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बीजापुर एनकाउंटर में जवान के लापता होने से रिहा होने तक की कहानी

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में अगवा किए गए जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने छोड़ दिया है. गुरुवार शाम को नक्सलियों ने ग्रामीणों और मध्यस्थता टीम के बीच जवान को रिहा किया.

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बीजापुर एनकाउंटर में जवान के लापता होने से रिहा होने तक की कहानी
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Published : Apr 8, 2021, 11:08 PM IST

Updated : Apr 9, 2021, 7:58 AM IST

रायपुर: बीजापुर पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के दौरान अगवा किए गए कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है. गुरुवार शाम को नक्सलियों ने ग्रामीणों और मध्यस्थता टीम के बीच जवान को रिहा किया. रिहाई के बाद जहां परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं केंद्र और राज्य सरकार ने भी चैन की सांस ली है.

बीजापुर एनकाउंटर में जवान के लापता होने से रिहा होने तक की कहानी

मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने किया था अगवा

3 अप्रैल को बीजापुर जिले के तर्रेम हुए नक्सली मुठभेड़ में कुल 22 जवान शहीद हो गए थे. वहीं 31 जवान घायल हुए. पुलिस सर्चिंग के दौरान पता चला था कि एक जवान लापता था. काफी खोजबीन के बाद पता चला कि राकेश्वर सिंह मनहास नाम के सीआरपीएफ के जवान को नक्सली अगवा कर अपने साथ ले गए हैं. 4 अप्रैल को नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिवीजन ने दावा किया था कि जवान उनके पास हैं और पूरी तरह सुरक्षित हैं. नक्सलियों ने समय आने पर छोड़ने की बात कही थी. 6 अप्रैल को राकेश्वर सिंह मनहास की फोटो बस्तर के कुछ स्थानीय पत्रकारों को मिली. फोटो देखकर दावा और पुख्ता हो गया कि जवान नक्सलियों के कब्जे में हैं.

बीजापुर एनकाउंटर में जवान के लापता होने से रिहा होने तक की कहानी

सरकार ने गठित की थी मध्यस्थता टीम

कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को छुड़ाने के लिए मध्यस्थता टीम गठित की थी. इसमें पद्मश्री धर्मपाल सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया शामिल थे. सैकड़ों गांववालों की मौजूदगी में राकेश्वर सिंह मनहास को रिहा कराया गया. CRPF और पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि राकेश्वर सिंह मनहास के रिहा होने के बाद उन्हें बासागुड़ा ले जाया गया. जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. CRPF के फील्ड अस्पताल में उन्हें कमजोरी और डिहाइड्रेशन का सामान्य उपचार दिया गया.

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बीजापुर एनकाउंटर में जवान के लापता होने से रिहा होने तक की कहानी

जवान की रिहाई में इनकी रही भूमिका

नक्सलियों के बुलावे पर जवान को रिहा कराने वार्ता दल समेत 11 सदस्यीय टीम पहुंची थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी दी कि जवान को रिहा कराने में सैनी और बोरैंया के अलावा माता रुक्मणि आश्रम जगदलपुर, आदिवासी समाज के कई लोगों और बीजापुर के पत्रकार गणेश मिश्रा और मुकेश चंद्राकर का सराहनीय योगदान रहा.

बीजापुर एनकाउंटर में जवान के लापता होने से रिहा होने तक की कहानी

परिवार ने की थी भावुक अपील

लोग अगवा किए गए कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों के कब्जे से रिहा कराने की मांग कर रहे थे. जम्मू स्थित परिवार के लोगों ने भी नक्सलियों से छोड़ने की अपील की थी. राकेश्वर सिंह की बेटी ने भी उसके पिता को छोड़ने की भावुक अपील की थी. उनकी अपील रंग लाई है और नक्सलियों ने राकेश सिंह मनहास को कैद से रिहा कर दिया.

जवान राकेश्वर सिंह की रिहाई से परिवार में खुशी की लहर

मां ने किया मोदी सरकार का किया धन्यवाद

जवान राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के बाद उनके जम्मू स्थित घर में खुशी का माहौल है. मनहास की पत्नि मीनू ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके वापस जरूर लौटेंगे. इधर राकेश्वर सिंह मनहास की मां ने बेटे की सकुशल वापसी पर मोदी सरकार का आभार जताया है.

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कोबरा जवान राकेश्वर सिंह

अमित शाह ने फोन पर जवान का जाना हाल

रिहाई के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फोन पर राकेश्वर सिंह मनहास से बात की. शाह ने स्वास्थ्य का हाल जाना. गृहमंत्री ने राकेश्वर सिंह मनहास के परिवार वालों से भी बात की. परिवार वालों ने गृहमंत्री का आभार जताया है.

सीएम ने जताया आभार

अपहृत जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों की ओर से रिहा किए जाने पर सीएम भूपेश बघेल ने खुशी जाहिर की है. सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि केंद्र और राज्य के पुलिस अधिकारियों के प्रयासों से अपहृत जवान को रिहा कराने में सफलता मिली है. सीएम ने जवान की रिहाई के अभियान में मध्यस्थता के सहयोगी बने धर्मपाल सैनी, अन्य सामाजिक संस्थाओ के प्रतिनिधियों और स्थानीय पत्रकारों का आभार व्यक्त किया है.

रायपुर: बीजापुर पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के दौरान अगवा किए गए कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है. गुरुवार शाम को नक्सलियों ने ग्रामीणों और मध्यस्थता टीम के बीच जवान को रिहा किया. रिहाई के बाद जहां परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं केंद्र और राज्य सरकार ने भी चैन की सांस ली है.

बीजापुर एनकाउंटर में जवान के लापता होने से रिहा होने तक की कहानी

मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने किया था अगवा

3 अप्रैल को बीजापुर जिले के तर्रेम हुए नक्सली मुठभेड़ में कुल 22 जवान शहीद हो गए थे. वहीं 31 जवान घायल हुए. पुलिस सर्चिंग के दौरान पता चला था कि एक जवान लापता था. काफी खोजबीन के बाद पता चला कि राकेश्वर सिंह मनहास नाम के सीआरपीएफ के जवान को नक्सली अगवा कर अपने साथ ले गए हैं. 4 अप्रैल को नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिवीजन ने दावा किया था कि जवान उनके पास हैं और पूरी तरह सुरक्षित हैं. नक्सलियों ने समय आने पर छोड़ने की बात कही थी. 6 अप्रैल को राकेश्वर सिंह मनहास की फोटो बस्तर के कुछ स्थानीय पत्रकारों को मिली. फोटो देखकर दावा और पुख्ता हो गया कि जवान नक्सलियों के कब्जे में हैं.

बीजापुर एनकाउंटर में जवान के लापता होने से रिहा होने तक की कहानी

सरकार ने गठित की थी मध्यस्थता टीम

कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को छुड़ाने के लिए मध्यस्थता टीम गठित की थी. इसमें पद्मश्री धर्मपाल सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया शामिल थे. सैकड़ों गांववालों की मौजूदगी में राकेश्वर सिंह मनहास को रिहा कराया गया. CRPF और पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि राकेश्वर सिंह मनहास के रिहा होने के बाद उन्हें बासागुड़ा ले जाया गया. जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. CRPF के फील्ड अस्पताल में उन्हें कमजोरी और डिहाइड्रेशन का सामान्य उपचार दिया गया.

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बीजापुर एनकाउंटर में जवान के लापता होने से रिहा होने तक की कहानी

जवान की रिहाई में इनकी रही भूमिका

नक्सलियों के बुलावे पर जवान को रिहा कराने वार्ता दल समेत 11 सदस्यीय टीम पहुंची थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी दी कि जवान को रिहा कराने में सैनी और बोरैंया के अलावा माता रुक्मणि आश्रम जगदलपुर, आदिवासी समाज के कई लोगों और बीजापुर के पत्रकार गणेश मिश्रा और मुकेश चंद्राकर का सराहनीय योगदान रहा.

बीजापुर एनकाउंटर में जवान के लापता होने से रिहा होने तक की कहानी

परिवार ने की थी भावुक अपील

लोग अगवा किए गए कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों के कब्जे से रिहा कराने की मांग कर रहे थे. जम्मू स्थित परिवार के लोगों ने भी नक्सलियों से छोड़ने की अपील की थी. राकेश्वर सिंह की बेटी ने भी उसके पिता को छोड़ने की भावुक अपील की थी. उनकी अपील रंग लाई है और नक्सलियों ने राकेश सिंह मनहास को कैद से रिहा कर दिया.

जवान राकेश्वर सिंह की रिहाई से परिवार में खुशी की लहर

मां ने किया मोदी सरकार का किया धन्यवाद

जवान राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के बाद उनके जम्मू स्थित घर में खुशी का माहौल है. मनहास की पत्नि मीनू ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके वापस जरूर लौटेंगे. इधर राकेश्वर सिंह मनहास की मां ने बेटे की सकुशल वापसी पर मोदी सरकार का आभार जताया है.

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कोबरा जवान राकेश्वर सिंह

अमित शाह ने फोन पर जवान का जाना हाल

रिहाई के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फोन पर राकेश्वर सिंह मनहास से बात की. शाह ने स्वास्थ्य का हाल जाना. गृहमंत्री ने राकेश्वर सिंह मनहास के परिवार वालों से भी बात की. परिवार वालों ने गृहमंत्री का आभार जताया है.

सीएम ने जताया आभार

अपहृत जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों की ओर से रिहा किए जाने पर सीएम भूपेश बघेल ने खुशी जाहिर की है. सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि केंद्र और राज्य के पुलिस अधिकारियों के प्रयासों से अपहृत जवान को रिहा कराने में सफलता मिली है. सीएम ने जवान की रिहाई के अभियान में मध्यस्थता के सहयोगी बने धर्मपाल सैनी, अन्य सामाजिक संस्थाओ के प्रतिनिधियों और स्थानीय पत्रकारों का आभार व्यक्त किया है.

Last Updated : Apr 9, 2021, 7:58 AM IST
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