सूट का प्रोटोटाइप बनाया है आगे हम इस प्रोटोटाइप को सूट में डिजाइन करेंगे और साथ ही यूनिवर्सिटी की मदद से इसे प्रोजेक्ट करने की कोशिश करेंगे.

रायपुर: बॉर्डर पर रह रहे जवानों के लिए एन आई टी के छात्रों ने एक सूट का प्रोटोटाइप तैयार किया है जिसमें उन्होंने एक मशीन लगाई है. इस मशीन में गर्मी के मौसम में आपके शरीर को ठंडक मिलेगी और ठंड के मौसम में गर्मी.

रायपुर NIT के छात्रों ने जवानों के लिए बनाया स्पेशल सूट

देश के जवान जो बॉर्डर पर देश की रक्षा करने में कभी पीछे नहीं हटते, चाहे वह लद्दाख के ठिठुरते -40 डिग्री ठंड में हो या रेगिस्तान के प्लस 50 डिग्री की गर्मी में.

ऐसे सूझी बच्चों को यह सूट बनाने की तरकीब
दरअसल इन छात्रों के ग्रुप में एक छात्र के रिश्तेदार आर्मी में है, जो बताते हैं कि उनकी पोस्टिंग कभी ठंडे इलाकों में होती है तो कभी गर्म इलाकों में. इससे उन्हें ठंड के साथ-साथ गर्मी का सामना करना पड़ता है. इसी कहानी को सुनकर बच्चों को ये सूट बनाने का आइडिया आया.

मुश्किलों का सामना कर बनाया सूट का प्रोटोटाइप
छात्रों ने बताया कि सूट को बनाते समय कोडिंग के साथ-साथ सूट में लगने वाले सामान में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पर हमने अपने सीनियर्स और टीचर्स के साथ और सलाह से सूट का ब्लू प्रिंट तैयार कर डिजाइन तैयार किया.

क्या हो सकता है सूट का फ्यूचर
छात्रों ने बताया कि अभी जो सूट आर्मी इस्तेमाल करते है वो हैवी होती है जिसके कारण उन्हें कैरी करने में भी परेशानी होती है. लेकिन इस सूट का वजन सिर्फ आधा किलो होगा जिससे सूट पहनने और कैरी करने में कोई परेशानी नहीं होगी. अभी हमने सूट का प्रोटोटाइप बनाया है आगे हम इस प्रोटोटाइप को सूट में डिजाइन करेंगे और साथ ही यूनिवर्सिटी की मदद से इसे प्रोजेक्ट करने की कोशिश करेंगे.

Intro:इनोवेशन ओर मशीनों की इस दुनिया में रोज नए-नए आविष्कार हो रहे हैं इंजीनियर छात्र हमेशा कुछ ना कुछ नए आइडिया डेवलपर करते ही रहते हैं चाहे वह उनके खुद के हो या कहीं से इंस्पायर होकर किया गया हो इसी सिलसिले में राजधानी रायपुर के एन आई टी के बच्चों ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। एन आई टी के बच्चों ने एक सूट का प्रोटोटाइप तैयार किया है जिसमें उन्होंने एक मशीन लगाई है जिसके द्वारा गर्मी के मौसम में आपके शरीर को ठंडक मिलेगी और ठंडी के मौसम में आपके शरीर को गर्मी इन बच्चों ने यह सूट स्पेशली देश के जवानों के लिए बनाया है।

Body:एन आई टी रायपुर के बच्चों ने यह सूट स्पेशली देश के बॉर्डर पर रह रहे जवानों के लिए बनाया है। देश के जवान जो बोडर पर देश की रक्षा करने में कभी पीछे नहीं हटते चाहे वह लद्दाख के ठिठुरते -40 डिग्री ठंड मैं ही क्यों ना हो चाहे रेगिस्तान के प्लस 50 डिग्री गर्मी में तबते धूप में देश की रक्षा करते हमारे जवान हो।

कैसे सूझी बच्चों को यह सूट बनाने की तरकीब
एन आई टी 3 बच्चों ने बताया क्यों उनको यूनिवर्सिटी से प्रोजेक्ट बनाने को कहा गया था जिसके बाद उनको देश के जवानों के लिए प्रोटोटाइप सूट बनाने की सूची। 3 बच्चों के ग्रुप में एक बच्चे के रिश्तेदार आर्मी में है और उनके चाचा ने बताया कि उनकी पोस्टिंग कभी ठंडे इलाकों में होती है तो कभी गर्म इलाकों में जिससे कभी उन्हें काफी ठंड का सामना करना पड़ता है और कभी काफी गर्मी का इसी कहानी को सुनकर बच्चों को आइडिया आया कि क्यों ना हम ऐसा सूट बनाएं जिससे देश के जवान ठंडे मौसम में उनका शरीर गर्म रह सके और गरम जगहों पर उनका शरीर ठंडा।

किन मुश्किलों का सामना कर बनाया सूट का प्रोटोटाइप
सूट को बनाते समय कोडिंग के साथ-साथ सूट में लगने वाले सामान तक के दिक्कतों का सामना करना पड़ा पर हमने अपने सीनियर्स और टीचर्स के साथ और सलाह से सूट का ब्लू प्रिंट तैयार कर डिजाइन तैयार किया उसके बाद हमने यह सूट के प्रोटोटाइप को बनाया।

Conclusion:क्या हो सकता है सूट का फ्यूचर
बच्चों ने बताया कि अभी जो सूट आर्मी अपने शरीर को ठंडा या गर्म करने के लिए पहनती है वह काफी हैवी होती है जिसके कारण उन्हें कैरी करने में भी परेशानी होती है लेकिन इस सूट का वजन सिर्फ आधा किलो होगा जिससे सूट पहनने और कैरी करने में कोई परेशानी नहीं होगी। अभी हमने सूट का प्रोटोटाइप बनाया है आगे हम इस प्रोटोटाइप को सूट में डिजाइन करेंगे और साथ ही यूनिवर्सिटी की मदद से इसे प्रोजेक्ट करने की कोशिश करेंगे।

बाइट :- अभिषेक कुमार बनिहाल स्टूडेंट
बाइट :- अमन सोनी स्टूडेंट
बाइट :-धर्मवीर शर्मा स्टूडेंट

अभिषेक कुमार सिंह ईटीवी भारत रायपुर
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