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स्ट्रॉबेरी की खेती कब और किस मौसम में की जाए, आइए यहां जानते हैं

स्ट्रॉबेरी की खेती छत्तीसगढ़ के किसान कब और किस मौसम में करें कौन सा मौसम इसके लिए उपयुक्त रहेगा. strawberry farming in chhattisgarh छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए ठंड का मौसम उपयुक्त माना गया है. छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों में ठंड के मौसम में स्ट्रॉबेरी की खेती आसानी से की जा सकती हैं. Indira Gandhi Agricultural University अंबिकापुर सरगुजा और मैनपाट क्षेत्र की बात की जाए तो इन इलाकों में ठंड की शुरुआत पहले होती है, और ठंड काफी बाद में यहां से जाता है. इन क्षेत्रों में प्रदेश के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती लगभग 5 से 6 महीने तक खेती करने की संभावना. raipur news update

Strawberry cultivation in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में स्ट्रॉबेरी की खेती
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Published : Dec 22, 2022, 10:50 PM IST

छत्तीसगढ़ में स्ट्रॉबेरी की खेती

रायपुर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ फल वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू ने बताया कि "5 से 6 महीने तक स्ट्रॉबेरी की खेती सरगुजा और मैनपाट क्षेत्र में हैं. strawberry farming in chhattisgarh मध्य छत्तीसगढ़ के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती करना चाहते हैं, तो अक्टूबर नवंबर का महीना स्ट्रॉबेरी के लिए उपयुक्त माना गया है. Indira Gandhi Agricultural University स्ट्रॉबेरी की खेती रनर के माध्यम से करने पर नए पौध तैयार किया जा सकता है. मध्य छत्तीसगढ़ के किसान अक्टूबर नवंबर के महीने में स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि स्ट्रॉबेरी की खेती चटाई विधि से करना चाहिए. एक-एक फीट की दूरी में पौधे का रोपण किया जाना चाहिए. पौधे की संख्या अधिक है तो 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी पर स्ट्रॉबेरी की पौधे का रोपण किया जा सकता है." raipur news update

यह भी पढ़ें: नक्सलगढ़ की महिलाओं ने धान की बालियों से बनाई मूर्तियां, राज्य शासन से मदद की दरकार


कम ठंड वाली जगह पर भी लगा सकते हैं स्ट्रॉबेरी: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ फल वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू का कहना है कि "स्ट्रॉबेरी विदेशी फल है. इसे कम ठंड वाली जगह पर भी आसानी से लगा सकते हैं. स्ट्रॉबेरी की किस्मों में स्वीट चार्ली, नाबिला और कमेरोज़ा इन 3 किस्मों को प्रदेश की किसान आसानी से लगा सकते हैं. महाराष्ट्र के साथ ही नार्थ ईस्ट के राज्यों से भी किसान स्ट्रॉबेरी के पौधे लाकर खेती कर सकते हैं. इस साल स्ट्रॉबेरी के पौध लगाते समय जमीन में नमी की मात्रा संतुलित रखते हैं. तो स्ट्रॉबेरी के रनर से अगले वर्ष के लिए नए पौधे आसानी से तैयार कर सकते हैं. साल में केवल एक बार ही इसकी खेती की जा सकती है."

छत्तीसगढ़ में स्ट्रॉबेरी की खेती

रायपुर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ फल वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू ने बताया कि "5 से 6 महीने तक स्ट्रॉबेरी की खेती सरगुजा और मैनपाट क्षेत्र में हैं. strawberry farming in chhattisgarh मध्य छत्तीसगढ़ के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती करना चाहते हैं, तो अक्टूबर नवंबर का महीना स्ट्रॉबेरी के लिए उपयुक्त माना गया है. Indira Gandhi Agricultural University स्ट्रॉबेरी की खेती रनर के माध्यम से करने पर नए पौध तैयार किया जा सकता है. मध्य छत्तीसगढ़ के किसान अक्टूबर नवंबर के महीने में स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि स्ट्रॉबेरी की खेती चटाई विधि से करना चाहिए. एक-एक फीट की दूरी में पौधे का रोपण किया जाना चाहिए. पौधे की संख्या अधिक है तो 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी पर स्ट्रॉबेरी की पौधे का रोपण किया जा सकता है." raipur news update

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कम ठंड वाली जगह पर भी लगा सकते हैं स्ट्रॉबेरी: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ फल वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू का कहना है कि "स्ट्रॉबेरी विदेशी फल है. इसे कम ठंड वाली जगह पर भी आसानी से लगा सकते हैं. स्ट्रॉबेरी की किस्मों में स्वीट चार्ली, नाबिला और कमेरोज़ा इन 3 किस्मों को प्रदेश की किसान आसानी से लगा सकते हैं. महाराष्ट्र के साथ ही नार्थ ईस्ट के राज्यों से भी किसान स्ट्रॉबेरी के पौधे लाकर खेती कर सकते हैं. इस साल स्ट्रॉबेरी के पौध लगाते समय जमीन में नमी की मात्रा संतुलित रखते हैं. तो स्ट्रॉबेरी के रनर से अगले वर्ष के लिए नए पौधे आसानी से तैयार कर सकते हैं. साल में केवल एक बार ही इसकी खेती की जा सकती है."

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