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Naagpanchmi 2022 : सांपों के लिए क्यों मसीहा हैं साजिद ? - how to rescue snakes

रायपुर में बारिश के दिनों में कई मोहल्लों और कॉलोनियों में सांप निकलते हैं. ऐसे में एक शख्स ऐसे सांपों को लिए मसीहा बनकर आता है. अब तक इस शख्स ने हजारों सांपों का रेस्क्यू किया (Story of man who saved snakes in Raipur) है.

Story of man who saved snakes in Raipur
सांपों के लिए क्यों मसीहा हैं साजिद
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Published : Aug 1, 2022, 7:11 PM IST

Updated : Aug 1, 2022, 10:54 PM IST

रायपुर :बरसात के दिनों में घरों में सांपों के घरों में आने के मामले सामने आते हैं. इसका कारण है कि बरसात का पानी सांपों के बिलों में जमा हो जाता (snake rescue in raipur) है. जिसके कारण वे अपने नए ठिकानो की तलाश में निकलते है. जिसके कारण सांप लोगों के घरों में आ जाते है.सांपों को बचाने और उनके रेस्क्यू को लेकर शहर में कई एनजीओ काम कर रहे हैं. उन्हीं में से एक ऐसे शख्स हैं. जो पिछले 11 साल से सांपों के संरक्षण को लेकर काम कर रहे हैं. स्नेक हेल्पलाइन एंड कंजर्वेशन सोसायटी (Snake Helpline and Conservation Society Raipur) फाउंडर साजिद खान पिछले 11 सालों से सांपों को रेस्क्यू करने का काम कर रहे है. ईटीवी भारत की टीम भी सांप के रेस्क्यू के (Story of man who saved snakes in Raipur) निकली.

सांपों का रेस्क्यू करने वाले साजिद खान की कहानी
साँपों को मारना ठीक नही : साजिद खान ने बताया कि बरसात के दिनों में जब सांप घरों में घुस जाते हैं. ऐसे में लोग सांपों को देखकर घबरा जाते हैं. लोगों को उस दौरान घबराने की आवश्यकता नहीं (how to rescue snakes) है. शहर में बहुत से एनजीओ हैं जो सांपों को रेस्क्यू करते हैं. ऐसे में उनसे संपर्क करना चाहिए . साथ हमारे पर्यावरण के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है ऐसे में उनको मारना ठीक नहीं है..कितने सांपों का रेस्क्यू : साजिद ने बताया कि अगर रेस्क्यू टीम में आने का वक्त लग रहा है. ऐसे में फिनाइल या कैमिकल का इस्तेमाल कर उसे घर से बाहर भगाया जा सकता है. साजिद खान ने बताया " मैं 2011 से सांपों को रेस्क्यू करने की शुरुआत की. अब तक मैंने लगभग 8000 सांपों का रेस्क्यू कर जंगलों में छोड़ा है .इनमें कोबरा, अजगर, करैत ,धामन,रसेल वाइपर सांपों के अलावा कई दुर्लभ प्रजाति के सांपों का रेस्क्यू किया है.डोनेशन से कर रहे है काम : साजिद ने बताया की " 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर उनका शुरू रहता है दिन हो या रात कभी भी लोगों का फोन आने पर वे साँपो का रेस्क्यू करने जाते है. यह काम पूरी तरह से निःशुल्क किया जाता है. इस काम के लिए हम लोगो से डोनेशन लेते है. लोग उस काम के लिए मदद भी करते. समय-समय पर अवेयरनेस कैंप आयोजित किया जाता है.जिसमें स्पॉन्सर से भी डोनेशन मिलता है..

रायपुर :बरसात के दिनों में घरों में सांपों के घरों में आने के मामले सामने आते हैं. इसका कारण है कि बरसात का पानी सांपों के बिलों में जमा हो जाता (snake rescue in raipur) है. जिसके कारण वे अपने नए ठिकानो की तलाश में निकलते है. जिसके कारण सांप लोगों के घरों में आ जाते है.सांपों को बचाने और उनके रेस्क्यू को लेकर शहर में कई एनजीओ काम कर रहे हैं. उन्हीं में से एक ऐसे शख्स हैं. जो पिछले 11 साल से सांपों के संरक्षण को लेकर काम कर रहे हैं. स्नेक हेल्पलाइन एंड कंजर्वेशन सोसायटी (Snake Helpline and Conservation Society Raipur) फाउंडर साजिद खान पिछले 11 सालों से सांपों को रेस्क्यू करने का काम कर रहे है. ईटीवी भारत की टीम भी सांप के रेस्क्यू के (Story of man who saved snakes in Raipur) निकली.

सांपों का रेस्क्यू करने वाले साजिद खान की कहानी
साँपों को मारना ठीक नही : साजिद खान ने बताया कि बरसात के दिनों में जब सांप घरों में घुस जाते हैं. ऐसे में लोग सांपों को देखकर घबरा जाते हैं. लोगों को उस दौरान घबराने की आवश्यकता नहीं (how to rescue snakes) है. शहर में बहुत से एनजीओ हैं जो सांपों को रेस्क्यू करते हैं. ऐसे में उनसे संपर्क करना चाहिए . साथ हमारे पर्यावरण के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है ऐसे में उनको मारना ठीक नहीं है..कितने सांपों का रेस्क्यू : साजिद ने बताया कि अगर रेस्क्यू टीम में आने का वक्त लग रहा है. ऐसे में फिनाइल या कैमिकल का इस्तेमाल कर उसे घर से बाहर भगाया जा सकता है. साजिद खान ने बताया " मैं 2011 से सांपों को रेस्क्यू करने की शुरुआत की. अब तक मैंने लगभग 8000 सांपों का रेस्क्यू कर जंगलों में छोड़ा है .इनमें कोबरा, अजगर, करैत ,धामन,रसेल वाइपर सांपों के अलावा कई दुर्लभ प्रजाति के सांपों का रेस्क्यू किया है.डोनेशन से कर रहे है काम : साजिद ने बताया की " 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर उनका शुरू रहता है दिन हो या रात कभी भी लोगों का फोन आने पर वे साँपो का रेस्क्यू करने जाते है. यह काम पूरी तरह से निःशुल्क किया जाता है. इस काम के लिए हम लोगो से डोनेशन लेते है. लोग उस काम के लिए मदद भी करते. समय-समय पर अवेयरनेस कैंप आयोजित किया जाता है.जिसमें स्पॉन्सर से भी डोनेशन मिलता है..
Last Updated : Aug 1, 2022, 10:54 PM IST
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