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धोखाधड़ी मामलों में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ शासन सख्त, कार्रवाई में तेजी - चिटफंड कंपनियों सख्त कार्रवाई

CM भूपेश बघेल के निर्देश पर चिटफंड कंपनियों के खिलाफ प्रशासन सख्त होता जा रहा है. निवेशकों की धन वापसी की कार्रवाई की जा रही है. चिटफंड कंपनियों पर नकेल कसता जा रहा है.

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Published : Feb 1, 2020, 6:00 PM IST

रायपुर: निवेशकों से धोखाधड़ी के मामले में चिटफंड कंपनियों पर सरकार ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया है. प्रशासन लगातार ऐसे चिटफंड कंपनियों पर नकेल कसती जा रही है. कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने से पहले निवेशकों को चिटफंड कंपनियों से पैसा वापस दिलाने का वादा किया था. इसके तहत ही यह कदम उठाए जा रहे हैं

चिटफंड कंपनियों पर प्रशासन सख्त

साल 2012 से 2019 तक के हैं मामले
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में साल 2012 से अक्टूबर 2019 तक 484 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से 307 मामलों में 468 आरोपी संचालकों, 185 आरोपी पदाधिकारियों और 279 अन्य आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चालान न्यायालय में पेश किया गया है. साथ ही 154 प्रकरणों में चिटफंड कंपनियों और उनके संचालकों की संपत्ति की पहचान कर ली गई है.

नीलामी की कार्रवाई
राजनांदगांव जिले में जब्त की गई जमीन की नीलामी में मिले 7 करोड़ 92 लाख 21 हजार रूपए शासकीय कोष में जमा किए गए हैं. साथ ही निवेशकों की राशि लौटाने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है. बिलासपुर सिविल लाइन थाने में दर्ज एक मामले में मकान की नीलामी कर पीड़िता को 2 लाख 80 हजार रूपए दिलाए गए. कोर्ट ने चिटफंड कंपनियों के 6 प्रकरणों में संपत्ति की जब्ती के आदेश दिए हैं. साथ ही 42 प्रकरणों में जब्ती के कार्रवाई के आदेश पर विचार हो रहा है.

कांग्रेस का चुनावी वादा
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान चिटफंड कंपनियों के निवेशकों के रुपए न लौटाए जाने का मामला गरमाया था. जिस पर कांग्रेस ने निवेशकों को पैसे वापस दिलाने की घोषणा अपने संकल्प पत्र में किया था. सत्ता पर काबिज होते ही कांग्रेस ने इस ओर कदम बढ़ाते हुए चिटफंड कंपनियों के खिलाफ नकेल कसना शुरू कर दिया है. इसी के तहत प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुट गई है.

रायपुर: निवेशकों से धोखाधड़ी के मामले में चिटफंड कंपनियों पर सरकार ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया है. प्रशासन लगातार ऐसे चिटफंड कंपनियों पर नकेल कसती जा रही है. कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने से पहले निवेशकों को चिटफंड कंपनियों से पैसा वापस दिलाने का वादा किया था. इसके तहत ही यह कदम उठाए जा रहे हैं

चिटफंड कंपनियों पर प्रशासन सख्त

साल 2012 से 2019 तक के हैं मामले
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में साल 2012 से अक्टूबर 2019 तक 484 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से 307 मामलों में 468 आरोपी संचालकों, 185 आरोपी पदाधिकारियों और 279 अन्य आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चालान न्यायालय में पेश किया गया है. साथ ही 154 प्रकरणों में चिटफंड कंपनियों और उनके संचालकों की संपत्ति की पहचान कर ली गई है.

नीलामी की कार्रवाई
राजनांदगांव जिले में जब्त की गई जमीन की नीलामी में मिले 7 करोड़ 92 लाख 21 हजार रूपए शासकीय कोष में जमा किए गए हैं. साथ ही निवेशकों की राशि लौटाने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है. बिलासपुर सिविल लाइन थाने में दर्ज एक मामले में मकान की नीलामी कर पीड़िता को 2 लाख 80 हजार रूपए दिलाए गए. कोर्ट ने चिटफंड कंपनियों के 6 प्रकरणों में संपत्ति की जब्ती के आदेश दिए हैं. साथ ही 42 प्रकरणों में जब्ती के कार्रवाई के आदेश पर विचार हो रहा है.

कांग्रेस का चुनावी वादा
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान चिटफंड कंपनियों के निवेशकों के रुपए न लौटाए जाने का मामला गरमाया था. जिस पर कांग्रेस ने निवेशकों को पैसे वापस दिलाने की घोषणा अपने संकल्प पत्र में किया था. सत्ता पर काबिज होते ही कांग्रेस ने इस ओर कदम बढ़ाते हुए चिटफंड कंपनियों के खिलाफ नकेल कसना शुरू कर दिया है. इसी के तहत प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुट गई है.

Intro:*छत्तीसगढ़ मे चिटफण्ड कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई*

*अब तक 932 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत*

*कुर्क की गई भूमि की नीलामी राशि 7.92 करोड शासकीय कोष मे जमा*

*न्यायालय द्वारा कुर्की के 6 प्रकरणों में अंतिम आदेश पारित 42 प्रकरण विचाराधीन*

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चिटफण्ड कंपनियों (अनियमित वित्तीय कंपनियों) द्वारा निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले को राज्य सरकार ने बड़ी गंभीरता से लिया है मुख्यमत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर निवेशकों की धन वापसी की कार्रवाई पुलिस प्रशासन द्वारा प्राथमिकता से की जा रही है।
         
Body:पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2012 से अक्टूबर 2019 तक 484 चिटफण्ड कंपनियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। इनमें से 307 प्रकरणों में 468 संचालकों, 185 पदाधिकारियों और 279 अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। 154 प्रकरणों में चिटफण्ड कंपनियों और उनके संचालकों के संपत्ति चिन्हित की गई है।
         
निक्षेपों के हितों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के तहत राजनांदगांव जिले में कुर्क की गई भूमि की नीलामी राशि 7 करोड़ 92 लाख 21 हजार रूपये शासकीय कोष में जमा किया गया है तथा निवेशकों की राशि लौटाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। बिलासपुर सिविल लाईन थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 780/15 के तहत मकान की नीलामी कर आवेदिका को 2 लाख 80 हजार रूपये दिलाया गया। न्यायालय द्वारा चिटफण्ड कंपनियों के 6 प्रकरणों में कुर्की का अंतिम आदेश पारित किया जा चुका है, जबकि 42 प्रकरणों में कुर्की का अंतिम आदेश हेतु विचाराधीन है।

Conclusion:बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान चिटफंड कंपनियों द्वारा निवेशकों के रुपए न लौटाए जाने का मामला गरमाया था जिस पर कांग्रेस ने सरकार आने के बाद निवेशकों को पैसे वापस दिलाने की घोषणा अपने संकल्प पत्र में किया था सत्ता पर काबिज होते ही कांग्रेस ने इस ओर कदम बढ़ाते हुए चिटफंड कंपनियों के खिलाफ नकेल कसने सहित निवेशकों के पैसे वापस लौटाने पुलिस विभाग सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया था और यही कारण है कि अब निवेशकों को पैसा लौटाने शासन प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जा रही है।
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