रायपुर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ फल वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू ने बताया कि "5 से 6 महीने तक स्ट्रॉबेरी की खेती सरगुजा और मैनपाट क्षेत्र में हैं. strawberry farming in chhattisgarh मध्य छत्तीसगढ़ के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती करना चाहते हैं, तो अक्टूबर नवंबर का महीना स्ट्रॉबेरी के लिए उपयुक्त माना गया है. Indira Gandhi Agricultural University स्ट्रॉबेरी की खेती रनर के माध्यम से करने पर नए पौध तैयार किया जा सकता है. मध्य छत्तीसगढ़ के किसान अक्टूबर नवंबर के महीने में स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि स्ट्रॉबेरी की खेती चटाई विधि से करना चाहिए. एक-एक फीट की दूरी में पौधे का रोपण किया जाना चाहिए. पौधे की संख्या अधिक है तो 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी पर स्ट्रॉबेरी की पौधे का रोपण किया जा सकता है." raipur news update
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कम ठंड वाली जगह पर भी लगा सकते हैं स्ट्रॉबेरी: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ फल वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू का कहना है कि "स्ट्रॉबेरी विदेशी फल है. इसे कम ठंड वाली जगह पर भी आसानी से लगा सकते हैं. स्ट्रॉबेरी की किस्मों में स्वीट चार्ली, नाबिला और कमेरोज़ा इन 3 किस्मों को प्रदेश की किसान आसानी से लगा सकते हैं. महाराष्ट्र के साथ ही नार्थ ईस्ट के राज्यों से भी किसान स्ट्रॉबेरी के पौधे लाकर खेती कर सकते हैं. इस साल स्ट्रॉबेरी के पौध लगाते समय जमीन में नमी की मात्रा संतुलित रखते हैं. तो स्ट्रॉबेरी के रनर से अगले वर्ष के लिए नए पौधे आसानी से तैयार कर सकते हैं. साल में केवल एक बार ही इसकी खेती की जा सकती है."